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किसान इन 5 सब्जियों की खेती कर, कमा सकते हैं लाखों रुपये

Profit farming :  किसान लगातार घाटे की खेती कर रहा है। आज भी किसान MSP की मांग कर रहा है यानी सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य की क्योंकि उसे बाजार में ठीक रेट नहीं मिल पा रहा। आज हम किसान भाईयों को इस खबर में ऐसी पांच सब्जियों की खेती के बारे में बता रहे हैं जिनकी खेती से किसान भाई अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

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बिल्कुल कम लागत में इन पांच तरह की खेती से कमा सकते हैं हर महीने लाखों रुपये

HR Breaking News : नई दिल्ली : Government सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके बाद भी किसानों को उतना लाभ नहीं मिल पा रहा है जितना उन्हें मिलना चाहिए। यदि किसान परंपरागत (farmer traditional)खेती के स्थान पर आधुनिक खेती अपनाएं तो काफी मुनाफा कमा सकते हैं। आधुनिक खेती का मतलब है कि आप उन फसलोंं की खेती करें जिनसे आपको अधिक मुनाफा हो। इसके लिए आपको बाजार की मांग और भाव की जानकारी रखनी होगी और साथ ही उन फसलों का चयन करना होगा जिनसे अधिक लाभ मिल सकता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको पांच ऐसी सब्जियों की खेती की जानकारी दे रहे हैं जिनसे अधिक लाभ कमाया जा सकता है

जाने सब्जियों की किस्माें के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें


1. अश्वगंधा की खेती


अश्वगंधा का उपयोग आर्युेवेदिक दवा के निर्माण में किया जाता है। बाजार में अश्वगंधा की मांग रोजाना बढ़ रही है। इसे देखते हुए इसकी खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। उत्तरप्रदेश और बिहार में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है। अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का प्रयोग कई प्रकार की दवाईयां बनाने में किया जाता है। अश्वगंधा की खेती करके किसान धान, गेहूं और मक्का की खेती की तुलना में 50 फीसदी तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यही कारण है कि बिहार और यूपी जैसे राज्यों के किसान भी बड़े पैमाने पर अश्वगंधा की खेती कर रहे हैं। अब बात करें इसके बाजार भाव की तो इसके बीज जो करीब 130-150 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में बिकते हैं। इसके अलावा प्रसंस्करण यूनिट खोलकर इसका पाउडर बनाकर भी बाजार में ऊंचे दामों में बेचा जा सकता है।


अश्वगंधा की उन्नत किस्में


भारत में अश्वगंधा की पाई जाने वाली उन्नत किस्मों में पोशिता, जवाहर असगंध-20, डब्यलू एस. -20 व डब्यलू एस. -134 किस्में अच्छी मानी जाती है।


2. शताबरी की खेत


शताबरी सबसे महंगी सब्जियों में से एक है। आयुर्वेदिक दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख बढ़ती है। अनिद्रा दूर करने में भी शताबरी का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग चर्म रोग के इलाज के लिए किया जाता है। इसकी खेती करके किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इसकी बाजार मांग काफी है। कई बड़ी आयुर्वेदिक कंपनियां शताबरी की खरीद करती है। इसकी बाजार कीमत करीब 1200 रुपए से लेकर 1500 रुपए प्रति किलो है। इसकी बढ़ती बाजार मांग और ऊंची कीमत दोनों को देखते हुए किसान इसकी खेती करके अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। भारत में यूपी के बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, बदायूं, लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, इलाहाबाद जिलों में किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान में शताबरी की खेती बड़े पैमाने की जाती है।


शताबरी की उन्नत किस्में


शताबरी की उन्नत किस्मों में एस्पेरेगस एडसेंडेस, एस्पेरेगस सारमेन्टोसस, एस्पेरेगस स्प्रेन्गेरी,  एस्पेरेगस आफीसीनेलिस, एस्पेरेगस फिलिसिनस, एस्पेरेगस कुरिलस, एस्पेरेगस गोनोक्लैडो, एस्पेरेगस प्लुमोसस आदि हैं। इसमें एस्पेरेगस एडसेन्डेस को सफेद मूसली के रूप में जाना जाता है और एस्पेरेगस सारमेन्टोसस को महाशतावरी कहा जाता है, हिमालय क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसकी एक किस्म एस्पेरेगस आफीसीनेलिस है, जिसे सूप तथा सलाद बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।


