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Monsoon impact on economy: इस साल होगी जबरदस्त बारिश, इकॉनमी में भी आएगा उछाल

Monsoon Forecast 2022: इस साल मॉनसून (monsoon) के सामान्य रहने का अनुमान है। कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के असर से निकल रही भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) के लिए अच्छी खबर है। बेहतर मॉनसून से किसानों की खर्च करने की क्षमता बढ़ती है और इसका इकॉनमी के कई सेक्टरों पर सीधा असर पड़ता है।
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Story Highlights
इस साल मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान है
    यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है
    मॉनसून का कई सेक्टरों पर सीधा असर पड़ता है

HR Breaking News, नई दिल्ली, कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के असर से निकल रही भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) के लिए अच्छी खबर है। मौसम विभाग (IMD) ने इस साल देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (South-West Monsoon) के सामान्य रहने की संभावना जताई है।

मॉनसून देश की इकॉनमी खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम है। देश में अधिकांश खेती मॉनसून में होने वाली बारिश पर निर्भर है। बेहतर फसल होने से किसानों की खर्च करने की क्षमता बढ़ती है और इसका इकॉनमी के कई सेक्टरों पर सीधा असर पड़ता है।

किसान भाईयों के लिए जरूरी खबर

आईएमडी के अनुसार इस साल मॉनसून के दौरान बारिश दीर्घावधि औसत (Long Period Average) के 96 से 104 प्रतिशत रहने की संभावना है। एलपीए बारिश के 1971-2020 की अवधि का औसत है जो 87 सेंटीमीटर है। पिछले साल मॉनसून के दौरान देश में सामान्य वर्षा हुई थी।

लगातार तीसरे वर्ष देश में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। इससे पहले साल 2019 और साल 2020 में बारिश सामान्य से अधिक हुई थी। इससे पहले मौसम का अनुमान बताने वाली देश की एकमात्र प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट (Skymet) ने भी मॉनसून के दौरान देश में सामान्य बारिश का अनुमान जताया था।


खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ ( Agriculture is the backbone of the Indian economy)


भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ एग्रीकल्चर है क्योंकि देश की 60 फीसदी आबादी खेती से जुड़ी है। देश में खेती काफी हद तक मॉनसून में होने वाली बारिश पर निर्भर है। यही वजह है कि यह किसानों के लिए यह खुश करने वाली खबर है।

मॉनसून के सामान्य रहने से किसानों की फसल बेहतर होती है और उनकी कमाई बढ़ती है। इससे एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, टू-व्हीलर्स, ट्रैक्टर और गोल्ड की खरीदारी बढ़ जाती है। साथ ही एफएमसीजी, ऑटो एंड इंजीनियरिंग, बैंकिंग और एनबीएफसी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखने को मिलती है।

किसान भाईयों के लिए जरूरी खबर


सोने की खपत बढ़ेगी (gold consumption will increase)


एक अनुमान के मुताबिक देश हर साल 800 से 850 टन गोल्ड की खपत होती है। इसमें 60 फीसदी हिस्सेदारी ग्रामीण इलाकों की होती है। अच्छा मॉनसून सोने की बढ़ावा देता है। किसान एसेट के तौर पर सोना खरीदते हैं। बेहतर मॉनसून में ब्रोकरेज कंपनियां एफएमसीजी, ऑटो एंड इंजीनियरिंग, बैंकिंग और एनबीएफसी कंपनियों के शेयर खरीदने की सलाह देती हैं।

साथ ही फर्टिलाइजर, बीज, ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर गुड्स और फाइनेंस कंपनियों के शेयर भी डिमांड में रहते हैं। इस तरह अच्छा मॉनसून शेयर बाजार पर भी प्रभाव डालता है। मॉनसून के कारण जलाशय लबालब भर जाते हैं जो हाइड्रोपावर तथा सिंचाई के लिए अहम हैं।

 

किसान भाईयों के लिए जरूरी खबर


महंगाई पर लगेगा ब्रेक (There will be a brake on inflation)


इस समय पूरे देश में महंगाई चरम पर है। पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी की कीमत में हाल में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसका चौतरफा असर देखने को मिल रहा है। खराब मॉनसून से स्थिति और जटिल हो सकती थी। कम पैदावार से अनाज, फल-सब्जी और दूध जैसी रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के दाम और बढ़ सकते थे। लेकिन अच्छे मॉनसून से महंगाई पर लगाम लग सकती है।

 


जीडीपी पर असर (impact on GDP)


भारत की कुल जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है। किसानों के लिए बारिश सोने से भी ज्यादा मूल्यवान है। अनुकूल मॉनसून से गुड्स और सर्विसेज की कीमत भी प्रभावित होती है। अगर बारिश कम होती है तो इंडस्ट्री को मार्केट नहीं मिल पाता है और इंडस्ट्रीज के लिए कच्चे माल की सप्लाई पर भी असर पड़ता है। मॉनसून के नाकाम रहने से देश की जीडीपी ग्रोथ प्रभावित होती है। इसका नॉन एग्रीकल्चर सेक्टर की मांग पर भी असर पड़ता है