Car Insurance Tips : कब मिलता है गाड़ी का फुल इंश्योरेंस, आपको भी पता होने चाहिए ये नियम
HR Breaking News, New Delhi : भारत में गाड़ी चलाने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी का होना जरूरी है. कार, बाइक आदि का बीमा कराने के कई फायदे हैं. सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर गाड़ी को कोई डैमेज होता है तो बीमा कंपनी नुकसान की भरपाई (Insurance company compensates for the loss) करती है. इंश्योरेंस कंपनी गाड़ी के डैमेज होने या चोरी होने की स्थिति में उसकी पूरी कीमत भी चुकाती है. लेकिन ये पैसे आपको कब मिलेगा? यह जानना आपके लिए जरूरी है ताकि गाड़ी खराब होने पर आपको कंपनी से पूरा पैसा मिल सके.
जब आप गाड़ी के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो इसके कुछ नियम होते हैं. जब हम इंश्योरेंस क्लेम करते हैं तो नियमों के तहत ही भरपाई होती है. इसलिए इन नियमों को अच्छे से पढ़ना और समझना जरूरी है.
मान लीजिए गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया, तो इसका मतलब यह नहीं कि इंश्योरेंस कंपनी पूरा पैसा देगी. फुल कवरेज लेने के लिए कई चीजों की जांच होती है, तब जाकर कंपनी गाड़ी डैमेज या चोरी होने के बदले आपको पैसा देती है.
कब मिलेगा नुकसान का पूरा पैसा?
कार डैमेज होने पर पूरा पैसा चाहिए तो गाड़ी का टोटल लॉस होना जरूरी है. टोटल लॉस का सीधा मतलब एक तरह से गाड़ी को खो देना है. यह एक ऐसी स्थिति जब आपको अपनी गाड़ी दोबारा नहीं मिल पाएगी. अगर गाड़ी को इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) से ज्यादा नुकसान पहुंचा है तो बीमा कंपनी पूरा पैसा देगी.
Vehicle Total Loss: टोटल लॉस जानने का तरीका
इंश्योरेंड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) गाड़ी की मार्केट वैल्यू होती है. यह वो ज्यादा से ज्यादा रकम है जो गाड़ी चोरी होने या पूरी तरह डैमेज होने पर बीमा कंपनी आपको देती है. आमतौर पर अगर गाड़ी को इतना नुकसान हुआ कि उसे रिपेयर करने में IDV के 75 फीसदी के बराबर पैसा खर्च होगा तो इसे व्हीकल टोटल लॉस माना जाएगा. ऐसा होने पर इंश्योरेंस कंपनी IDV के अनुसार पूरा पैसा देती है.
RTO को देनी होगी जानकारी
गाड़ी चोरी होने पर भी इंश्योरेंस कवर का पूरा पैसा मिल जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर गाड़ी पूरी तरह डैमज होती है तो उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराना जरूरी है.
मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत गाड़ी का टोटल लॉस होने के 14 दिनों के अंदर संबंंधित रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) को इसकी जानकारी देनी होगी. आपकी एप्लिकेशन पर कार्यवाही करते हुए RTO गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करेगा, ताकि इसका गलत इस्तेमाल ना पाए.
