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हरियाणा के बुजुर्गों के लिए खुशखबरी, दो दिन में खातों में आएगी रुकी पेंशन

Haryana Old Age Pension गुरुग्राम एवं फरीदाबाद सहित हरियाणा के बुजुर्गोंं के लिए खुशखबरी है। बुजुर्गों की दो माह से रुकी पेंशन उनके बैंक खातों में आ आएगी। जिन लोगों की पेंशन उम्र के सत्‍यापन के कारण उसके लिए प्रक्रिया चल रही है।
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Haryana Old Age Penson: गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित हरियाणा में जिन बुजुर्गों को अभी पेंशन नहीं मिली है, अगले एक दो दिन में उनके खातों में पेंशन का पैसा आ जाएगा। इसके अलावा अब बुजुर्गों को पेंशन बनवाने के लिए समाज कल्याण विभाग में धक्के खाने की जरूरत नहीं। परिवार पहचान पत्र बनवा चुके जिस भी व्यक्ति की उम्र 60 साल होती है,

उसकी पेंशन अपने आप बन जाएगी। जिन लोगों के पास जन्मतिथि का कोई साक्ष्य नहीं है, उनकी जन्मतिथि को सत्यापित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली को सरल बनाने पर सरकार जल्द विचार करेगी।

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जिन लोगों के पास साक्ष्य नहीं, उनकी जन्मतिथि को सत्यापित करने के लिए प्रणाली पर चल रहा मंथन

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल और कुमारी सैलजा ने अलग-अलग बयानों में आरोप लगाया था कि बड़ी संख्या में पेंशनधारकों को अब तक दिसंबर और जनवरी महीने की पेंशन नहीं मिली है।

पेंशन को फैमिली आइडी से जोड़कर अब तक हजारों बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई है और बड़ी संख्या में बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन पर कैंची चलाने की प्लानिंग की जा रही है।


सात साल में दोगुनी हुई पेंशन और पेंशनभोगी, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान से बहुत आगे हरियाणा

इन आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल ने कहा कि बुढ़ापा पेंशन समय पर दी जा रही है और इसे खत्म नहीं किया जा रहा। वर्तमान में बुजुर्गों को 2500 रुपये पेंशन दी जा रही है जो कि अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। हरियाणा की अपेक्षा पंजाब में बुजुर्गों को केवल 1500 रुपये पेंशन मिलती है।

दिल्ली में बुजुर्गों को करीब 2000 रुपये बतौर पेंशन मिलते हैं। राजस्थान में यह पेंशन 750 से 1000 रुपये तक है। ऐसे में अगर तुलना की जाए तो इन राज्यों की अपेक्षा हरियाणा में कहीं अधिक पेंशन दी जा रही है।


डा. अमित अग्रवाल ने कहा कि सबका साथ और सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले सात साल में न केवल सामाजिक पेंशन में ढाई गुना बढ़ोतरी की है, बल्कि पेंशन भोगियों की संख्या भी 2015 के मुकाबले दोगुनी हो गई है।

वर्ष 2015 में 15 लाख 55 हजार 440 लाभार्थियों को एक हजार में रुपये मासिक पेंशन दी जाती थी, जबकि अब 28 लाख 57 हजार 529 लोगों को पेंशन और भत्ते दिए जा रहे हैं। पेंशन भी एक हजार रुपये से बढ़कर ढाई हजार रुपये प्रतिमाह हो गई है।