अब बिना मिट्टी की जांच करवाए किसान जान सकेंगे जमीन की स्थिति
कृषक नाम का यह ड्रोन अब किसानों काे काफी पसंद आ रहा है। यह मिट्टी के स्वास्थ्य का परीक्षण हवा में रहते हुए अपने सेंसर के माध्यम से करता है। पौधों की पहचान प्रजातियों का भेदभाव जैसे कार्य यह झट से कर लेता है
HR Breaking News, हिसार। लगातार उर्वरकों के प्रयोग से उपजाऊ भूमि को काफी नुकसान पहुंचा है। हालात यह हैं कि जमीन में मौजूद कई पोषक तत्व काफी कम हो गए हैं। इसके साथ ही कार्बन जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा काफी बढ़ गई है।
किसान उन स्थानों पर खेती करते हैं मगर फसल अधिक होती ही नहीं है। किसानों को मिट्टी की जांच कराने पर ही पता चलता है कि कहां क्या स्थिति है। अब बिना मिट्टी की जांच कराए बिना जमीन की हालत को किसान जान सकेंगे। इस कार्य में ड्रोन तकनीक मदद करेगी।
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कृषक नाम का यह ड्रोन अब किसानों काे काफी पसंद आ रहा है। यह मिट्टी के स्वास्थ्य का परीक्षण हवा में रहते हुए अपने सेंसर के माध्यम से करता है। पौधों की पहचान, प्रजातियों का भेदभाव जैसे कार्य यह झट से कर लेता है।
सिर्फ यह नहीं अगर किसी रोग से फसलों को नुकसान हो रहा है तो इसका पता भी कृषक ड्रोन लगा देता है। इस ड्रोन को हाल ही में कंपनी ने टीटीसी में आयोजित कृषि मेले में किसानों के सामने पेश किया था।
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ड्रोन तकनीक की क्याें बड़ी डिमांग
कृषक ड्रोन को अभी तक ट्रायल फेज में ही रखा गया था। जबकि अन्य ड्रोन को बजार में लाया गया। मगर हाल ही में बजट में कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए 40 से 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। इसके बाद किसानों और कंपनियों का रुझान ड्रोन तकनीक में बढ़ा है। यही कारण है कि एडवांस फीचर्स के साथ ड्रोन तकनीक को विभिन्न कंपनियां लेकर आ रही हैं। इसी में से एक है कृषक ड्रोन, इस ड्रोन की अपनी अलग विशेषताएं हैं।
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यह हैं कृषक ड्रोन की तकनीकि विशेषताएं
- काम करने की रेंज दो किलोमीटर से अधिक है।
- टेक आफ वजन तीन किलोग्राम
- उड़ान का समय 45 मिनट से अधिक
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कृषक ड्रोन का यह है उपयोग
- यह ड्रोन वनस्पति स्वास्थ्य का मानचित्र तैयार करता है जिसकी मदद से किसान कृषि का प्रबंधन आसानी से कर सकते हैं।
- कृषि भूमि के स्वास्थ्य को बताने का काम इसमें लगे मल्टी स्पेक्ट्रल सेंसर करते हैं। इसके साथ ही आरजीबी रिजाल्यूशन युक्त 16 एमपी कैमरे इसको खास बनाते हैं।
यह खतपतवार कउ पता लगाने में सक्षम है।
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- पौधों में हुए रोग का पता भी लगा लेता है।
- सिंचाई और जल प्रबंधन के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
- पोषक तत्वों का पता लगाना और निगरानी रखने का कार्य भी किसान इस ड्रोन की मदद से कर सकते हैं।
- पौधों का वर्गीकरण और प्रजातियों में भेदवा का कार्य भी यह करता है।
- पौधें की गिनती भी इस ड्राेन से करना आसान है।