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8th Pay Commission : अब इस फॉर्मूले से बढ़ेगा सरकारी कर्मचारियों का वेतन, न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये

8th Pay Commission : केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) को मंजूरी दे दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, पेंशन (pension) और भत्तों में बदलाव आएगा. इस बीच एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि अब इस फॉर्मूले से बढ़ेगा सरकारी कर्मचारियों का वेतन और न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये होगी-

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8th Pay Commission : अब इस फॉर्मूले से बढ़ेगा सरकारी कर्मचारियों का वेतन, न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) को मंजूरी दे दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, पेंशन (pension) और भत्तों में बदलाव आएगा. सूत्रों के अनुसार, आयोग का गठन जनवरी 2026 तक हो सकता है और इसकी सिफारिशें 2025 के अंत तक सौंप दी जाएंगी. यदि योजना सफल रही, तो इसे 2026 की शुरुआत से लागू किया जा सकता है, अन्यथा इसमें 2027 तक की देरी संभव है.

किसे मिलेगा फायदा?

आठवां वेतन आयोग  करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को फायदा पहुंचाएगा. इसमें रक्षा क्षेत्र के रिटायर्ड कर्मी (retired employees) भी शामिल हैं. यानी कुल मिलाकर 1 करोड़ से ज्यादा लोग इस आयोग की सिफारिशों से लाभान्वित होंगे.

सैलरी में कितना इजाफा होगा?

कर्मचारियों के मन में ये सवाल है कि अब सैलरी में कितनी बढ़ोती होगी? खबरों के मुताबिक, कर्मचारियों की सैलरी में 30 से 34 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है. एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि न्यूनतम बेसिक सैलरी (minimum basic salary) 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक जा सकती है. यानी कर्मचारियों की जेब में पहले से कहीं ज्यादा पैसे आएंगे. हालांकि, ये अनुमान है, और फाइनल आंकड़ा आयोग की सिफारिशों के बाद ही साफ होगा.

फिटमेंट फैक्टर का क्या है रोल?

सरकार कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल करती है. 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था. इसका मतलब है कि आपकी बेसिक सैलरी को 2.57 से गुणा करके नई सैलरी निर्धारित की गई थी. इस प्रक्रिया के दौरान, महंगाई भत्ता (DA) को शून्य कर दिया जाता है और फिर नए सिरे से इसकी गणना शुरू होती है. 8वें वेतन आयोग में भी इसी तरह से नया बेसिक पे तय किया जाएगा.

नया सैलरी स्ट्रक्चर कैसा होगा?

सरकार पिछले कुछ वेतन आयोगों से सैलरी स्ट्रक्चर (salary structure) को और आसान करने की कोशिश कर रही है.

6वें वेतन आयोग (6th pay commission) में पे बैंड और ग्रेड पे की व्यवस्था आई थी.

7वें वेतन आयोग (7th pay commission) ने पे मैट्रिक्स लाकर इसे और सरल किया, जिसमें हर कर्मचारी की सैलरी उनके लेवल के हिसाब से तय होती है.

मौजूदा सैलरी में बेसिक पे का हिस्सा करीब 51.5%, DA का 30.9%, HRA का 15.4%, और ट्रांसपोर्ट अलाउंस का 2.2% होता है.

आठवां वेतन आयोग (8th pay commission) इसे और पारदर्शी और आसान बनाने की कोशिश करेगा. कर्मचारियों को उम्मीद है कि नया स्ट्रक्चर और बेहतर होगा.

सरकार पर कितना आएगा बोझ?

सरकार के अनुमान के मुताबिक, अगर सैलरी में 30-34% की बढ़ोतरी होती है, तो हर साल करीब ₹1.8 लाख करोड़ का अतिरिक्त खर्च होगा. यह एक बड़ी रकम है, लेकिन सरकार इसे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और कर्मचारियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण मानती है.

वेतन आयोग का काम क्या है?

वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन को वर्तमान महंगाई और जीवन-स्तर के अनुरूप संशोधित करना है. भारत में 1946 से अब तक सात वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं, जिनमें से प्रत्येक लगभग हर दस साल बाद आता है. वर्तमान में 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू है. अब सभी को 8वें वेतन आयोग का इंतजार है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है.