दादा के करोड़पति होते हुए बाप कर रहा था मजदूरी इससे खफा पोते ने दादा दादी को उतार दिया मौत के घाट

यमुनानगर। साढौरा के गांव बकाला में पीडब्ल्यूडी से रिटायर्ड कर्मी 72 वर्षीय रोशनलाल और उसकी दूसरी पत्नी 50 वर्षीय परमजीत की हत्या की वजह प्रॉपर्टी ही निकली। पुलिस ने दोनों की हत्या के आरोप में रोशनलाल के 16 साल के पोते पर हत्या का केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार किया। दादा के पास एक करोड़ से ज्यादा की प्रापर्टी होने पर भी उसका बेटा मजदूरी कर अपना घर चला रहा था। घर में आर्थिक संकट के चलते हत्यारोपी पोता भी स्कूल छोड़ कर पिता की तरह ही मजदूरी करने लगा था।
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वहीं आरोपी के पिता को पैतृक संपत्ति से मिले एक मकान को भी दादा रोशनलाल खाली कराना चाहते थे। इसके लिए वे बेटे को समन तक भिजवा चुके थे। पोते और दादा में अक्सर झगड़ा रहता था। हालांकि यह झगड़ा दादा के दूसरी शादी करने के बाद से बढ़ गया था, क्योंकि दादा की पहली पत्नी की मौत के बाद पोतों को लग रहा था कि प्राॅपर्टी उन्हीं के पास आएगी। उधर, बुधवार को रोशनलाल और परमजीत का शव लेने 7 लोग ही मोर्चरी पहुंचे थे। जिन पोतों को रोशनलाल पसंद नहीं करता था, उन्हीं ने उसकी चिता को मुखाग्नि दी। वहीं हत्या के आरोप में गिरफ्तार पोते को कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया। साढौरा थाना प्रभारी बलबीर सिंह का कहना है कि गिरफ्तार नाबालिग ने अकेले ही पूरी वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने रोशनलाल के भाई राम सिंह की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया था।
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छत पर छिपा मिला था हत्यारोपी| गांव के लोगों के अनुसार जब हत्या की सूचना के बाद मौके पर पुलिस की टीमें और एसपी पहुंचे तो काफी देर रुकने के बाद पुलिस की टीमें जाने लगी। इसी दौरान एसपी रोशनलाल के मकान की छत की तरफ गए। वहां छत पर रोशनलाल का पोता छिपा हुआ था। तब वहां से उसे पकड़ा तो उसके कपड़ों में खून के धब्बे थे। पहले उससे साढौरा थाने में तो बाद में यमुनानगर लाकर पूछताछ की गई। तब उसने पूरा राज खोल दिया। इस पर गांव के लोगों का कहना है कि अगर एसपी छत पर टीम को लेकर न जाते तो इतनी जल्दी आरोपी न पकड़ा जाता और कई गांव वालों को पुलिस की जांच सहन करनी पड़ती, क्योंकि रोशनलाल का अपने बेटे के साथ-साथ गांव के कई लोगों के साथ विवाद चल रहा था।
बेटियों के घर में हुई शादी तक में नहीं गए रोशनला, चाचा ही निभाते थे सभी रस्में| राम सिंह ने बताया कि उसके भाई रोशनलाल की शुरू से ही परिवार वालों से नहीं बनती थी। बेटियों की शादी करने के बाद वह उनके घर पर भी नहीं जाता था। बेटियों के घर में शादी हुई तो वह वहां भी नहीं गया। वहीं अपने बेटे से भी उसकी नहीं बनती थी। इस तरह से वह अपनों से दूर था। उसके एक बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। तब पुत्रवधू गर्भ से थी। पति की मौत के बाद वह अपने मायके चली गई थी। पुत्रवधू को प्रॉपर्टी में कोई हिस्सा आज तक नहीं दिया गया।
रोशनलाल की न अपनों से बनी और न ही गांव वालों से
रोशनलाल की न तो अपनों से बनी और न ही गांव वालों से। इसलिए गांव के कुछ लोग उसके सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर चुके थे। इसे लेकर रोशनलाल का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में रोशनलाल और उनकी दूसरी पत्नी परमजीत इंसाफ की गुहार लगा रही हैं। वे आरोप लगा रहा है कि उन पर हमला हुआ था, लेकिन उल्टा उन्हें ही साजिश रचकर फंसाया जा रहा है। तब उसने खुद को असुरक्षित समझते हुए घर की चारदीवारी ऊंची कराकर ग्रिल तक लगवाई थी।
3 एकड़ जमीन, कई प्लाॅट और ब्याज पर पैसे देते थे राेशनलाल
रोशनलाल पीडब्ल्यूडी से रिटायर्ड थे। तब उन्हें लाखों रुपए मिले थे। उसके नाम तीन एकड़ जमीन है। वे प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करते थे। उसके कई प्लाॅट हैं। उसने दूसरी पत्नी परमजीत के नाम से भी प्लाॅट लिया था। इसके साथ ही वह ब्याज पर भी पैसे देता था। इस तरह से उसके पास करीब एक करोड़ की संपत्ति और लाखों का कैश बताया जाता है। इसमें से उसने कुछ भी अपने बेटे के नाम नहीं कराया था। अब रोशनलाल की मौत के बाद प्राॅपर्टी विवाद आगे जारी रह सकता है क्योंकि रोशनलाल ने परमजीत को पत्नी बनाकर रखा हुआ था। उसके घर से फैमिली आईडी मिली है। परमजीत जगाधरी की रहने वाली है। परमजीत के परिवार से भी कोई प्रापर्टी पर दावा कर सकता है।