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साधु रामकुमार नाथ की मौत पर अनुयायी का बड़ा बयान : बाबा मस्तनाथ मठ के महंत, अलवर से सांसद और जिला प्रशासन के अधिकारी हैं मौत के जिम्मेदार

HR BREAKING NEWS. रोहतक के अस्थल बोहर स्थित औघड़ पीर डेरे के साधु रामकुमार नाथ का शुक्रवार को निधन हो गया। डेरे के महंत रमेश नाथ और राजकुमार नाथ को डेरे से बाहर करके कुछ लोगों ने गद्दी पर अन्य महंत को बिठा दिया था। इसको लेकर लंबे समय से धरने-प्रदर्शन भी किए गए। मिशन
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साधु रामकुमार नाथ की मौत पर अनुयायी का बड़ा बयान : बाबा मस्तनाथ मठ के महंत, अलवर से सांसद और जिला प्रशासन के अधिकारी हैं मौत के जिम्मेदार

HR BREAKING NEWS. रोहतक के अस्थल बोहर स्थित औघड़ पीर डेरे के साधु रामकुमार नाथ का शुक्रवार को निधन हो गया। डेरे के महंत रमेश नाथ और राजकुमार नाथ को डेरे से बाहर करके कुछ लोगों ने गद्दी पर अन्य महंत को बिठा दिया था। इसको लेकर लंबे समय से धरने-प्रदर्शन भी किए गए। मिशन एकता समिति की अध्यक्ष कांता आलड़िया ने साधु का निधन तनाव में आने से होने की बात कही और समर्थकों के साथ पुलिस अधीक्षक आवास के बाहर धरने पर बैठ गई।

धरने पर बैठी कांता आलड़िया ने आरोप लगाया कि साधु रामकुमार नाथ की मौत के जिम्मेदार बाबा मस्तनाथ मठ के महंत एवं अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ और जिला प्रशासन के अधिकारी हैं। इन सबने मिलकर ही डेरे से महंत रमेश नाथ और उनके गुरु भाई राजकुमार नाथ को बाहर निकालते हुए डेरे पर कब्जा कराया था। रामकुमार नाथ औघड़ पीर डेरे के महंत रमेश नाथ के गुरु भाई थे। लंबे समय से दोनों डेरे में साथ रह रहे थे। 27 मार्च को दोनों किसी कार्य से बाहर गए हुए थे। पीछे से अन्य साधु को गद्दी पर बिठा दिया गया। जब विरोध किया तो डेरे पर प्रशासन ने कब्जा करते हुए उसे सील कर दिया। इसके बाद महंत रमेश नाथ और राजकुमार नाथ तनाव में थे। इस तनाव के चलते पिछले दिनों बाबा राजकुमार नाथ की तबियत बिगड़ गई, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को उनका निधन हो गया। बाबा के निधन की सूचना मिलने पर अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई।

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उन्होंने बताया कि बाबा मस्तनाथ मठ के महंत पर पहले भी औघड़ पीर डेरे के साधुओं की समाधियां तोड़ने के आरोप लगाए गए थे। जिसको लेकर कई बार दोनों पक्षों में प्रशासन की मौजूदगी में पंचायतें हुई, लेकिन कोई भी समझौता सिरे नहीं चढ़ पाया है। कांता आलड़िया ने कहा कि डेरे में ही राजकुमार नाथ को समाधि दी जाएगी। यहीं पर डेरे के अन्य साधुओं को समाधि दी गई है। अगर प्रशासन ने डेरे में समाधि नहीं देने दी तो फिर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन और बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बाबा बालकनाथ योगी होंगे।

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