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Wine Beer : शराब पीने से पहले गिलास टकराकर क्यों बोलते हैं चीयर्स, पीने वालों को भी नहीं पता होगी ये बात

gilas takra kar kyon bolate hain cheers- शराब पीने का सभी का अलग अलग तरीका होता है। लेकिन जब महफिल में शराब पीने के लिए बैठते हैं तो चीयर्स बोलना कोई नहीं भूलता। सभी एक दूसरे के गिलास से गिलास टकराकर चीयर्स बोलते हैं। कहा जाता है कि ये परंपरा सालों पुरानी है। वहीं, कुछ लोग शराब को होंठो से लगाने से पहले अंगुलियों से इधर-उधर छिड़कते हैं। अगर आप भी शराब पीने का शौंक रखते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि शराब पीने से पहले गिलास टक्कराकर चीयर्स क्यों बोलते है-

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HR Breaking News, Digital Desk - शराब पीने वाले इस बात से पूरी तरह से वाकिफ होते हैं कि शराब को होंठो से लगाने से पहले चीयर्स बोला जाता है। कहा जाता है कि ये परंपरा सालों पुरानी है। वहीं, आपने कुछ लोगों को शराब पीने से पहले गिलास से शराब की बूंदों को अंगुलियों से इधर-उधर छिड़कते जरूर देखा होगा। वैसे ही महफिल में चीयर्स किए बिना शराब को पीने का मतलब है जैसे फोन पर बातचीत शुरू करने से पहले हेलो न कहना। अगर आप शराब पीने का शौंक रखते हैं तो ऐसे में आपको इस बात की जानकारी जरूर होना चाहिए कि शराब पीने से पहले चीयर्स क्यों बोला जाता है। आइए जानते हैं-

शराब पीने से पहले क्यों बोलते हैं चीयर्स - 

शराब पीने का कोई भी दौर गिलासों को आपस में टकराने और ‘चीयर्स’ के उत्साहवर्धक नारे के बिना शुरू नहीं होता. बहुत बार ऐसा हुआ होगा कि आपके दोस्तों ने आपको बिना गिलास टकराए या चीयर्स बोले शराब पीने की शुरुआत करने के लिए टोका होगा और फिर आपने संकोचवश सिर हिलाते हुए और उत्साहपूर्वक अपना गिलास बाकी सभी के गिलास (Why Clink Glass Before Drinking) से मिलाया होगा. क्या आप शराब पीने की इस प्रथा के पीछे का कारण जानते हैं, आखिर क्यों गिलासों को टकराया जाता और चीयर्स (cheers) बोला जाता है?

चलिए हम आपको इसके बारे में सब कुछ बताते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रिवाज (Glass clinking tradition) से जुड़ी एक बहुत लोकप्रिय मान्यता है. प्राचीन यूरोप में शराबखानों और दावतों के दौरान बीयर के गिलासों का बजना बहुत आम बात थी. गिलासों को चटकाया जाता था जिससे दूसरे व्यक्ति के गिलास में थोड़ी सी शराब गिर जाए. इस बात से यह साबित किया जाता था कि आपने अपने साथी की ड्रिंक में जहर नहीं मिलाया है.

इस वजह से पहले गिलास टकराते थे लोग


उन दिनों जब योद्धा, रईस और दरबारी मौज-मस्ती और शराब पीने के लिए शाम को बैठते थे, तो उनके बीच नशे में झगड़े और व्यक्तिगत दुश्मनी हो जाना बेहद आम बात हुआ करती थी, इसलिए गिलास चटकाने और अपनी शराब दूसरे के गिलास में गिराने का मतलब था कि वो एक दूसरे को मारने की कोशिश नहीं कर रहे थे. हालांकि, इतिहास में इस प्रथा का कोई सबूत नहीं है.
 

इंद्रियों को एक्टिव करना है कारण


इसके पीछे एक और प्रचलित कारण थोड़ा अधिक वैज्ञानिक है. माना जाता है कि गिलासों की खनक की आवाज पीने के मजे को और भी ज्यादा बढ़ा देती है क्योंकि ऐसा करने में शरीर की एक और इंद्री यानी सुनने की इंद्री भी एक्टिव हो जाती है. माना जाता है कि शराब, विशेष रूप से वाइन, का सबसे अच्छा आनंद तब लिया जाता है जब सभी इंद्रियां इसमें शामिल होती हैं. इसी वजह से लोग चीयर्स (Why people say Cheers before drinking) बोलते हैं, जिससे उनके अंदर ऊर्जा का वास हो और सुनने की इंद्रियां एक्टिव हो जाएं.

