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Beer : कैन या बोतल वाली बीयर, कौन सी होती है सही, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Beer : अक्सर कई लोगों के मन में ये सवाल होता है कि क्या बोतल या कैन में बंद बीयर का स्वाद अलग-अलग होता है? कैन या बोतल, किसमें बंद बीयर बेहतर होती है? अगर ये बात पीने वालों से पूछी जाएं तो राय बंटी हुई है... ऐसे में इस मामले पर वाइन एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं, ये समझने की कोशिश करते है नीचे खबर में। 

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Beer : कैन या बोतल वाली बीयर, कौन सी होती है सही, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

HR Breaking News, Digital Desk-  पानी और चाय-कॉफी के बाद दुनिया की सबसे लोकप्रिय ड्रिंक्स में बीयर को शुमार किया जाता है. भारत समेत पूरी दुनिया में इसके प्रशंसक हैं. पीने वालों की सहूलियत के लिए यह आम तौर पर दो तरह की पैकिंग बोतल और कैन्स में उपलब्ध है. पारंपरिक तौर पर बीयर बोतलों में ही सबसे ज्यादा पी जाती है. हालांकि, बीते कुछ सालों में कैन में बंद बीयर की बिक्री आसमान छूने लगी है.

हर बड़ा ब्रांड अपनी बीयर कैन में जरूर बेचता नजर आएगा. ओल्ड स्कूल टाइप लोग अभी भी बोतलबंद बीयर ही पीना पसंद करते हैं लेकिन कैन्स युवाओं में ज्यादा पसंद की जाती है. क्या बोतल या कैन में बंद बीयर का स्वाद अलग-अलग होता है? कैन या बोतल, किसमें बंद बीयर बेहतर होती है? यह सवाल अक्सर पूछा जाता है. पीने वालों की पूछेंगे तो राय बंटी हुई है. ऐसे में इस मामले पर वाइन एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं, आइए समझने की कोशिश करते हैं.

 स्टडी में क्या पता चला- 
कई बीयर प्रेमियों की दलील है कि बोतल से पीने का मजा अलग है. इनमें से कुछ को तो कैन में बंद बीयर में धातु की बदबू भी महसूस होती है. हालांकि, बहुत सारे लोग कैनबंद बीयर को ज्यादा रिफ्रेशिंग और फ्लेवर वाला महसूस करते हैं. ऐसे में ब्रिटेन में एक स्टडी की गई, जो बेवरेजेस ( Beverages) नाम के जर्नल में छपी भी है. स्टडी के 3 हिस्से थे. पहले में लोगों से बोतल और कैन बीयर को लेकर सवाल पूछे गए. दूसरे हिस्से में लोगों को दोनों तरह के बीयर (आधे लोगों को बोतलबंद जबकि आधे लोगों को कैन वाली बीयर) पिलाकर सवाल पूछे गए. बीयर एक ही कंपनी के थे, बस पैकेजिंग अलग थी. तीसरे और आखिरी हिस्से में एक ब्लाइंड टेस्ट किया गया. इसमें हर प्रतिभागी को दोनों तरह की एक-एक गिलास बीयर चखने को दी गई. हालांकि, उन्हें यह नहीं बताया गया कि किस गिलास में बोतल वाली बीयर है और किसमें कैन वाली. 

सीधे सवाल-जवाब वाले हिस्से में 61 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने कहा कि उन्हें बोतल बंद बीयर पसंद है. 11.29% ने कैन बोतल को पसंदीदा बताया जबकि 27.42 ने दोनों के स्वाद को एक जैसा बताया. स्टडी के दूसरे हिस्से में जहां लोगों को बोतल या कैन बीयर का स्वाद चखकर राय देने कहा गया, वहां बोतल को बेहतर बताने वालों की तादाद ज्यादा बेहतर थी. हालांकि, यहां प्रतिभागियों को पहले से पता था कि वे बोतलबंद बीयर पी रहे या कैन वाली, इसलिए उनके मत के प्रभावित होने की गुंजाइश थी. ऐसे में ब्लाइंड टेस्ट से बेहतर निष्कर्ष निकाला जा सकता है. ब्लाइंड टेस्ट में कोई निष्कर्ष ही नहीं निकला. करीब 45 प्रतिशत लोगों ने कैन्ड बीयर को बेहतर माना तो 41 प्रतिशत ने बोतल वाली बीयर को. वहीं, 1.5 प्रतिशत ने दोनों का स्वाद बराबर बताया. कुल मिलाकर निष्कर्ष यही निकला कि बोतल या कैन की पसंद बस मनोवैज्ञानिक है. यानी मनोवैज्ञानिक कारणों से बोतल वाली बीयर ज्यादा बेहतर पसंद आती है. वहीं, कुछ लोग कैन्ड बीयर को मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट की वजह से कभी कभार पैदा होने वाले मेटैलिक टेस्ट की वजह से ठुकरा देते हैं. 

