कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भिड़ा रहे जुगाड़,नही बन रही कोई बात

HR Breaking News, चंडीगढ़ ब्यूरो, Haryana Congress Tussle: हरियाणा कांग्रेस में नेताओं के बीच खींंचतान कम नहीं हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई भी इस बार हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं और पूरी जुगत लगा रहे हैं।
वह हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनने में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का साथ नहीं मिलने के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ समीकरण बनाने में जुट गए हैं। उन्होंने सुरजेवाला से मुलाकात की है।
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हरियाणा में बदलाव की सुगबुगाहट, रणदीप सुरजेवाला विधायक कुलदीप बिश्नोई के निवास पर पहुंचे
दरअसल, कुलदीप बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस में अपने भविष्य को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। हरियाणा कांग्रेस की माैजूदा अध्यक्ष कुमारी सैलजा को हटाकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं तो पूर्व सीएम भजन लाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई ने खुद प्रदेशाध्यक्ष बनने के लिए ऐंड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
कुलदीप बिश्नोई पहले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मिलकर राज्य कांग्रेस में बदलाव का एक फार्मूला हाईकमान को देकर आए थे। इसमें कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष, हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता और दीपेंद्र हुड्डा व नीरज शर्मा सहित प्रदीप चौधरी को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना था।
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अब बताया जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का साथ नहीं मिल रहा है और इस कारण वह हुड्डा से पूरी तरह निराश हो गए हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी आलाकमान के नजदीकी व राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला पर डोरे डालने शुरू किए हैं।
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रणदीप सुरजेवाला खुद कह चुके हैं कि उन्होंने 2004-05 वाली एकजुट कांग्रेस देखने का प्रण लिया हुआ है। इसके लिए चाहे उन्हें कुछ भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। सुरजेवाला और कुलदीप बिश्नोई की आपस में कभी पहले पटरी नहीं बैठी, इसके बावजूद भी कुलदीप ने अब अपने निवास पर रणदीप को बुलाकर यह साफ कर दिया है कि वह इस बार हरियाणा कांग्रेेसकी कमान हासिल करने के लिए हर दांव आजमाने को तैयार हैंं।
रणदीप के साथ बनता है जाट- गैर जाट का समन्वय
कुलदीप बिश्नोई ने किसी मंच पर यह खुलेआम कह दिया है कि वह दीपेंद्र हुड्डा के साथ कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनेंगे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दीपेंद्र को प्रदेशाध्यक्ष बनवाने का सपना फिलहाल साकार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई और रणदीप सुरजेवाला हाईकमान के सामने जाट-गैर जाट के समन्वय का फार्मूला दे सकते हैं।