Delhi में बनेंगे 2 नए जिले, सब-डिवीजन की संख्या भी 33 से बढ़कर 39
Delhi - दिल्लीवालों को जल्द ही 2 नए जिले और 6 नए सब-डिवीजन मिलने वाले हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर की प्रशासनिक सीमाओं को बदलने की शुरुआती मंजूरी दे दी है। इस बड़े बदलाव के बाद, दिल्ली में अब 11 की जगह 13 राजस्व जिले होंगे... साथ ही, सब-डिवीजन की संख्या भी 33 से बढ़कर 39 हो जाएगी।
HR Breaking News, Digital Desk- (Delhi) दिल्लीवालों को जल्द ही 2 नए जिले और 6 नए सब-डिवीजन मिलने वाले हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर की प्रशासनिक सीमाओं को बदलने की शुरुआती मंजूरी दे दी है। इस बड़े बदलाव के बाद, दिल्ली में अब 11 की जगह 13 राजस्व जिले होंगे। साथ ही, सब-डिवीजन की संख्या भी 33 से बढ़कर 39 हो जाएगी।
इस कदम का मुख्य मकसद विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाना है। इससे अधिकार क्षेत्र से जुड़ी उलझनें खत्म होंगी। लोगों की शिकायतें भी अब और तेजी से सुनी जा सकेंगी। इस नई योजना के तहत, MCD के अलग-अलग जोन को राजस्व जिलों के साथ जोड़ा जाएगा।
NDMC और दिल्ली छावनी के इलाकों को नई दिल्ली जिले में शामिल किया जाएगा। राजस्व विभाग ने इस बदलाव के लिए प्रस्ताव बनाना शुरू कर दिया है। कैबिनेट और उपराज्यपाल (LG) की मंजूरी मिलने के बाद, इन नए जिलों और सब-डिवीजन को लागू किया जाएगा।
अभी दिल्ली का प्रशासनिक ढांचा कई हिस्सों में बंटा हुआ है। इसमें 11 राजस्व जिले हैं, जिनका नेतृत्व एक जिला मजिस्ट्रेट (DM) करता है। दूसरी ओर, दिल्ली नगर निगम (MCD) को 12 जोन में बांटा गया है, जिन्हें डिप्टी कमिश्नर संभालते हैं।
इसके अलावा, NDMC का इलाका (लुटियंस जोन) एक अलग प्रशासनिक इकाई है। इस बहु-स्तरीय प्रणाली के कारण, MCD और राजस्व जिलों के बीच तालमेल की कमी और अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद होते रहते हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में मुश्किलें आती हैं।
उदाहरण के लिए, MCD के नजफगढ़ जोन का कुछ हिस्सा नई दिल्ली जिले में आता है। जबकि नजफगढ़ का बाकी इलाका भौगोलिक रूप से काफी दूर है। इसी तरह, MCD के करोल बाग जोन का कुछ हिस्सा उत्तर-पश्चिम जिले में पड़ता है। ये दोनों इलाके भी एक-दूसरे से काफी दूर हैं। एक आम नागरिक जो नजफगढ़ (Najafgarh) के कुछ हिस्सों में रहता है, वह सोचता है कि उसका राजस्व जिला पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम होगा। लेकिन नजफगढ़ MCD जोन के कुछ हिस्से नई दिल्ली जिले के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इस तरह की उलझनें लोगों के लिए परेशानी खड़ी करती हैं।
क्या होगा नया?
दिल्ली में आखिरी बार नए जिले सितंबर 2012 में बने थे। तब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली और शाहदरा को अलग जिले के रूप में बनाया गया था। अब अधिकारी कहते हैं कि इस बदलाव से दिल्ली के प्रशासनिक नक्शे (administrative maps of delhi) में बड़ा फेरबदल होगा। इसमें जिलों और सब-डिवीजन की सीमाओं में बदलाव (Change in the boundaries of subdivisions) शामिल है। कुछ गांवों और इलाकों को जोड़ा या हटाया जा सकता है। नए जिलों और सब-डिवीजन के नाम शायद उन इलाकों या MCD जोन के नाम पर रखे जाएंगे, जिन्हें वे कवर करेंगे। हालांकि, अंतिम फैसला सरकार ही लेगी, जब प्रस्ताव औपचारिक रूप से पेश किया जाएगा।डिटेल में समझिए-
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एमसीडी अधिकारी 12 मौजूदा एमसीडी ज़ोन को 12 जिलों में बदलने पर विचार कर रहे हैं। इन ज़ोन में सेंट्रल, सिटी सदर-पहाड़गंज, सिविल लाइंस, करोल बाग, केशवपुरम, नजफगढ़, नरेला, रोहिणी, शाहदरा उत्तर, शाहदरा दक्षिण, साउथ और वेस्ट शामिल हैं। इस प्रक्रिया में, शाहदरा ज़िले में सबसे बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, और दक्षिण-पूर्वी व बाहरी दिल्ली (उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम) की सीमाओं को भी फिर से परिभाषित किया जा सकता है।
प्रशासनिक काम होगा आसान-
नगर निगम दिल्ली (MCD) के जोन कई राजस्व जिलों में फैले हुए हैं, जिससे प्रशासनिक कार्य जटिल हो गए हैं। उदाहरण के लिए, सेंट्रल और साउथ जोन चार जिलों में फैले हैं, जबकि रोहिणी जोन (Rohini Zone) तीन जिलों में आता है। यह ओवरलैप प्रशासनिक समन्वय और दक्षता में बाधा डालता है, क्योंकि एक ही क्षेत्र को कई सरकारी संस्थाओं के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है। यह मौजूदा व्यवस्था की जटिलता को उजागर करता है, जिससे सेवाओं के वितरण और जवाबदेही में समस्याएं पैदा होती हैं।
