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पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने डीजल व पैट्रोल की बढ़ती कीमतों के चलते सरकार पर कसा तंज

HR BREAKING NEWS,पंचकूला । हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि निरन्तर बढ़ रही पैट्रोल और डीजल की कीमतों और मंहगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है। जिसका खामियाजा आज जनता को भुगतना पड़ रहा है। डीजल के दामों में आज हुई 16 पैसे की कमी पर तंज कसते हुए चंद्रमोहन ने
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पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने डीजल व पैट्रोल की बढ़ती कीमतों के चलते सरकार पर कसा तंज

HR BREAKING NEWS,पंचकूला ।  हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने  कहा कि निरन्तर बढ़ रही पैट्रोल और डीजल की कीमतों और मंहगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है। जिसका खामियाजा आज  जनता को भुगतना पड़ रहा है। डीजल के दामों में आज हुई 16 पैसे की कमी पर तंज कसते हुए चंद्रमोहन ने कहा कि सरकार की, इससे बड़ी असंवेदनहीनता का उदाहरण और क्या हो सकता है कि 87 दिन के बाद डीजल के दाम 16 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से घटाए गए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले 15 अप्रैल को बंगाल के चुनाव के दौरान 15 अप्रैल को पट्रोल और डीजल के दामों में मामूली कटौती की गई थी। उन्होंने कहा कि कल की सबसे बड़ी सरकार की यही खबर होगी कि नये पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने डीजल के दामों में 16 पैसे प्रति लीटर की कटौती की, हालांकि पट्रोल के मूल्य में आज भी 24 पैसे प्रति लीटर की दर से बढ़ोतरी हुई है।

चन्द्र मोहन ने याद दिलाया कि कांग्रेस के शासनकाल  के दौरान प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने जिस समय 2004 में सत्ता संभाली उस समय डीजल का भाव 23 रुपए लीटर था और पट्रोल का भाव 36 रुपए प्रति लीटर था और सन् 2014 में कच्चे तेल का भाव 110 रुपए डालर प्रति बैरल तक खरीद कर उपभोक्ताओं को 63 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से उपलब्ध करवा कर गरीबों को राहत पहुंचाने का सार्थक प्रयास किया और आज अन्तर्राष्टीय बाजार में 5 जुलाई को कच्चे तेल के भाव 74 रुपए प्रति डॉलर से भी नीचे चला गया है और उपभोक्ताओं को पट्रोल 100  रुपए प्रति लीटर से भी अधिक मिल रहा है। इस के लिए भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियां ही जिम्मेदार हैं।

चन्द्र मोहन ने कहा कि  63 रुपए प्रति लीटर और 100 रुपए प्रति लीटर में भाजपा को कोई फर्क नजर नहीं आता है और वह भी ऐसे समय में जबकि लोगों का कोरोना की विभीषिका के कारण रोजगार चला गया। गरीब और गरीब हो रहा है और अमीर और अमीर हो रहा है। भाजपा आंकड़ों के खेल में उलझी हुई है। देश में बेरोजगारी ने 45 वर्षों का रिकॉर्ड तोड दिया है पिछले अप्रैल-मई महीनों में 2 करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार चला गया कोरोनावायरस के कारण लाखों लोगों को अपने प्राणों से भी हाथ धोना पड़ा और भाजपा सरकार डीजल के दामों में 16 पैसे प्रति लीटर की दर से कमी करके असंवेदनहीनता का परिचय दे रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सरकार की इस अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता से छूटकारा पाने के लिए बढ़ती हुई महंगाई डायन के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से अपनी वेदना और पीड़ा को व्यक्त करने के लिए आगे आए और केन्द्र सरकार और राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करें ताकि आम आदमी को कुछ राहत मिल सके।