शराब के साथ गिलास को भी पहचानना

 

 

क्या कभी रेस्टो-बार में बैठकर शराब की चुस्कियां लेते वक़्त आपके मन में यह ख्याल आया है कि हर किस्म की ड्रिंक के लिए अलग-अलग गिलास क्यों? वाइट वाइन सॉलिड बेस वाले गिलास में परोसी जाती है। लेकिन, व्हिस्की के लिए बर्फ के साथ छोटा गिलास होता है। मार्टिनी नींबू से सजाए गए फैंसी गिलास में सर्व की जाती है। क्या यह सिर्फ शराब को आकर्षक दिखाने के लिए किया जाता है, या फिर इसके पीछे कोई विज्ञान है? आइए जानते हैं कि कौन-सी शराब किस गिलास में परोसी जाती है और क्यों?

बीयर गोबलेट (Beer Goblet)


नए जमाने के पब अक्सर बीयर परोसने के लिए लंबे गिलास का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें ऊपर से बहुत अधिक झाग होता है। लेकिन, पारंपरिक रूप से बीयर को हमेशा गोबलेट में परोसा जाता है। यूरोपीय खनिक दिनभर की मेहनत के बाद ज़्यादा मात्रा में गर्म बियर का स्वाद लेने के लिए मग का इस्तेमाल करते हैं। गोबलेट एक गुब्बारे के आकार का गिलास होता है, जिसका निचला हिस्सा पतला और आधार गोल चपटा होता है। बीच वाला हिस्सा सबसे ज़्यादा फैला होता है, जो ऊपर जाकर थोड़ा संकरा हो जाता है। इससे बीयर का झाग कांच के भीतर ही घूमता रहता है।

लोबॉल टम्बलर (Lowball Tumbler)


यह व्हिस्की, रम या वोदका जैसी हार्ड स्पिरिट्स परोसने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे मशहूर गिलासों में से एक है, जिन्हें पानी, कोक या फिर बर्फ मिलाकर पतला करना पड़ता है। इस गिलास के सिंपल शेप और साइज के पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं। इसे आप एक बोरिंग गिलास मान सकते हैं, जिसका इकलौता मकसद बतकही और फैशन के बगैर शराब पीना है।

हाईबॉल या कॉलिन्स (Highball or Collins)


यह गिलास लोबॉल टम्बलर के पतले और लंबे संस्करण हैं। इस वजह से मोजिटो या फिर ब्लडी मैरी जैसे रंगीन शराबों में गार्निशिंग के लंबे टुकड़ों को आराम से रखा जा सकता है। यह क्रश्ड आइस टॉपिंग की भी इजाज़त देता है। इसका इस्तेमाल ज़्यादातर नॉन-फिजी ड्रिंक्स के लिए किया जाता है। हाईबॉल सादगी और खूबसूरती का अद्भुत मेल है।

शॉट्स (Shots)


यह 45 मिलीलीटर के छोटे गिलास होते हैं, जिनका उपयोग अलग-अलग शराब के एक घूंट के लिए किया जाता है। इसमें सबसे लोकप्रिय टकीला है, जो कि मैक्सिकन ड्रिंक है। टकीला शॉट्स ज़्यादातर नींबू पानी के छींटे और चुटकी भर नमक के साथ होते हैं। शॉट्स उन पीने वालों के लिए मुफीद हैं, जो अपनी ड्रिंक के साथ ज़्यादा तामझाम नहीं पसंद करते और अपनी मेज को साफ़-सुथरा रखना चाहते हैं।

मार्टिनी गिलास (Martini Glass)


यह यकीनन बार में सबसे स्टाइलिश गिलास है। मार्टिनी दुनिया के सबसे दिलकश जासूस जेम्स बॉन्ड की भी पसंदीदा शराब है। यह उल्टा शंक्वाकार शेप का गिलास होता है, जिसके बीच का हिस्सा पेन की तरह पतला होता है। इस गिलास को सजावटी गार्निशिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है, क्योंकि इसमें ज़्यादातर मार्टिनी या कॉकटेल परोसी जाती है। बीच का पतला हिस्सा शराब को ठंडा रखने में मदद करता है, क्योंकि गर्म हाथ से बार-बार छूने पर उसकी ठंडक जा सकती है।


