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Indian Railways : ये है देश की सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन, साइकल भी चलती है इससे तेज़, धीरे चलने की वजह है काफी अलग

जहाँ एक तरफ चीन जैसा देश दुनिया की सबसे तेज़ ट्रेन बनाने में लगा हुआ है वहीं दूसरी तरफ हमारे देश में एक ऐसी ट्रेन चलती है जो इतनी धीरे चलती है के साइकल उससे आगे निकल जाये।  क्या है वजह इतने धीरे चलने की आइये जानते हैं।

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HR Breaking News, New Delhi : Shimla  में चलने वाली टॉय ट्रेन एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है, लेकिन तमिलनाडु में एक ऐसी ही ट्रेन ऑनलाइन दिल जीत रही है. सरकारी वेबसाइट इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, मेट्टुपालयम ऊटी नीलगिरि पैसेंजर ट्रेन भारत की सबसे धीमी ट्रेन है, जो 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. यह ट्रेन भारत की सबसे तेज ट्रेन की तुलना में लगभग 16 गुना धीमी है. स्थानीय लोग का कहना है कि इस ट्रेन की रफ्तार किसी साइकिल की रफ्तार से भी धीमी है.ट्रेन लगभग पांच घंटे में 46 किमी की दूरी तय करती है, जो पहाड़ी इलाके में चलने वाली ट्रेन के कारण है.

46 किमी के रास्ते में दिखाई देते हैं कई सुंदर दृश्य

हालांकि, 46 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह ट्रेन कई सुंदर दृश्य दिखलाते हैं, जिससे आपका मन कभी नहीं भरेगा और आपको इस धीमी रफ्तार की ट्रेन से प्यार हो जाएगा. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के विस्तार के रूप में ट्रेन को संयुक्त राष्ट्र निकाय यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है. यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार नीलगिरि पर्वतीय रेलवे का निर्माण सबसे पहले 1854 में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन पहाड़ी स्थान की कठिनाई के कारण काम 1891 में शुरू हुआ और 1908 में पूरा हुआ. यूनेस्को ने यह भी कहा कि यह रेलवे 326 मीटर से 2,203 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचती है, जो उस समय की नवीनतम तकनीक का प्रतिनिधित्व करती है.

कई सुरंगों और 100 से अधिक पुलों से होकर गुजरती ट्रेन


आईआरसीटीसी के अनुसार, ट्रेन 46 किलोमीटर की यात्रा के दौरान कई सुरंगों और 100 से अधिक पुलों से होकर गुजरती है. पथरीला इलाका, खड्डे, चाय के बागान और घने जंगलों वाली पहाड़ियां इस राइड को खूबसूरत बनाती हैं. सबसे शानदार दृश्य मेट्टुपालयम से कुन्नूर तक फैले हुए हैं. नीलगिरि माउंटेन रेलवे मेट्टुपालयम से ऊटी के बीच डेली सर्विस संचालित करता है. ट्रेन मेट्टुपालयम से सुबह 7.10 बजे निकलती है और दोपहर 12 बजे ऊटी पहुंचती है. वापसी की यात्रा के दौरान, ट्रेन ऊटी से दोपहर 2 बजे शुरू होती है और शाम 5.35 बजे मेट्टुपालयम पहुंचती है.

किन रास्तों से गुजरती है यह ट्रेन

मार्ग पर मुख्य स्टेशन कुन्नूर, वेलिंगटन, अरवंकाडु, केटी और लवडेल हैं. ट्रेन में प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी दोनों के बैठने की व्यवस्था है. प्रथम श्रेणी की सीटों में कुशन हैं और द्वितीय श्रेणी की तुलना में कम संख्या में हैं. तेजी से बढ़ती मांग के कारण 2016 में ट्रेन में चौथी गाड़ी जोड़ी गई. 

टिकट कैसे बुक करें?


नीलगिरि पर्वतीय रेलवे पर यात्रा के लिए आरक्षण आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है. छुट्टियों और सप्ताहांत के दौरान पर्यटकों की संख्या बहुत अधिक होती है, इसलिए अग्रिम बुकिंग की सलाह दी जाती है.