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विधानसभा में पेश किए 2 अहम बिल: परिवार पहचान पत्र अनिवार्य करने और भर्तियों के पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने की दिशा में सरकार का कदम

सभी सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए सरकार ने परिवार पहचान पत्र अनिवार्य करने का आधार तैयार कर दिया है। इसके लिए सोमवार को विधानसभा में बिल पेश किया गया। विधेयक के अनुसार, किसी योजना, सेवा, सब्सिडी या अन्य किसी प्रकार का लाभ लेने वाले पात्रों के लिए परिवार पहचान पत्र संख्या मांगी जा सकती
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विधानसभा में पेश किए 2 अहम बिल: परिवार पहचान पत्र अनिवार्य करने और भर्तियों के पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने की दिशा में सरकार का कदम

सभी सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए सरकार ने परिवार पहचान पत्र अनिवार्य करने का आधार तैयार कर दिया है। इसके लिए सोमवार को विधानसभा में बिल पेश किया गया। विधेयक के अनुसार, किसी योजना, सेवा, सब्सिडी या अन्य किसी प्रकार का लाभ लेने वाले पात्रों के लिए परिवार पहचान पत्र संख्या मांगी जा सकती है।

हालांकि, पात्र लोग वैकल्पिक दस्तावेज जमा करा सकेंगे। लेकिन सरकार चाहे तो दस्तावेजों की जांच करा सकती है। परिवार पहचान पत्र का डेटा लीक करने पर 3 से 10 वर्ष की कैद और 50 लाख रु. तक जुर्माना हो सकता है। वहीं, कोई गलत सूचना दे योजना का लाभ उठाता है तो 3 वर्ष कैद व 50 हजार रु. जुर्माना होगा।

इधर, सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल रोकने के लिए सोमवार को विधानसभा में नकल विरोध कानून हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम-2021 पेश किया है। इसके मुताबिक पेपर लीक करने वाले को 7 से 10 वर्ष कैद और 10 लाख रु. तक जुर्माना होगा। साथ ही प्रॉपर्टी नीलाम कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। वहीं, नकल करने पर अभ्यर्थी को 2 वर्ष की कैद और 5 हजार रु. जुर्माना हो सकता है। अब बिल पर मंगलवार को चर्चा होगी। बिल पास होने के बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। ऐसी संभावना कम है कि बिल राष्ट्रपति को भेजा जाए।

क्या परिवार पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है?
अभी नहीं। पर किसी स्कीम, सेवा या सब्सिडी के लिए इसे अनिवार्य करने का अधिकार सरकार को मिल जाएगा।

ये कानून बनाने की जरूरत क्यों पड़ी?
पेपर लीक के चलते दो भर्तियों की परीक्षा रद्द करनी पड़ीं। सरकार का खर्च बढ़ा है। पेपर लीक से विपक्ष हमलावर है।

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