शैंपेन फ्लूट (Champagne Flute)


यह भी कुछ-कुछ मार्टिनी गिलास जैसा ही होता है, लेकिन इसका ऊपरी हिस्सा शंक्वाकार की बजाय गोलाकार होता है। कभी हद तक कंप्रेस्ड बैलून के जैसे। रिम संकरा होता है, ताकि बीयर गॉबलेट की तरह इसमें भी बुलबुला लंबे वक़्त तक टिका रहे। इसका उपयोग किर रोयाले या मिमोसा जैसे कॉकटेल के लिए किया जाता है, जो शैंपेन-बेस्ड ही होते हैं।

वॉइट वाइन गिलास (White Wine Glass)


जैसा कि नाम से पता चलता है, इसका इस्तेमाल वॉइट वाइन और उससे मिलती-जुलती शराब परोसने के लिए किया जाता है। इसका भी बीच वाला हिस्सा पतला होता है, लेकिन शैंपेन फ्लूट के मुक़ाबले छोटा और गोल। यह चुलबुली ड्रिंक है, जिसे ठंडा परोसा जाता है। इसलिए इसका भी नीचे का हिस्सा पतला और ऊपरी हिस्सा संकरा होता है।

रेड वाइन गिलास (Red Wine Glass)


वाइट वाइन गिलास की तुलना में रेड वाइन गिलास का शेप गोल होता है। चूंकि रेड वाइन को रूम टेम्परेचर पर परोसा जाता है, इसलिए शराब के लिए हाथ की गर्मी कोई मायने नहीं रखती। इसलिए इसे उसी हिसाब से बनाया भी जाता है। इस गिलास में जिन और टॉनिक को भी परोसा जा सकता है, ख़ासकर महिला ड्रिंकर्स को।

इनके अलावा भी शराब के हिसाब से अलग-अलग गिलास हो सकते हैं। यहां तक कि कुछ शराब को पीने के लिए कांच के बने गिलास की ज़रूरत ही नहीं होती। उनके लिए ख़ासतौर पर नारियल या तरबूज जैसे फलों के छिलके का उपयोग करके बर्तन बनाए जाते हैं। अगर आप पब या रेस्टो-बार में शराब पी रहे हैं और आपको कांच पर ग्रीस के दाग या उंगलियों के निशान मिलते हैं, तो आप बेझिझक नई ड्रिंक ऑर्डर कर सकते हैं, वह भी अतिरिक्त पैसा दिए बगैर।

वैसे अगर आप इन गिलास के सेट के साथ अपने घर पर ही बार बनाने की योजना बना रहे हैं, तो अपने मेहमानों की सेवा के लिए कुछ गिलास शिष्टाचार का पालन ज़रूर करें।

1. गिलास के रिम को कभी न छुएं। यह अस्वच्छता तो है ही, असभ्यता भी है।

2. मेहमान को गिलास भेंट करते समय निचले हिस्से को पकड़ें। इससे मेहमान को ड्रिंक पकड़ने में सहूलियत होगी।

3. अगर मेहमान ने आइस क्यूब के साथ ड्रिंक की गुजारिश की है, तो किसी भी रोली-पॉली गिलास का इस्तेमाल करें, ड्रिंक चाहे कोई भी हो।

4. जहां तक हो सके, गिलास में शराब अतिथि के सामने ही डालें, ताकि वह अपने हिसाब से गिलास और शराब की मात्रा का चयन कर सकें।

5. धुले गए गिलास को सुखाने के लिए टिशू पेपर का इस्तेमाल करें। इससे गिलास तो साफ़ रहता ही है, डिटर्जेंट जैसी गंध भी दूर हो जाती है।

6. गिलास को जोर से लड़ाकर चीयर्स कहने से बचें। अगर आप गिलास को सिर्फ हवा में लहराकर चीयर्स कहते हैं, तब भी आपके मजे में कोई कमी नहीं आएगी।