3. बोक चोय की खेती


बोक चोय एक विदेशी सब्जी है। इसे चीनी गोभी के नाम से भी जाना जाता है। यह सब्जी पत्तागोभी तरह दिखाई देती है। इसके गुणों की बात की जाए तो इसमें फाइबर, विटामिन सहित अनेक पोष्टिक तत्व होते हैं। इस सब्जी का सेवन करने से इम्युनिटी पावर स्ट्रॉंग होती है। वहीं इसके इस्तेमाल से महिलाओं में प्रोटेस्ट और स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। अभी फिलहाल इसकी खेती भारत में कुछ गिने-चुने स्थानों पर ही की जाती है। इसके बाजार भाव काफी ऊंचे रहते हैं। इसका एक फल 115 से 120 रुपए के आसपास बिकता है। इसलिए बोक चॉय की खेती करना किसानों के लिए काफी लाभकारी हो सकती है।


बोक चोय की उन्नत किस्में


बोक चोय की किस्में में ब्लैक समर, फेंग किंग, जोय चोई, मेई क्यूई एनजी चोई, रेड चोई, शिरो, टॉय चॉय, व्हाइट फ्लैश और विन-विन चोई शमिल हैं। इसमें बोक जोय की जोइ चोई किस्म एक मध्यम आकार का पौधा बनाती है, जो फूलों के लिए प्रतिरोधी है। वहीं इसकी विन-विन चोई पत्तियों का एक बहुत बड़ा और घने रोसेट बनाती है। यह किस्म फूलों के लिए प्रतिरोधी भी है।


4. चेरी टमाटर की खेती


भारत में इसकी खेती बड़े पैमाने की जा रही है। कई किसान इसकी खेती करके अच्छा लाभ प्राप्त कर रहे हैं। यदि आप कम समय में अधिक मुनाफा चाहते हैं तो चेरी टमाटर की खेती करनी चाहिए। इसका उपयोग सलाद के रूप में किया जाता है। व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही चेरी टमाटर बेहतरीन रंग भी देता है। चेरी टमाटर का साइज सामान्य टमाटर की तुलना में काफी छोटा होता है। चेरी टमाटर की बाजार मांग काफी ज्यादा है जिसकी तुलना में बहुत कम किसान इसकी खेती कर रहे हैं। भारतीय बाजार में चेरी टमाटर की कीमत 250 रुपए से लेकर 350 रुपए प्रति किलोग्राम है।


चेरी टमाटर की उन्नत किस्में


चेरी टमाटर की कई उन्नत किस्में आती है जिनमें इटालियन आइस चेरी टोमेटो, ब्लैक पर्ल चेरी टोमेटो, येलो पर्ल चेरी टोमेटो, सुपर स्वीट 100 चेरी टोमेटो, ग्रीन एनवी चेरी टोमेटो, चाडविक चेरी टोमेटो, ब्लडी बुचर चेरी टोमेटो, सन गोल्ड चेरी टोमेटो आदि किस्में अच्छी मानी जाती हैं।


5. जुकीनी की खेती


जुकीनी एक विदेशी सब्जी है। इसे चप्पन कद्दू के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय बाजारों में इसकी मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। इसे सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह सब्जी वजन घटाने में उपयोगी है। इसे गर्म जलवायु वाली स्थानों पर आसानी से उगाया जा सकता है, क्योंकि ठंडी जलवायु इसकी बढ़वार के लिए अच्छी नहीं होती है। सामान्यत: जुकीनी पीले और हरे रंग की होती है। इसका पौधा झाड़ीदार होता है और इसके पौधे की लंबाई करीब तीन फीट होती है। भारतीय बाजार में इसकी कीमत 130 रुपए प्रति किलोग्राम है। यदि किसान एक एकड़ भूमि में भी जुकीनी की खेती करता है तो उसे सालाना करीब 3 लाख रुपए का लाभ हो सकता है।


जुकीनी की उन्नत किस्में


ज़ुकिनी की किस्मों में ऑस्ट्रेलियन ग्रीन 4-5, अर्ली यलो प्रोलीफिक, पूसा पसंद, पैटीपैन आदि शामिल है।
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