home page

Dry Fruit : भारत में इस जगह आलू प्याज के भाव मिलते हैं काजू बादाम, लोग बुलाते हैं काजू शहर

cheapest dry fruits : ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। ठंड़ के मौसम में ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने वाली की संख्या में और भी इजाफा देखा जाता है। ऐसे में आज की इस खबर में हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसी जगह के बारे में जहां आलू प्याज के भाव मिलते हैं काजू बादाम, आइए खबर में जानते है काजू शहर बोले जाने वाली इस जगह के बारे में विस्तार से।
 | 
Dry Fruit : भारत में इस जगह आलू प्याज के भाव मिलते हैं काजू बादाम, लोग बुलाते हैं काजू शहर

HR Breaking News, Digital Desk- (Cheapest Cashew Nuts)लोगों में ड्राई फ्रूट का शौक होता है। लेकिन कीमत सुनते ही आम लोग या तो खरीदने से बचते हैं, जो कुछ हिम्मत जुटा लेते हैं वे कम मात्रा में खरीदकर जरूरतों को पूरा करते हैं। ड्राई फ्रूट में अकसर काजू काफी महंगा सौदा(expensive deal in dry fruits)होता है। जी हां आपने सही सुना है। काजू अपने मलाईदार बनावट और मीठे स्वाद के कारण सबसे लोकप्रिय सूखे मेवों में से एक है और इसे खाने के लिए हर कोई तरसता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा आपको स्वस्थ रखती हैं। काजू की कीमत हमेशा आसमान छूती रहती है और इसकी कीमत लगभग 800-1000 रुपये प्रति किलोग्राम होती है। 


ऐसे में कोई कहे कि काजू की कीमत(price of cashew nuts)आलू-प्याज से भी कम है तो शायद ही कोई विश्वास करे।  आपको बता दे की झारखंड में जामताड़ा नाम का एक जिला है, जिसे भारत की फ़िशिंग राजधानी (fishing capital)के रूप में भी जाना जाता है, जो इस लोकप्रिय मेवे को इतनी कम कीमत पर बेचता है। 

 


लोग बुलाते हैं काजू शहर


इस जामताड़ा शहर से महज चार किलोमीटर की दूरी पर 'नाला' नाम का एक गांव है, जिसे झारखंड का काजू शहर कहा जाता है। इस गांव में आप आसानी से 20-30 रुपये प्रति किलो की कीमत पर काजू प्राप्त कर सकते हैं, जो कि देश भर में किसी भी अन्य सब्जी के समान है।


यहां काजू इतने सस्ते क्यों हैं?(price of cashew nuts)


काजू इतनी सस्ती दर पर बिकने का पहला कारण यह है कि इस गांव में 50 एकड़ का क्षेत्र है, जहां ग्रामीण काजू की खेती करते हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जब वन विभाग ने पाया कि 2010 के आसपास नाला गांव की जलवायु और मिट्टी काजू की खेती के लिए अनुकूल है, तो काजू की खेती सभी के ध्यान में आई। 


इसके बाद काजू की खेती(cashew cultivation) बड़े पैमाने पर की गई। जैसे ही पौधों में काजू के फल लगते हैं किसान उन्हें इकट्ठा करके औने-पौने दाम में सड़क किनारे बेच देते हैं। यह स्थान अधिक विकसित नहीं है, इसलिए ग्रामीण काजू को इतनी सस्ती दरों पर बेचते हैं।