Murrah Scheme:खूब करें कमाई, सरकारी पैसे से घर ले आएं लाखों रुपये की मुर्रा भैंसें
HR Breakiing News(डिजिटल डेस्क): सरकार किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं ला रही है। इन योजनाओं को किसानों के बड़े वर्ग को सीधा लाभ मिल भी रहा है। अब सरकार ने लघु व सीमांत किसानों के बारे और योजनाओं का ऐलान किया है। उन्हें खेती के अलावा डेयरी फार्मिंग और फिशरिंग के बारे में प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
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मध्यप्रदेश भी इस तरह की योजना सरकार ला रही है, ताकि किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठ सके। इसके तहत एमपी सरकार ने हरियाणा की उत्तम भैंस की नस्ल को राज्य में भी बढ़ावा देने के बारे योजना चलाई है। इसमें सरकार राज्य के किसानों को सब्सिडी पर मुर्रा भैंस खरीदने का मौका दे रही है।
राज्य में लघु सीमांत किसानों से केवल 50 फ़ीसदी रकम लेकर उन्हें दो मुर्रा भैंस उपलब्ध कराई जाएगी।किसानों के लिए मुर्रा भैंस हरियाणा से मंगवाई जाएगी।सब्सिडी पर मुर्रा भैंस देने की शुरुआत भोपाल मंडल के रायसेन, विदिशा और सीहोर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है।
इस बारे में पशुधन विकास निगम के एमडी हरि भान सिंह भदौरिया ने कहा कि सब्सिडी पर मुर्रा भैंस उपलब्ध कराने की इस योजना में सामान्य वर्ग के किसानों को भैंस खरीदने के लिए 50 फीसदी रकम देनी होगी, जबकि बाकी बची रकम सरकार की तरफ से दी जाएगी।अगर कोई किसान एससी-एसटी कैटेगरी से आता है तो उसे मुर्रा भैंस खरीदने के लिए सिर्फ 25 फीसदी रकम देनी होगी, बाकी 75 फीसदी रकम सरकार उपलब्ध कराएगी.
हरियाणा का मुर्रा भैंस पशुपालन करने वाले किसानों के लिए काला सोना बनकर सामने आया है।पिछले कुछ समय से सिर्फ देश में नहीं, दुनिया भर में मुर्रा भैंस की डिमांड बढ़ी है।हरियाणा मुर्रा भैंस उपलब्ध कराने के मामले में गढ़ बन गया है और मुर्रा भैंस रखने वाले किसान रातों-रात फेमस हो गए हैं.
मुर्रा भैंस भैंसों की नस्ल में सबसे बेहतर है।इस समय मुर्रा भैंस देश में सबसे अधिक दूध देने वाली नस्ल है।मुर्रा नस्ल की भैंस हरियाणा के रोहतक, हिसार, जींद और पंजाब के नाभा-पटियाला जिले में पाई जाती है।पिछले कुछ समय से कई राज्यों के पशुपालक मुर्रा भैंस पालने लगे हैं।
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गहरे काले रंग की मुर्रा भैंस के खुर और पूछ के निचले हिस्से पर सफेद धब्बा होता है।इसकी छोटी सी मुड़ी हुई सिंह होती है।मुर्रा भैंस की औसत दूध उत्पादन क्षमता 1750 से 1850 लीटर प्रति ब्यात होती है।मुर्रा भैंस के दूध में वसा की मात्रा 9 फ़ीसदी के करीब होती है.
मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक दो मुर्रा भैंस की कीमत करीब ₹2.5 लाख होगी।भैंस का कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है जिसके लिए सेक्स सार्टेड सीमन का उपयोग किया जाता है। यह मुर्रा बुल का होगा।इसकी खासियत यह है कि इसके जरिए सिर्फ भैंस ही पैदा होंगी।इससे योजना के लाभार्थियों के यहां भैंस की संख्या बढ़ती जाएगी.
मध्य प्रदेश सरकार की सब्सिडी स्कीम के तहत मुर्रा भैंस खरीदने के बाद उसे 5 साल रखना अनिवार्य किया गया है।अगर 3 साल में किसी पशुपालक की मुर्रा भैंस मर जाती है तो किसान को दूसरी भैंस मिलेगी।मध्य प्रदेश सरकार की योजना में किसानों को दो मुर्रा भैंस दिया जाना है।इसमें एक भैंस 5 महीने की गर्भवती रहेगी जबकि दूसरी भैंस का 1 महीने का बच्चा रहेगा।इन दोनों में से एक भैंस पहले दिन से दूध दे सकेगी।
भैंस का गर्भाधान पीरियड 10 महीने का होता है, इस तरह से ऐसा क्रम बनाया जाएगा कि एक भैंस लगातार दूध देती रहे।मध्य प्रदेश के किसान को मुर्रा भैंस को खिलाने के लिए 6 महीने के लिए दाना चारा भी मिलेगा।इसके साथ ही भैंस का बीमा, ट्रांसपोर्ट सुविधा और चारे की रकम भी शामिल है।किसान को केवल दो मुर्रा भैंस के लिए केवल ₹62,500 देने होंगे बाकी ₹1.87 लाख की सब्सिडी मिलेगी।