Cow Subsidy अब देशी गाय की खरीद के लिए सरकार दे रही पैसे, करना होगा ये काम
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक और पहल करते हुए प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने व प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम किसानों को नि:शुल्क देने की घोषणा की। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है, इसके लिए हमें खाद्यान ही औषधि की धारणा को अपनाना होगा। प्राकृतिक खेती ही इसका एकमात्र रास्ता है। प्रदेश के 50 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर खंड में एक प्रदर्शनी खेत में प्राकृतिक खेती की करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री आज करनाल के डॉ. मंगलसैन ऑडोटोरियम हॉल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के टिप्स दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों, जो स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाएंगे, उन्हें देसी गाय खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार की कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी(आत्मा) से जुड़े तकनीकी सहायक प्रबंधक, ब्लॉक तकनीकी सहायक प्रबंधक व उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि विभाग की आत्मा योजना सही मायने में रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोगों से हमारे खेतों में पैदा हो रहे जहरीले खाद्यान्नों को ठीक करने के लिए एक आवाज है। उन्होंने कहा कि सिक्किम देश का पहला राज्य है जो पूरी तरह से प्राकृतिक खेती पर आ गया है। हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में भी काफी कार्य हो रहा है, अब हरियाणा सरकार नई पहल करते हुए देसी गाय की खरीद पर सब्सिडी देने का कार्य करेगी।
एटीएम व बीटीएम से सीधा संवाद करते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष यह जानकारी आई कि पिछले 6-7 माह से मासिक मानदेय नहीं मिला है तो इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को दूरभाष पर निर्देश दिए कि तुरंत प्रभाव से इनका मानदेय जारी कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि किसी भी कर्मचारी का वेतन विलम्ब हो, यहां तक की गांव के चौकीदार व सफाई कर्मचारी का वेतन भी हर माह की 7 तारीख तक जारी कर दिया जाता है। प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने हेतु पोर्टल बनाया जाएगा कार्यक्रम के दौरान सीधे संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने हेतु पोर्टल बनाया जाएगा।
इस पोर्टल पर जमीन की पूरी जानकारी देने के साथ-साथ किसान स्वेच्छा से फसल विविधिकरण अपनाने बारे जानकारी देंगे। इसके अलावा वे दलहनी फसलें उगाने बारे भी जानकारी देगा। इस प्रकार विभाग के पास पूरी जानकारी होगी तो आसानी से मोनिटरिंग की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को 20-25 के छोटे-छोटे समूह में प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे अच्छी तरह से फसल उत्पादन बारे जानकारी ले सकें। प्राकृतिक खेती के उत्पादों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों से ही हो, ऐसी योजना भी तैयार की जाएगी ताकि बाजार में ग्राहकों को इस बात की शंका न रहे कि यह प्राकृतिक खेती का उत्पाद है या नहीं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक उत्पादन की टेस्टिंग की जानकारी लेने के लिए बाजार में मंहगे उपकरण उपलब्ध हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ब्लॉक में एक प्रदर्शन प्लांट अवश्य बनाया जाए ताकि उस खंड के किसान उसका आसानी से लाभ उठा सकें। ब्लॉक स्तर पर 50 से ज्यादा प्रगतिशील किसान प्रशिक्षित किये जाएं। इस प्रकार प्रदेशभर में ज्यादा से ज्यादा प्रगतिशील किसान तैयार किये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान अब कहलाएंगे प्रकृतिशील किसान, क्योंकि प्राकृतिक खेती प्रकृति के नियमों के अनुसार की जानी है, जिससे हम अतीत में दूर हो गए थे। उन्होंने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की सराहना की, जिन्होंने प्राकृतिक खेती का प्रारूप देश के प्रधानमंत्री के समक्ष रखा है और गुरूकुल कुरूक्षेत्र में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण संस्थान के लिए जमीन उपलब्ध करवाई है। अब तक 232 एटीएम, बीटीएम व किसानों ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लिया। अब ये लोग किसानों के पास जाकर योजनाओं के साथ प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैनपावर और बजट बढ़ाने की आवश्यकता हुई तो सरकार उसे पूरा करेगी। 700 कृषि विकास अधिकारियों की होगी भर्ती: जेपी दलाल कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री सदैव किसान हित के बारे में सोचते हैं तथा किस प्रकार प्रदेश का किसान समृद्ध हो, सक्षम हो और आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विधि अपनाने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और लागत भी बहुत कम होगी।उन्होंने कहा कि सरकार ने पानी बचाने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत तथा किसानों के उत्पाद का पूरा दाम मिले इसके लिए भावांतर भरपाई जैसी योजनाएं लागू की हैं। बाजारा किसानों को 450 करोड़ रूपये का लाभ दिया है। इसके अलावा धान की फसल की बिजाई कम करने के लिए 6 हजार रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। किसानों को जोखिम फ्री बनाने के लिए भी योजनाएं क्रियान्वित की हैं। अब प्राकृतिक तरीके से खाद्यान, फल और सब्जी का उत्पादन करने पर बल दिया जाएगा। वहीं उन्हाेंने कहा प्रदेश में 700 कृषि विकास अधिकारियों की भर्ती होगी।