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तीन सगे भाईयों ने जवानी में की वारदात, अब बुढापे में हुए गिरफ्तार ​​​​​​​

Rohtak news तीनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आरोपी डेढ़ दशक से एमपी के नीमच में फार्म हाउस बनाकर रह रहे थे। तीनों सीआरपीएफ में कार्यरत रहे हैं। अंधाधुंध गोलियां चलाकर तीन सगे भाइयों सहित चार की हत्या के हैं आरोपी।

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Rohtak police got success after 16 years, three real brothers accused of Chauhra murder case arrested from Madhya Pradesh

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो) डेढ़ दशक पहले हरियाणा के रोहतक जिले के शिमली गांव में हुए चौहरा हत्याकांड के तीन आरोपियों को एसटीएफ ने मध्यप्रदेश के नीमच से गिरफ्तार कर लिया है। तीनों सगे भाई बहादुर सिंह, सतपाल व धर्मपाल सीआरपीएफ में कार्यरत रहे हैं। बहादुर सिंह व सतपाल वारदात के समय रिटायर हो चुके थे, जबकि धर्मपाल ड्यूटी से गैर हाजिर हो गया था।

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पुलिस ने तीनों भाइयों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। अब सदर थाना पुलिस शनिवार को उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी। गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 70 से 75 साल के बीच में है। 

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एसटीएफ रोहतक के इंचार्ज इंस्पेक्टर हरेश सहरावत ने बताया कि जून 2006 में दो पक्षों के बीच गांव में रंजिश चल रही थी। रंजिश के चलते गांव के बाहरी क्षेत्र में रह रहे परिवार पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई। फायरिंग में तीन सगे भाइयों ठंडी, प्रेम, राजेश के अलावा काले की मौत हो गई।

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इस संबंध में सदर थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। हत्याकांड में तीन सगे भाइयों की भूमिका सामने आई थी, जो वारदात से पहले परिवार सहित गांव छोड़कर चले गए थे। पुलिस ने आरोपी बहादुर सिंह, सतपाल व धर्मपाल की तलाश शुरू की, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी।


ऐसे में पुलिस ने आरोपियों पर इनाम घोषित कर दिया था। डीजीपी की तरफ से प्रदेश स्तर पर एसटीएफ को उन लोगों को गिरफ्तारी करने की जिम्मेदारी दी गई, जो लंबे समय से हाथ नहीं आ रहे थे। रोहतक एसटीएफ की टीम भी 2006 के शिमली हत्याकांड के आरोपियों की तलाश कर रही थी, जो अब हाथ आए हैं।

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मध्यप्रदेश में 16 एकड़ में फार्म हाउस व दुग्ध डेयरी 


पुलिस के मुताबिक आरोपी बहादुर सिंह, सतपाल व धर्मपाल सीआरपीएफ में कार्यरत रहे हैं। ऐसे में ड्यूटी के दौरान मध्यप्रदेश में आना-जाना रहा। ऐसे में वारदात के बाद मध्यप्रदेश के नीमच के पास 16 एकड़ के करीब जमीन खरीद ली। वहीं पर न केवल खेतीबाड़ी शुरू कर दी, बल्कि दुग्ध डेयरी भी खोल ली।


पेंशन के लिए नहीं किया आवेदन, गांव से संपर्क तोड़ा


पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने सीआरपीएफ से पेंशन के लिए भी आवेदन नहीं किया। क्योंकि अगर पेंशन के लिए आवेदन करते तो बैंक अकाउंट से लेकर दूसरी विस्तृत जानकारी देनी पड़ती। दूसरा, गांव से पूरी तरह नाता तोड़ दिया। अब किसी तरह पुलिस को भनक लगी कि तीनों आरोपी मध्यप्रदेश में रह रहे हैं। दबिश देकर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 
पुलिस ने क्या कहा 


एसटीएफ को उस समय अहम कामयाबी मिली, जब चौहरा हत्याकांड के तीन आरोपियों शिमली निवासी बहादुर सिंह, सतपाल व धर्मपाल को मध्यप्रदेश के नीमच से गिरफ्तार किया गया। तीनों सगे भाई हैं और सीआरपीएफ में कार्यरत रहे हैं। वारदात के समय बहादुर सिंह व सतपाल रिटायर हो चुके थे, जबकि धर्मपाल ड्यूटी से गैर हाजिर हो गया था। अब सदर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। - हरेश सहरावत, इंस्पेक्टर एसटीएफ रोहतक

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