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Liquor : किस तरीके से शराब पीने से नहीं होता नुकसान, ड्रिंक करने वाले जरूर जान लें ये बात

Liquor :  शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है, ये हर किसी को पता है फिर भी लोग इसक सेवन करते हैं। पहले शौक के तौर पर ड्रिंक करने वालों की ये बाद में आदत बन जाती है। शराब पीने के नुकसान जानने के बावजूद वो इसे छोड़ नहीं पाते। दूसरी ओर अगर शराब का सेवन सही तरीके से किया जाए तो इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।   

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HR Breaking News (ब्यूरो)। सेहत के लिए शराब अच्छी नहीं और हम सभी इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानते हैं लेकिन फिर भी यह काफी हद तक दुनिया भर में अधिकांश लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गई है।शादी, पार्टी, डिनर और नाइट आउट जैसे कई मौकों पर लोग शराब का सेवन तेजी से बढ़ रहा है।  वैसे तो शराब पीना ही ठीक नहीं लेकिन अगर आप पी रहे हैं तो कोशिश करें कि आपकी सेहत को इससे कम से कम नुकसान हों।  हम आपको बताएंगे कि किस तरीके और लिमिट से शराब से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

 

 

कैसे दिल और दिमाग पर छाती है शराब

शराब का पहला घूंट पीते हैं तो यह सबसे पहले पेट तक पहुंचती है। अगर हमने शराब पीने से ठीक पहले कुछ खाया है तो पेट पचाने की प्रक्रिया में पहले से ही उस भोजन को तोड़ने के काम में व्यस्त होता है।  इसका नतीजा ये होता है कि शराब तेजी से शरीर में अवशोषित नहीं होती ।

खाली पेट और भरे पेट पर शराब का होता है ऐसा असर


पेट शराब को अवशोषित करता है लेकिन छोटी आंत की तुलना में धीमी गति से, इससे यह होता है कि अगर हमने कुछ खाया नहीं है तो शराब पेट से होकर तेजी से छोटी आंत तक पहुंच जाती है और ऐसे में वो तेजी से खून में मिलती है। खून में मिलने के बाद शराब दिल और दिमाग तक पहुंच जाती है जिससे जल्दी नशा होने लगता है।

आप अगर खाली पेट शराब पीते हैं तो शराब को छोटी आंत तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता और वो तेजी से नशा हो जाता है। खाली पेट शराब पीने से शराब का प्रभाव बढ़ जाता है।  वो तेजी से एब्जॉर्ब होती है और नशा भी तेजी से करती है। इसलिए खाने से पहले शराब का सेवन अलग तरह से असर करता है। वहीं, भोजन शराब के सामने एक सुरक्षात्मक दीवार का किरदार अदा करता है जो छोटी आंत में शराब के अवशोषण को धीमा कर देता है। अवशोषण प्रक्रिया में देरी कर भोजन प्रभावी ढंग से खून में अल्कोहल (Alcohol) तेजी से मिलने की प्रक्रिया को कम करता है। इसका मतलब ये है कि अगर आप शराब पीने से पहले भोजन करते हैं तो आप पर तुरंत नशा नहीं होता।

शराब और भोजन में संतुलन है जरूरी

Alcohol के अवशोषण पर भोजन का क्या प्रभाव होता है, ये समझने के साथ ही उसमें संतुलन बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। खाली पेट शराब पीने से नशा जल्दी और तेज हो सकता है जबकि शराब से पहले भोजन करने से इसका प्रभाव को धीमा किया जा सकता है। 

अगर आप भोजन और शराब के बीच संतुलन बना पाते हैं तो सही तरीके से ड्रिंकिंग कर पाएंगे। लेकिन अगर आप स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय मानना चाहते हैं तो पीने से पहले कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर हल्का भोजन और शराब के साथ लाइट स्नैक्स खाएं, यह तरीका आपको अगले दिन होने वाले हैंगओवर से बचने में भी सहायता करेगा। 

महिला और पुरूषों के लिए शराब पीने की लिमिट


शराब पीने से सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर अहम सवाल है कि शराब पीने की लिमिट क्या है? अलग-अलग स्टडीज के आधार पर ये ड्रिंक लिमिट (Alcohol Drinking Limit) तय की गई है। परूषों के लिए एक दिन में दो ड्रिंक्स और औरतों के लिए एक ड्रिंक्स की लिमिट बताई गई है। 
अलग-अलग गणनाओं के बाद ये माना गया है कि एक ड्रिंक या एक पेग में लगभग 14 ग्राम शराब (Alcohol) होती है। लगभग 340 एमएल की बीयर की छोटी बोतल, जिसमें 5 फीसदी अल्कोहल है, उसे एक ड्रिंक के तौर पर मान सकते हैं।   


किस तरह शराब पीने से फायदा


12 फीसदी Alcohol वाले लगभग 140 ML वाइन के गिलास और 40 फीसदी अल्कोहल वाली लगभग 40 एमएल की हार्ड लिकर (Rum Whiskey) के गिलास को भी एक ड्रिंक मान सकते हैं।  लोगों की रोजाना की शराब की औसत खुराक के आधार पर ये स्टडी की गई है। यह अब भी बहस का विषय है कि कम शराब पीने से सेहत को किस तरह फायदा होता है। इसका मतलब ये है कि फायदा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हर रोज शराब पीने वालों को मिलेगा या फिर शराब की थोड़ी मात्रा बढ़ाकर और रोज पीने की बजाय हफ्ते में 3-4 दिन पीने वालों को ।


इन लोगों को माना जाता है हैव्वी ड्रिंकर


अधिक मात्रा में शराब पीने से होने वाले दुष्परिणामों की लंबी लिस्ट है। शराब (Alcohol) का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने वालों को रोड एक्सिडेंट और लड़ाई-झगड़े जैसी मुसीबतों के अलावा अलग-अलग किस्म के कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर और सिरोसिस जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार एक दिन में 4 ड्रिंक और एक हफ्ते में 14 ड्रिंक (Alcohol) से ज्यादा लेने वाले मर्द और एक दिन में 3 और एक हफ्ते में 7 ड्रिंक से ज्यादा शराब पीने वाली महिलाएं पियक्कड़ की श्रेणी में आती हैं।