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8th Pay Commission Update : 8वां वेतन आएगा या नहीं, जानिए सरकार का क्या है प्लान

कर्मचारी पिछले लंबे समय से इंतजार कर रहे है कि आठवां वेतन आयोग आएगा या नहीं। ऐसे में कर्मचारियों के लिए सरकार की ओर से एक नया अपडेट सामने आ रहा है। जिसमें सरकार ने अपना नया प्लान बताते हुए ये बताया है कि आठवां वेतन आयोग आएगा या नहीं। आइए नीचे खबर में जानते है विस्तार से। 

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HR Breaking News, Digital Desk- आने वाला समय सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छा रहेगा या नहीं इसी को लेकर इन दिनों चर्चा जोरों पर है. वजह साफ है 8वां वेतन आयोग (8th pay commission). फिलहाल सरकार ने साफ कर दिया है कि उसका अगला वेतन आयोग गठित करने का कोई इरादा नहीं है. इस पर विचार नहीं किया जा रहा है. अब इसे लेकर कर्मचारी संघ ने विरोध शुरू कर दिया है.

उनका मानना ​​है कि सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि आठवां वेतन आयोग बनेगा या नहीं. आपको बता दें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 से लागू हैं जिसमें उन्हें न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम 56,900 रुपये फिटमेंट फैक्टर के आधार पर मिल रहा है.

8वां वेतन आयोग और पुरानी पेंशन की मांग-

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) ने स्पष्ट किया है कि अगर सरकार 8वां वेतन आयोग और पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो कर्मचारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जा सकते हैं. इस हड़ताल में केंद्र और राज्य के कर्मचारी संयुक्त रूप से हिस्सा ले सकते हैं. दरअसल हाल ही में संसद के मानसून सत्र में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के सामने 8वां वेतन आयोग गठित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. हालांकि सीधे तौर पर यह निकाल लिया गया कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा.

वित्त राज्य मंत्री के बयान को समझें-

पंकज चौधरी से सवाल पूछा गया कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन पर विचार कर रही है या नहीं? जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अभी तक सरकार के पास 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को 2014 में लागू किया गया था. जिसे 2016 में लागू किया गया था. सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन मैट्रिक्स की समीक्षा 10 साल की लंबी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना की जा सकती है.

डीए की भूमिका क्या है?

जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के अनुसार वेतन आयोग की सिफारिशों पर 10 साल में एक बार वेतन संशोधन होता है. इसमें महंगाई भत्ते (डीए) की भी भूमिका होती है. जब भी डीए 50 प्रतिशत से अधिक होता है तो उसे कर्मचारियों के मूल वेतन में मिला दिया जाता है.

हालांकि यह केवल वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार होता है. यह कई अन्य भत्तों में भी जुड़ता है. जेसीएम सचिव (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक सरकार को महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों का भुगतान करना होगा. हालांकि आठवें वेतन आयोग के गठन में अभी समय है. अगर सरकार इससे पीछे हटती है या कुछ नए मापदंड अपनाए जाते हैं तो केंद्र और राज्य के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.


साल 2024 तक करना होगा इंतजार-


रक्षा मंत्रालय की जेसीएम काउंसिल लेवल-2 और भारतीय मजदूर संघ को भरोसा है कि केंद्र सरकार समय पर 8वें वेतन आयोग का गठन करेगी. सिफारिशों के लिए अभी भी समय है. इसी तरह इसे लागू करने का समय 2026 तक है. इससे पहले हमें साल 2024 का इंतजार करना होगा. यही सही समय होगा जब स्थिति स्पष्ट होगी कि सरकार की मंशा क्या है. संघ भी तभी मांग उठाएगा.