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हरियाणा में लुप्त प्रजाति को बचाने का प्रयास, अब होगी जंगली जानवरों की गिनती

हरियाणा सरकार की तरफ से अरावली वन क्षेत्र और शिवालिक वन क्षेत्र में बांटा हुआ हैं। भिवानी का क्षेत्र अरावली क्षेत्र में आता हैं। इसी प्रकार यमुनानगर पंचकूला की तरफ का क्षेत्र शिवालिक वन क्षेत्र में आता हैं। यह गिनती करीब 11 साल बाद होने जा रही है।
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हरियाणा में मौजूद अरावली वन क्षेत्र में अब जंगली जानवरों की गिनती होगी। इसको लेकर तैयारी पूरी हो गई है। टीमों का गठन कर लिया गया है। वन्य प्राणी और वन विभाग के कर्मचारी मिलकर यह गिनती करेंगे। 11 साल बाद हो रही इस गिनती में शेर से लेकर तेंदुआ, नील गाय, गीदड़, चिंकारा आदि जानवरों को गिना जाएगा। जीपीएस सिस्टम से होने वाली यह गिनती वन से लेकर खेत में होगी ताकि कोई जानवर रह न जाए।

 

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वन से लेकर खेत तक गिनती करनी की तैयारी

प्रदेश सरकार की तरफ से अरावली वन क्षेत्र और शिवालिक वन क्षेत्र में बांटा हुआ हैं। भिवानी का क्षेत्र अरावली क्षेत्र में आता हैं। इसी प्रकार यमुनानगर, पंचकूला की तरफ का क्षेत्र शिवालिक वन क्षेत्र में आता हैं। करीब 11 साल बाद होने जा रही इस गिनती को विभाग करीब दस दिन में पूरी कर लेंगे। कोरोना के चलते लाकडाउन होने के कारण यह गिनती का कार्य पहले नहीं हो पाया था।


इनकी होगी गिनती

हिरण, पैंथर, चिंकारा, नील गाय, पाडा हिरण, ककड़, गीदड़, सांबर, लोमड़ी आदि जानवर की गिनती होगी।

पहले करते थे वन क्षेत्र

वन्य प्राणी विभाग पहले अरावली व शिवालिक वन क्षेत्र में ही जंगली जानवरों की गिनती करता रहा हैं। उनकी तरफ से खेतों में झुंड में रहने वाले जानवरों की गिनती नहीं की जाती थी। इससे आंकड़ों में एक अंतर देखने को मिलता था। लेकिन इस बार वन के साथ खेतों में भी इस गिनती को करने का निर्णय लिया गया। इससे जानवरों की सही गिनती सामने आएगी।


लुप्त प्रजाति को भी बचाने का प्रयास

वन्य प्राणी और वन विभाग हमेशा से ही लुप्त होती या धीरे-धीरे खत्म हो रही प्रजाति को बचाने के लिए लगातार प्रयास करता रहा हैं। इस गिनती के माध्यम से उनकी सही संख्या सामने आ जाती हैं। वह लुप्त की तरफ जा रहे है या नहीं इसका भी पता चलता हैं।

जिला अनुसार बनाई टीमें

विभागों की तरफ से जिला अनुसार विभागों की कई टीमों का गठन किया गया हैं। यह टीमों का अलग-अलग गठन किया गया हैं। यह टीमें जीपीएस सिस्टम के साथ हर जगह जाएगी। जहां का सर्वे पूरा होगा उसको जीपीएस ट्रैक कर दिया जाएगा। इससे कोई भी क्षेत्र छुटेगा नहीं।


अधिकारी के अनुसार

प्रदेश में वन्य जीवों की गिनती का काम शुरू किया जा रहा हैं। वन और वन्य प्राणी विभाग मिलकर यह गिनती करेंगे। जीपीएस से इसकी ट्रैकिंग होगी ताकि दिक्कत न हो। गिनती को पूरा करने के बाद सही आंकड़े सामने आएंगे।

----- वेद प्रकाश, डीएफओ, हिसार।