home page

किसान : किसान आंदोलन का दिखा असर, आढ़ती हड़ताल से हरियाणा के 12 जिले प्रभावित

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। किसान आंदोलन का असर अब जिला स्तर पर भी देखा जा रहा है। किसानों को गेहूं की पेमेंट सीधे बैंक खातों में देने के विरोध में 12 जिलों के आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इन्हें मजदूर संघ ने भी समर्थन दिया। जिन जिलों में हड़ताल रही, उनमें करनाल, सोनीपत, पानीपत, कैथल,
 | 
किसान : किसान आंदोलन का दिखा असर, आढ़ती हड़ताल से हरियाणा के 12 जिले प्रभावित

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। किसान आंदोलन का असर अब जिला स्तर पर भी देखा जा रहा है। किसानों को गेहूं की पेमेंट सीधे बैंक खातों में देने के विरोध में 12 जिलों के आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इन्हें मजदूर संघ ने भी समर्थन दिया। जिन जिलों में हड़ताल रही, उनमें करनाल, सोनीपत, पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद, जींद व हिसार शामिल हैं। हिसार व कैथल में गेहूं खरीद पर असर नहीं रहा।

किसानों की रैली नहीं ये रैला है, सरकार की हिला कर रख दी नींव। HR BREAKING NEWS

इन 12 जिलों में गुरुवार को करीब 5231 किसान 4,87,58 क्विंटल गेहूं लेकर पहुंचे, पर करीब 515 किसानों का 28,800 क्विंटल गेहूं ही बिका। यानी 4716 किसानों की 4,58,258 क्विंटल गेहूं नहीं बिक सका। बाकी 10 जिलों में आढ़तियों ने हड़ताल न करने का फैसला लिया है। उधर, करनाल में आढ़ती शाम तक दोफाड़ हो गए। एक एसोसिएशन ने हड़ताल खत्म कर दी।

किसान आंदोलन ने लिया नया रूप, प्रशासन ने पक्के मकान बनाने से रोका तो किसानों ने बीच का रास्ता निकाल बनाई झोपड़ियां

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि आढ़तियों की मांगें मान ली गई हैं। 75% किसानों ने पेमेंट सीधे खाते में मांगी है। 25% ही आढ़तियों के माध्यम से पेमेंट मांग रहे हैं। आढ़तियों के जरिए पेमेंट दिए जाने की मांग एफसीआई को भेजी गई है। उधर, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कई जिलों में मंडियों का दौरा किया। उन्होंने सरकार से आढ़तियों की मांगें पूरी कर खरीद प्रक्रिया सुचारू कराने की मांग की।

जानिए कहां कैसी व्यवस्था: करनाल में आढ़ती एसोसिएशन दोफाड़

करनाल: एक एसोसिएशन के प्रधान रजनीश चौधरी के नेतृत्व में हड़ताल रही। दूसरी के एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर पाढ़ा ने हड़ताल खत्म कर दी।

सोनीपत : आढ़तियों ने मंडियों में फसल अपनी फड़ पर उतरवाई जरूर, लेकिन बिक्री नहीं कराई। अनुमान है कि मंडी शुक्रवार को ही भर जाएगी।

कुरुक्षेत्र: सुबह डिपो होल्डर्स के जरिए खरीद शुरू तो की, लेकिन आढ़तियों ने झरने नहीं चलाने दिए और दोपहर 12 बजे कामकाज ठप हो गया।

पानीपत: 224 किसान 1,07000 क्विंटल गेहूं लेकर पहुंचे। खरीद नहीं हुई। बारदाना पर्याप्त नहीं खुले में 50 हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं पड़ा है।

जींद: जींद, जुलाना, पिल्लूखेड़ा, अलेवा मंडी में खरीद नहीं हुई। शाम को सफीदों में खरीद शुरू हुई। शुक्रवार के लिए 500 किसानों को मैसेज है।

सिरसा: किसान रात में गेहूं की रखवाली के लिए मंडी में ही जमे हुए हैं। कच्चा आढ़ती के लाइसेंस जारी कर डिपो होल्डरों को खरीद के लिए कहा है।

अम्बाला: मार्केट कमेटी ने बुधवार काे डिपाे हाेल्डराें काे खरीद के लिए लाइसेंस जारी किए थे, लेकिन गुरुवार को डिपो होल्डरों ने खरीद नहीं की।

यमुनानगर: मजदूर आराम करते रहे। कमेटी ने डिपो संचालकों को अस्थाई लाइसेंस दिए हैं। शुक्रवार से इनके माध्यम से खरीद होने की उम्मीद है।

भिवानी: किसान गेहूं को मंडी में डालकर घर चले गए। शुक्रवार के लिए करीब दो हजार किसानों को मैसेज को हैं। मंडी में बारदाने की कमी नहीं है।

फतेहाबाद: ज्यादातर मंडियाें में खरीद नहीं की गई, लेकिन टोहाना में दोपहर 12 बजे खरीद हुई, लेकिन हड़ताल का पता चलते ही 2 बजे खरीद बंद हो गई। यहां करीब 20 हजार क्विंटल गेहूं खरीदा गया।

सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च: डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले साल में बचा सकता है किसानों के डेढ लाख तक रुपए, पढ़िए खूबियां

सरकार की तैयारी – डिपो होल्डर्स व एफपीओ के जरिए खरीद करेंगे

कृषि मंत्री ने कहा कि सभी डीसी को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कहा है। जो डिपो होल्डर या एफपीओ खरीद करना चाहते हैं, उन्हें डीसी अस्थाई लाइसेंस दे सकते हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी ने बताया कि अब तक 8.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं के गेट पास कटे हैं। 5.60 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है।

आढ़तियों के लिए घोषणा खरीफ सीजन के 15 दिन बाद पेमेंट पर 9% ब्याज

सरकार ने फैसला किया है कि खरीफ सीजन 2020-21 के दौरान जिन आढ़तियों को सीजन की समाप्ति के 15 दिन बाद (1 जनवरी 2021 के बाद) फसल की कीमत की अदायगी हुई है, उनको देरी से मिली कुल राशि पर 9% ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इससे प्रदेश के 9828 आढ़तियों को करीब 1.18 करोड़ रु. ब्याज के रूप में मिलेंगे।