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7th central pay commission : अब बेसिक सैलरी में जुड़ेगा महंगाई भत्ता, सरकारी कर्मचारी जान लें DA का पूरा हिसाब किताब

7th Pay Commission DA merge : बढ़ती महंगाई से लोगों को राहत देने के लिए सरकार साल में दो बार डीए में संशोधन करती है। अब सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते को लेकर ऐलान करने वाली है, जिसे लेकर कर्मचारियों में इंतजार बना हुआ है। इसी बीच बताया जा रहा है कि अब डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा। सरकार ने भी अब डीए मर्ज से जुड़ा अपडेट दे दिया है। आइए खबर में जानते हैं अब तक का डीए (7th Pay Commission DA)  का पूरा हिसाब किताब कैसे और क्या रहेगा।
 
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7th central pay commission : अब बेसिक सैलरी में जुड़ेगा महंगाई भत्ता, सरकारी कर्मचारी जान लें DA का पूरा हिसाब किताब

HR Breaking News -  (DA News)। महंगाई भत्ते में संशोधन का असर कर्मचारियों की सैलरी पर भी देखने को मिलता है। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस बढ़े हुए महंगाई भत्ते का फायदा मिलता है। अगर होली के आसपास मार्च में डीए बढ़ने का ऐलान होता है, तो भी इसे 1 जनवरी 2025 से लागू माना जाएगा और एरियर सहित इसे कर्मचारियों के खाते में दिया जाएगा।

अब इसके बाद यह चर्चांए हो रही हैं कि महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी (Basic Salary) में जोड़ दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो इससे कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आ सकता है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) का पूरा हिसाब-किताब क्या है।

फिलहाल इतना मिल रहा है महंगाई भत्ता-


साल 2024 में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (7th Pay Commission latest update) में 7 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। सरकार ने पिछले साल मार्च 2024 में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowances) में चार प्रतिशत का इजाफा किया था और उसके बाद दिवाली से पहले महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी की थी। पूर्व में केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA Hike Updates)  मिल रहा था, जो इस बढ़ौतरी के बाद 50 और फिर 53 प्रतिशत पर पहुंच गया था। अब वर्तमान में कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग के तहत बेसिक सैलरी पर 53 प्रतिशत डीए मिल रहा है।  
 


क्या बेसिक सैलरी में मर्ज होगा डीए-


हालांकि पहली बार ऐसा नहीं है कि ऐसी महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत होने के बाद बेसिक सैलरी में मर्ज (7th Pay Commission DA merge) होने की चर्चा हो रही है। इससे पहले भी छठे वेतन आयोग के समय ऐसी चर्चाएं हो रही थी। अब लास्ट टाइम सरकार ने अक्तूबर (DA Hike In October) में डीए में 3 प्रतिशत का इजाफा किया था।

तब डीए 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत पर पहुंच गया, जिसके बाद से यह चर्चांए तेज हो गई थी कि अब डीए को बेसिक सैलरी (basic salary) के साथ मर्ज (DA merge update)  किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो इससे सरकारी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होगा।

पहले भी मर्ज हुआ था डीए -


डीए मर्ज होने की चर्चाओं होना भी लाजमी है, क्योंकि इन चर्चाओं के पीछे पहले सरकार द्वारा किए गए फैसले हैं। जब छठा वेतन आयोग (6th pay Commssion) 2004 में लागू किया गया था तब भी डीए 50 प्रतिशत से ज्यादा चला गया था तो उस समय 50 प्रतिशत डीए (Dearness Allowance Updates) को बेसिक सैलरी में मर्ज किया था, इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव देखने को मिले थे। किंतु इसके बाद इन नियमों को फिर से बदल दिया गया था और सातवें वेतन आयोग में अभी तक इस नियम को लागू नहीं किया गया है। 

सैलरी स्ट्रक्चर में दिखेंगे बड़े बदलाव-


अब वर्तमान में सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission) चल रहा है और इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को 18 हजार रुपये न्यूनतम बेसिक सैलरी (minimum basic salary) मिल रही है। इस सैलरी पर कर्मचारियों को महंगाई से राहत के लिए 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है।  अगर इस वेतन आयोग के तहत डीए बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाता है तो इससे केंद्रीय कर्मचारियों का बेसिक सैलरी का स्ट्रक्चर (Basic Salary Structure) बदल जाएगा। सैलरी स्ट्रक्चर के इस बदलाव से अलाउंस और अन्य भत्तों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।


डीए मर्ज को लेकर सरकार का अपडेट-


कुछ जानकारों ने बार-बार डीए मर्ज होने की चर्चाओं का कारण 50 प्रतिशत से ज्यादा डीए होना ही माना है। देश में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने इन चर्चाओं को देखते हुए महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज (Basic salary DA merge) को लेकर अपडेट जारी कर दिया है।

मंत्री वैष्णव का कहना है कि अभी फिलहाल में सरकार की ओर से इस बारे में कोई विचार नहीं किया गया है और न ही सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक तौर पर फैसला जारी किया है। उनका कहना है कि इससे पहले पांचवें छठे आयोग के दौरान ऐसी सिफारिशें की गई थीं। अब 8वें वेतन आयोग में इसे फिर से मर्ज किया जा सकता है।