हरियाणा में बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी, हजारों किसानों ने मांगा मुआवजा
साल 2022 शुरू होते ही जनवरी में 118 एमएम और दूसरे माह फरवरी की शुरुआत में ही औसत 35 एमएम बारिश से फसलें खराब होने लगी हैं। बारिश से फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर जिला भर के चार हजार के करीब किसानों ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय में आवेदन किया है।
इन आवेदनों के पहुंचने के बाद कृषि विभाग की टीम की ओर से सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर बीमा कंपनी को भेजी जा रही है। इसी माह की शुरुआत में तीन और चार फरवरी को आई बारिश के बाद भी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कार्यालय में आवेदन देने पहुंच रहे किसानों की भीड़ लगी हैं।
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जिला भर में पिछले करीब 30 दिनों में ही रुक-रुक कर पांच बार बारिश हुई है। करीब दो से तीन दिनों तक कहीं पर हल्की और कहीं पर तेज बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जनवरी माह में ही सात दिन रेनी डे (जिस दिन 2.5 एमएम से अधिक बारिश हो) घोषित किए गए हैं।
इसके साथ ही लगातार 15 दिनों तक धूप न निकलने पर यही बारिश फसलों के लिए आफत बनी हैं। इससे खेतों में लगातार पानी खड़ा रहा और इसने आलू व मटर की फसलों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। जिला भर में ही करीब 40 हजार एकड़ में 50 प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है।
नुकसान के आंकलन को लेकर 72 घंटे तक आवेदन
कृषि विभाग के जिला प्रोजेक्ट अधिकारी गर्व बठला ने बताया कि बारिश से हुए फसलों के नुकसान को लेकर सर्वे के लिए किसानों को 72 घंटे तक आवेदन करना होता है। आवेदन पहुंचने के बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम इन आवेदनों को पोर्टल पर अपडेट करती है। पोर्टल अपडेट करने के बाद बीमा कंपनी की ओर से सर्वे के लिए सूची भेजी जा रही है।
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इस सूची के अनुसार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारी खेतों में पहुंचे सर्वे में जुटे हैं। सर्वे करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर बीमा कंपनी के अधिकारियों को भेजी जा रही है।
आवेदन के लिए पहुंच रहे किसान
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि बारिश से हुए नुकसान के सर्वे के लिए किसान विभाग के कार्यालय में आवेदन के लिए पहुंच रहे हैं। अभी तक चार हजार के करीब किसानों ने आवेदन किया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने वाले किसानों के खेतों को बीमा कंपनी और विभाग के अधिकारियों की टीम की ओर से सर्वे किया जा रहा है।