home page

Haryana Agriculture News हरियाणा सरकार की किसानों को चेतावनी, समय से पहले धान की बुआई की तो जाना पड़ सकता है जेल

Haryana Agriculture News in Hindi हरियाणा सरकार का किसानों को निर्देश। समय से पहले बुआई की तो धान की फसल नष्ट कर देगी सरकार।बीते दिनों करनाल के दरड़ गांव में तैयार की जा रही दो धान की नर्सरी को कृषि विभाग के अधिकारियों ने किया था नष्ट।
 | 

HR Breaking News, हिसार ब्यूरो, अभी गेहूं की फसल पककर भी तैयार नहीं हुई है कि कुछ किसानों ने धान की नर्सरी की बुआई भी कर दी। इस मामले की भनक जब कृषि एवं कल्याण विभाग को लगी तो टीम मौके पर पहुंची ओर दरड़ गांव में करीब दो एकड़ के लिए तैयार की गई धान की नर्सरी को नष्ट कर दिया। कुछ किसानों द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के प्रयास बेहद गलत हैं। सरकार की ओर से तय किए गए नियमों के भी खिलाफ है।

 

यह भी जानिए

नियम बताते हैं कि 15 मई से पहले धान नर्सरी और 15 जून से पहले धान की रोपाई हरियाणा प्रिजर्वेशन आफ सब सोयल वाटर एक्ट नंबर 6, 2009 की उल्लंघना है। इस मामले में जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है। लेकिन सवाल यह उठता है कि किसान ऐसा क्यों कर रहे हैं? किसान कौशिश करते हैं साल में दो की बजाय तीन फसलें ली जाए, लेकिन इससे मृदा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है और समय से पहले धान रोपाई की जो तैयारी है वह लोगों को जल संकट के मुहाने लाकर खड़ी कर रही है।


लगातार धान का रकबा घटाने के हो रहे हैं प्रयास

सरकार की ओर से किसानों को फसल चक्र अपनाने व भू-जल बचाने के लिए लगातार धान का रकबा घटाने के प्रयास हो रहे हैं। भूजल बचाने के लिए ही सरकार ने हरियाणा राज्‍य अधोभूमि जल संरक्षण अधिनियम’ लागू किया था। जिसमें 15 मई से पहले नर्सरी की बुवाई और 15 जून से पहले रोपाई पर प्रतिबंध है। इस साल दो लाख एकड़ धान का रकबा घटाने का फैसला किया है। यह बीते वर्ष से दोगुना है। सरकार का दावा है कि प्रदेश में गिरते भूजल स्‍तर को सुधारने के लिए यह फैसला लिया गया है।

यह भी जानिए

 


प्रति हैक्टेयर 10 हजार जुर्माने का प्रावधान

नोटिफिकेशन के मुताबिक, 15 मई से पहले धान की फसल के लिए नर्सरी तैयार करता है तो कृषि विभाग के अधिकृत अधिकारी नर्सरी को नष्‍ट कर सकता है और प्रति हेक्‍टेयर दस हजार रुपये का जुर्माना किसान से वसूला जा सकता है। इसके साथ किसान की नर्सरी नष्‍ट करने पर होने वाले सरकारी खर्च की वसूली भी किसान से की जाएगी। इस कार्रवाई के खिलाफ किसान किसी भी कोर्ट में अपील नहीं कर सकता है और अधिकारी के खिलाफ कोई कानूनी या आर्थिक दंड नहीं दिया जा सकता है।


धान की खेती छोड़कर फसल चक्र अपनाने वालों को अनुदान भी

इस बार प्रदेश में करीब 12 लाख हेक्‍टेयर में धान की खेती के लिए सरकार ने लक्ष्‍य तय किया है। मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को इस साल भी लागू किया गया है। धान की खेती छोड़कर फसल विविधिकरण के तहत बाजरा, मक्‍का, दाल या सब्‍जी उगाने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्‍साहन राशि दी जाएगी। अगर हरियाणा सरकार के रकबा घटाने के फैसले पर अमल हुआ तो प्रदेश में करीब 52 लाख क्विंटल कम धान की पैदावार होगी।

 

यह भी जानिए


सरकार की ओर से सख्त निर्देश

कृषि एवं कल्याण विभाग के उप कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि सरकार की ओर से यह सख्त निर्देश हैं कि किसान 15 मई से पहले धान की नर्सरी व 15 जून से पहले रोपाई नहीं कर सकता। बीते दिनों हमने दरड़ गांव में नर्सरी को नष्ट किया था। हमारी टीमें फील्ड में सक्रिय हैं। किसानों से अपील है कि वह सरकार की ओर से जारी की गई हिदायतों का पालन करें।