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पुलिस ने सर फोड़ा तो डॉक्टर्स ने मरहम तक नही लगाई, सरकार पर पूंजीवाद हावी है, अब आगे की रणनीति कल होगी तय – राकेश टिकैत

HR BREAKING NEWS, करनाल। हरियाणा के करनाल जिले में बीते शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत करनाल पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सिविल अस्पताल में जाकर घायल किसानों से मुलाकात की व उनका हालचाल जाना। फिर बसताड़ा टोल पर जाकर भी किसानों से बातचीत की। किसानों पर हुए
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पुलिस ने सर फोड़ा तो डॉक्टर्स ने मरहम तक नही लगाई, सरकार पर पूंजीवाद हावी है, अब आगे की रणनीति कल होगी तय – राकेश टिकैत

HR BREAKING NEWS, करनाल। हरियाणा के करनाल जिले में बीते शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत करनाल पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सिविल अस्पताल में जाकर घायल किसानों से मुलाकात की व उनका हालचाल जाना। फिर बसताड़ा टोल पर जाकर भी किसानों से बातचीत की। किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के सभी पदाधिकारी करनाल आएंगे। यहां सभी एकजुट होंगे और आगे की रणनीति यहीं तय करेंगे। उनके वकील और अन्य पदाधिकारी कानूनी कार्रवाई को अमल में लाएंगे।

सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर शहर में कर्फ्यू जैसे हालात बनाकर लोगों को परेशान किया है। किसानों को शहर में आने से रोकने के लिए लाठीचार्ज करवाने की पूरी योजना बनाई गई। वहीं जानकारी मिली है कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक घरौंडा अनाज मंडी में सोमवार सुबह 11 बजे होगी। इस बैठक में ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

सरकार पर पूंजीवाद हावी :

टिकैत ने आगे कहा कि सरकार के आदेश के बिना अधिकारी नहीं चल सकता। लाठीचार्ज तो हल्का बल प्रयोग करके खदेड़ना होता है। यहां तो किसानों के सिर फोड़े गए और कई की तो हड्डियां तक टूट गईं। पूरा माहौल ऐसा तैयार किया कि किसानों को दबाया जाए। यह सब घटनाएं यह दर्शाती है कि इस सरकार पर पूंजीवाद हावी है। सरकार उनके कब्जे में है। सरकार अब गुंडागर्दी पर आ चुकी है।

किसानों ने लगाए डॉक्टर्स पर आरोप :

राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल के अस्पताल में आए तो पता चला कि यहां के डॉक्टरों पर भी प्रशासन का कब्जा है। कई घायल किसानों को बिना इलाज दिए घर भेज दिया गया। 4 से 5 बार सैकड़ों किसानों पर लाठीचार्ज हुआ है। हर किसान का सर फोड़ने का बयान देने वाले अधिकारी पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए या उसकी पोस्टिंग नक्सलवाद प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में करनी चाहिए। बसताड़ा टोल पर घायल होने वाले किसान रविवार को सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका शनिवार को डॉक्टरों ने इलाज नहीं किया और उन्हें अपने घर भेज दिया गया। इस बारे में सभी किसानों को सूचना दी गई। सभी ने इकट्ठे होकर अस्पताल में पहुंचकर अपना इलाज करवाया।

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