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Wine Beer : एक सप्ताह में कितनी शराब पीनी चाहिए, पीने वाले जरूर जान लें लिमिट

Alcohol Heavy Drinking: अधिकतर लोगों को पता नहीं होता कि वे शराब की 'ओवरडोज' ले रहे हैं, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. शराब हमेशा लिमिट में पीनी चाहिए, जिससे शरीर को ज्यादा नुकसान न हो. आज आपको बताएंगे कि शराब की हैवी ड्रिंकिंग कब हो जाती है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। आज के जमाने में शराब (Liquor) पीना शौक बन गया है. बड़ी संख्या में युवा बार (Bar) में बैठकर जाम छलकाते हुए देखे जा सकते हैं. मौका अगर खुशियों का हो, तो फिर शराब पीने वालों की तादाद और भी ज्यादा बढ़ जाती है. कुछ लोग शराब कम मात्रा में पीते हैं, तो कुछ लोग मन भरने तक ड्रिंक पर ड्रिंक बनाते रहते हैं. क्या आप जानते हैं कि कितनी शराब पीने वाले लोगों को हैवी ड्रिंकर (Heavy Drinker) माना जाता है? आज हम आपको हैवी ड्रिंकिंग और इससे होने वाले बड़े नुकसान के बारे में बताएंगे.

ऐसे लोगों को माना जाता है हैवी ड्रिंकर


सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक जो पुरुष एक सप्ताह में 15 ड्रिंक्स या इससे ज्यादा शराब पीते हैं, उन्हें हैवी ड्रिंकर माना जा सकता है. महिलाओं की बात की जाए तो उनके लिए यह पैमाना थोड़ा अलग है. एक सप्ताह में 8 या इससे ज्यादा ड्रिंक्स लेने वाली महिलाओं को हैवी ड्रिंकर माना जा सकता है. आसान भाषा में कहें तो हर दिन 1 या 2 ड्रिंक्स से ज्यादा शराब पीने को हैवी ड्रिंकिंग कहा जा सकता है. आमतौर पर एक ड्रिंक में करीब 30ml शराब होती है. बीयर में करीब 5% अल्कोहल और शराब में 12% अल्कोहल होता है. अलग-अलग ब्रांड में यह मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है.

कितनी मात्रा में शराब पीना सेफ?


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी मात्रा में शराब पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं है. शराब की पहली बूंद से ही आपकी हेल्थ को गंभीर खतरे पैदा होने की शुरुआत हो जाती है. शराब पीने से ब्रेस्ट कैंसर, बॉवल कैंसर समेत 7 तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. शराब में अल्कोहल होता है, जो हेल्थ के लिए काफी टॉक्सिक माना जाता है. शराब में मौजूद तत्व शरीर में जाकर उठ जाते हैं और जहरीला असर हमारे कई अंगों पर डालते हैं. इससे फिजिकल और मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि शराब का लंबे समय तक सेवन करने से हमारे दिमाग की केमिस्ट्री बदल जाती है और उसका साइज भी छोटा हो जाता है.