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गुरुग्राम: 54 घंटे के बाद मलबे से निकाला गया महिला का शव, रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हुआ

HR BREAKING NEWS गुरुग्राम(Gurugram) के सेक्टर-109 स्थित चिंटल्स पैराडिसो हाउसिंग सोसाइटी (Chintels Paradiso Society) में गुरुवार शाम हुए हादसे के 54 घंटे बाद शनिवार रात करीब 12 बजे मलबे के नीचे दबी महिला का शव निकाल लिया गया। मृतका सुनीता श्रीवास्तव का शव पहली मंजिल पर मलबे के नीचे दबा हुआ था।
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Gurugram Accident : गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटल्स पैराडिसो हाउसिंग सोसाइटी (Chintels Paradiso Society) में गुरुवार शाम हुए हादसे (Accident) के 54 घंटे बाद शनिवार रात करीब 12 बजे मलबे के नीचे दबी महिला का शव निकाल लिया गया। मृतका सुनीता श्रीवास्तव का शव पहली मंजिल पर मलबे के नीचे दबा हुआ था। शव को निकालकर पोस्टमॉर्टम (Postmarterm) के लिए भेज दिया गया है। इसके बाद रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन को खत्म कर एनडीआरएफ की टीम वापस लौट गई। 

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हादसे के 17 घंटे बाद शुक्रवार दोपहर एनडीआरएफ की टीम ने मलबे में दबे सुनीता के पति और आईआरएस अधिकारी अरुण श्रीवास्तव को सकुशल बाहर निकाल लिया था। उनका फिलहाल इलाज चल रहा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद रविवार सुबह सोसाइटी में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि, जिस डी टावर में ये हादसा हुआ था, प्रशासन ने उसे सील कर दिया है और किसी को भी उस टावर में नहीं जाने दिया जा रहा है।

उस टावर में रहने वाले अन्य लोग या तो सोसाइटी के क्लब हाउस में ठहरे हुए हैं या अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। बता दें कि गुरुवार शाम हुए हादसे में दो महिलाओं की जान चली गई। जबकि दो को सकुशल रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया गया था।

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हादसे की सीबीआई से जांच कराने के लिए प्रदर्शन

चिंटल्स पैराडिसो सोसाइटी में हुए हादसे के दो दिन बाद शनिवार को भी बिल्डर पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दोपहर एक बजे गेट के बाहर सोसाइटी के लोगों ने प्रदर्शन किया। एक घंटे तक चले प्रदर्शन में लोग हाथों में पोस्टर लेकर हमें न्याय दो की मांग कर रहे थे।

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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार पर विश्वास नहीं है। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। यह एक तरह से सुनियोजित हत्या की साजिश है। बिल्डर ने जानबूझकर रिहायशी अपार्टमेंट में खड़े ताबूत बेचे हैं। मौत के बाद भी बिल्डर को गिरफ्तार को नहीं किया जा रहा है। अब सोसाइटी में लोगों को रहने का डर सता रहा है।

प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि आईपीसी 302 के तहत बिल्डर के खिलाफ सुनियोजित हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि लापरवाही से मौत की धारा लगाई गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बिल्डर को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक सोसाइटी के लोग चुप नहीं बैठेंगे। 

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