स्टील के गिलास में शराब पीने से नुकसान? जानिए क्या है सच्चाई-

पूरी दुनिया में शराब सबसे ज्यादा शीशे के गिलास में ही परोसी जाती है।  देखा जाए तो पीने के शौकीन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि पैमाना किस चीज का बना है। आपने भी लोगों को शीशे के चमचमाते पैमानों से लेकर प्लास्टिक गिलास और मिट्ठी के कुल्हड़ों तक में इसका आनंद उठाते देखा होगा।

हालांकि, संभ्रांत समाज में स्टील के गिलास में शराब परोसा जाना और पीना जरा 'डाउनमार्केट' माना जाता है। आखिर क्या वजह है कि बहुत सारे लोग स्टील के गिलास में शराब पीने को सही नहीं मानते। क्या सेहत के नजरिए से भी यह ठीक नहीं है? आइए, जानते हैं क्या है सच्चाई। 

सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं 


जानकार मानते हैं कि स्टील के गिलास में शराब पीने का सेहत के नजरिए से कोई नुकसान नहीं है। शराब बनाने की पूरी प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले उपकरण तक स्टेनलेस स्टील के बने होते हैं। फर्मेंटिंग टैंक से लेकर फिल्टरिंग उपकरण तक स्टील के बने होते हैं। इस बात के सबूत भी नहीं मिले कि स्टील के गिलास में शराब डालने से उसका केमिकल नेचर या फ्लेवर प्रभावित होता हो। यानी स्टील के गिलास में शराब बिलकुल सेफ है। बाजार में तो कुछ स्टायलिश बीयर मग भी मौजूद हैं, जो स्टेनलेस स्टील के बने होते हैं। और तो और, कॉकटेल्स बनाने के शेकर्स और दूसरे मिक्सिंग उपकरण भी स्टेनलेस स्टील के ही बने होते हैं। 


तो स्टील गिलास से क्या नुकसान 


जानकारों के मुताबिक, शराब पीने के एहसास को बेहतर बनाता है उसे पूरी शिद्दत से महसूस कर पाना। खाने-पीने के स्वाद के एहसास की सबसे बड़ी ताकत है हमारी आंखें।  बाकी शराब की महक, उसका स्वाद, उसका स्पर्श आदि महसूस करने के लिए हमारी दूसरी ज्ञानेंद्रियां मदद करती हैं। कान का इस्तेमाल तब होता है, जब हम पैमाने टकराते हैं और इसकी खनक हमारे कानों तक पहुंचती है। ऐसे में स्टील के गिलास का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि पीते वक्त शराब को देख पाना ही मुमकिन नहीं हो पाता।

पीने से पहले आंखों से शराब को देखने का मनोवैज्ञानिक असर बहुत बड़ा होता है, जिसका संबंध सीधे उसके स्वाद से होता है। स्टील के गिलास इसी एहसास को बेहद सीमित कर देते हैं। यह कुछ वैसा ही है, मानो आंखों पर पट्टी बांधकर कोई स्वादिष्ट चीज खाना। वहीं, स्टेनलेस स्टील के गिलास में धातु की महक भी आ सकती है, जो शराब के फ्लेवर के एहसास में बाधा बन सकती है। कांच के गिलास गंधहीन होते हैं, इसलिए ये नुकसान नहीं होता। 

ये तो स्टाइल का भी मामला है! 


भारत में अधिकतर लोगों को शराब में पानी, सोडा, जूस, कोल्ड ड्रिंक आदि मिलाने की आदत होती है। शीशे के गिलास में यह सुविधा है कि पीने वाले को डाली गई शराब और उसमें मिलाए जाने वाले दूसरे तरल की मात्रा का पूरा एहसास रहता है। वहीं, शराब बेचने वाली कंपनियों ने भी इसकी मार्केटिंग कुछ तरह की है कि पीने के साथ-साथ पीने का तरीका भी बेहद अहम हो चला है। विज्ञापनों ने खूबसूरत ग्लासेज में महंगी शराब पीने को इतना स्वीकार्य बना दिया है कि स्टील के गिलास उस एहसास को कमतर करते हुए लगते हैं। रूपहले पर्दे पर किसी रईस किरदार को स्टील के गिलास में शराब पीते आपने शायद ही कभी देखा हो।