Wheat Rate Down : रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचकर धड़ाम से गिरे गेहूं के दाम, इस रेट पर हो रही बिक्री

HR Breaking News - (Wheat Price)। जून माह की शुरुआत में तो गेहूं के भाव में तेजी देखने को मिली थी, लेकिन माह के अंत में भाव में गिरावट आई है। गेहूं के दाम (wheat rate update) धड़ाम से गिरने के कारण किसानों को मायूसी हाथ लगी है। अब वे इसी इंतजार में हैं कि ये आखिर कब बढेंगे। दाम बढ़ने की उम्मीद में किसानों ने गेहूं को स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
इसका प्रभाव आने वाले दिनों में गेहूं के भाव (gehu ka bhav) पर देखने को मिल सकता है। इसी महीने रिकॉर्डलेवल पर पहुंचकर गेहूं के दाम गिरना कई संकेत दे रहा है। अब मंडियों (mandi bhav today) में गेहूं की आवक और बिक्री पर भी असर पड़ा है।
सीजन की शुरुआत में मिला था तगड़ा मुनाफा-
किसानों को गेहूं बिक्री पर इस सीजन के शुरू में तो तगड़ा मुनाफा मिल रहा था लेकिन अब अचानक गेहूं के दाम (gehu ka bhav) गिरने से वे घाटे में आ रहे हैं। निजी व्यापारियों को गेहूं बेचने का विकल्प अब अधिकतर किसान तलाश रहे हैं। यहां भी उनका औसत दाम ही मिल रहे हैं। अधिकतर निजी व्यापारी 2450 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास ही गेहूं के दाम (wheat rate 30 june 2025) खरीद रहे हैं। जबकि गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये है।
इतने लुढ़क गए गेहूं के दाम-
जून माह के शुरू में गेहूं के दाम (wheat rate latest) 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके थे। राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश (Wheat rate in UP) में भी एमएसपी से ऊपर गेहूं का रेट था लेकिन अब यहां भी मंदी आई है। अब गेहूं का भाव (wheat price fall) 2500 रुपये से भी नीचे आ गया है। इस हिसाब से 500 रुपये तक प्रति क्विंटल तक गेहूं का भाव लुढ़का है।
अभी जारी रहेगा भाव में उतार चढ़ाव-
गेहूं के भाव में यह उतार चढ़ाव अगले कई दिनों तक जारी रहने का अनुमान एक्सपर्ट्स ने जताया है। मई की शुरुआत से ही गेहूं के भाव (wheat rate 30 june) में बदलाव देखा जा रहा था, पिछले कई दिनों तक इसमें तेजी रही थी लेकिन अब मंडियों में गेहूं का भाव (wheat rate 30 june) गिर गया है। मुख्य गेहूं उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में भी गेहूं के रेट (MP wheat price) कम हो गए हैं।
आटे के दाम होंगे हाई-
एक्सपर्ट्स के अनुसार गेहूं के दाम (Wheat rate update) बेशक गिर गए हैं लेकिन आटे के दाम हाई हो सकते हैं। इसका कारण गेहूं की आपूर्ति प्रभावित होना बताया जा रहा है। अगर गेहूं के दाम (gehu ka bhav) बढ़ते हैं तो आटे के रेट और ज्यादा बढ़ सकते हैं। गेहूं से बने खाद्य पदार्थों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।