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Petrol-diesel price today: अब नहीं बढ़ेगी पेट्रोल-डीजल की कीमत! इस देश ने की भारत को तेल की पेशकश

ईरान कभी भारत का दूसरा सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर था, लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद नई दिल्ली को वहां से आयात रोकना पड़ा था। ईरान ने भारत को ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करने और रुपया-रियाल व्यापार (rupee-rial trade) फिर से शुरू करने की पेशकश की है।
 
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Petrol-diesel price today: अब नहीं बढ़ेगी पेट्रोल-डीजल की कीमत! इस देश ने की भारत को तेल की पेशकश
Story Highlights
ईरान ने की भारत को कच्चे तेल की पेशकश
रुपया-रियाल व्यापार फिर शुरू करने को तैयार
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से रुका था आयात

HR Breaking News, मुंबई: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल (crude) की बढ़ती कीमत के बीच भारत के लिए राहत की खबर है। ईरान ने भारत को ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद और तेल एवं गैस के निर्यात के लिए रुपया-रियाल व्यापार (rupee-rial trade) फिर से शुरू करने की पेशकश की है।

भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी (Ali Chegeni) ने यह पेशकश करते हुए कहा कि अगर दोनों देश रुपया-रियाल व्यापार फिर से शुरू करते हैं, तो द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

 

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ईरान कभी भारत का दूसरा सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर था, लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद नई दिल्ली को वहां से आयात रोकना पड़ा था। एमवीआईआरडीसी विश्व व्यापार केंद्र द्वारा यहां जारी एक बयान में चेगेनी के हवाले से कहा गया, ‘ईरान तेल और गैस के निर्यात के लिए रुपया-रियाल व्यापार शुरू करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।’

 

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क्या होगा फायदा
उन्होंने आगे कहा, ‘रुपया-रियाल व्यापार तंत्र दोनों देशों की कंपनियों को एक दूसरे के साथ सीधे सौदा करने और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता लागत से बचने में मदद कर सकता है।’ गौरतलब है कि नई दिल्ली और तेहरान के बीच व्यापार निपटान के लिए एक विनिमय तंत्र था, जिसमें भारतीय तेल आयातक एक स्थानीय ईरानी बैंक को रुपये में भुगतान कर रहे थे और इस धन का उपयोग करते हुए तेहरान, भारत से आयात कर रहा था।

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इससे ईरान भारत के लिए तेल का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया था। लेकिन ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद इसमें काफी गिरावट आई। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल और जनवरी के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार दो अरब डॉलर से भी कम रहा। ईरानी राजदूत ने साथ ही कहा कि उनका देश ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन के लिए वैकल्पिक रास्ते खोजने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।

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कितनी बढ़ी है तेल की कीमत
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था और तब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 93 डॉलर प्रति बैरल थी लेकिन मार्च की शुरुआत में यह 130 डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन उसके बाद से यह 100 डॉलर के नीचे आ गया है। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी आयात करता है। देश में दिवाली के बाद से पेट्रोल और डीजल (Petrol-diesel) की कीमत नहीं बदली है।