स्वाद में बेहतर कौन, क्या कहते हैं एक्सपर्ट -
वैज्ञानिक सबूत हैं कि प्रकाश के लंबे संपर्क में रहने पर बीयर का फ्लेवर और स्वाद गड़बड़ हो जाता है. इसलिए ही बीयर को अधिकतर गहरे रंग की बोतलों में पैक किया जाता है. हालांकि, यह व्यवस्था पूरी तरह से लाइट प्रूफ नहीं होती. इसलिए बोतल में बंद बीयर का लाइट एक्सपोजर में बेस्वाद होने का खतरा ज्यादा होता है. वहीं, बीयर को कैन किसी भी तरह के लाइट एक्सपोजर से बचाता है. कैन में बीयर का ऑक्सीडेशन कम होता है. इसलिए जानकार मानते हैं कि इसमें बीयर ज्यादा वक्त तक फ्रेश बना रहता है. वहीं, बोतल पर लगा क्राउन कैप भी बीयर को पूरी तरह से ऑक्सीजन के संपर्क में आने से रोक नहीं पाता. ऐसे में बोतलबंद बीयर के ऑक्सीडेशन की आशंका हमेशा रहती है और लंबे वक्त बाद इसमें बंद बीयर का स्वाद बदल भी सकता है.

कैन बीयर के पक्ष में कई बातें -
कैन बीयर को ट्रांसपोर्ट करना बेहद आसान होता है. भारी भरकम बोतलों की बजाए कैन को उठाना और पहुंचाना ज्यादा आसान है. वहीं, बोतलों के टूटने, खराब होने की आशंका ज्यादा होती है. कैन में बंद बीयर बोतलों के मुकाबले फ्रिज में ज्यादा तेजी से ठंडी होती है. कैन को खोलना आसान होता है क्योंकि अधिकतर बीयर की बोतलों पर सील्ड कैप लगी होती है, जिसके लिए ओपनर की आवश्यकता पड़ती है. कैन पर्यावरण के नजरिए से भी बेहतर विकल्प है क्योंकि इसे बोतल के मुकाबले रिसाइकिल करना ज्यादा आसान होता है. अब बात कैन में धातु की महक आने की तो एक्सपर्ट इसे सिरे से खारिज करते हैं. गुजरते वक्त के साथ पैकेजिंग तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं. ऐसे में मेटल की बदबू आने की गुंजाइश न के बराबर है, जब तक कि किसी मैनफैक्चरिंग डिफेक्ट की वजह से कोई लीकेज न हो.  

फाइनल जवाब, कैन या बोतल, कौन बेहतर -
ऊपर हम समझ चुके हैं कि कैन में बंद बीयर कुछ मामलों में बोतलबंद के मुकाबले बेहतर साबित होती है. कैन बंद बीयर का लंबे वक्त तक स्वाद बना रहता है. हालांकि, अगर किसी वाइन एक्सपर्ट से पूछेंगे कि गिलास  या कैन, किसमें बीयर पीना बेहतर है तो वो आपको कहेगा, दोनों में ही नहीं. जी बिलकुल, वो आपसे कहेगा कि दोनों ही तरह की बीयर को गिलास में डालकर पीना सबसे बेहतर है. अब इसकी वजह भी समझिए.

दरअसल, शराब के स्वाद को समझने में हमारी इंद्रियों की बड़ी भूमिका होती है. गिलास में परोसी शराब को देखना, उठाते वक्त उसे छूना, उसकी सुगंध को महसूस करना, फिर उसे पीना. कई बार सुनने वाली इंद्रियों को काम में लाने के लिए हम पैमाने भी लड़ाते हैं. यानी शराब को पीने में हमारी पांचों इंद्रियों का इस्तेमाल होता है. कैन या बोतल में बीयर को ढंग से देखना या उसके फ्लेवर को समझ पाना मुश्किल होता है, इसलिए किसी गिलास में बीयर को पीना सबसे बेहतर एक्सपीरियंस साबित हो सकता है.