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Auto News : आखिर काले ही रंग के क्यों होते हैं गाड़ियों के टायर? जानिए क्या है खास बात

आज के समय में हर किसी के पास वाहन है और जब आप कोई भी कार या बाइक खरीदने जाते हैं तो आपको उसके ढेर सारे कलर मिलेंगे लकिन उनके टायर का कलर सिर्फ काला ही होता है क्या कभी सोचा है की ऐसा क्यों होता है। ये बात जानने के लिए बने रहें हमारी खबर के साथ। 
 
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HR Breaking News : ब्यूरो : क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम वाहन लेने जाते हैं तो उसके टायर काले क्यों होते हैं और उस वाहन का कलर अनेक तरह का मिलता है जैसे किसी को लाल या सिल्वर. हालांकि जब टायर खरीदने की बारी आती है तो ऐसा कोई ऑप्शन नहीं होता. टायर का साइज, कंपनी, या स्टाइल अलग हो सकता है।

लेकिन रंग हमेशा काला ही होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि टायर हमेशा काले रंग (Why Tyres Are Always Black) के ही क्यों होते हैं. किसी और रंग के Tyre क्यों नहीं बनते? खबर में जानिए इसके पीछे की बात। 

क्या कभी सफेद भी होते थे टायर


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बहुत कम लोगों को पता होगा कि करीब 125 साल पहले टायर सफेद रंग के हुआ करते थे. इसकी वजह टायर बनाने में इस्तेमाल होने वाला रबर था, जो दूधिया सफेद होता है. लेकिन वर्तमान समय में टायर बनाने के लिए दूसरे मैटिरियल का इस्तेमाल होता है. दरअसल, पुराने समय के टायर इतने मजबूत नहीं होते थे कि वह किसी वाहन का लोड संभाल पाएं और सड़क पर तेजी से चल पाएं. 


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ऐसे में टायर की मजबूती और उम्र बढ़ाने के लिए एक स्ट्रॉन्ग पदार्थ की जरूरत थी. दूधिया सफेद सामग्री में कार्बन ब्लैक मिलाने से बात बन गई. कार्बन ब्लैक टायर की लंबी उम्र और मजबूती में सुधार करता है. हालांकि कार्बन ब्लैक मिलाने से टायर पूरी तरह से काला हो जाता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सादा रबर का जो टायर करीब 8 हजार किलोमीटर चल सकता है, वही कार्बनयुक्त रबर का टायर 1 लाख किलोमीटर तक चल सकता है.