बेरोजगारी में हरियाणा फिर से टॉप पर, देखिए देश के बाकी राज्यों का हाल
HARYANA NEWS: प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। इस महीने की CMI की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा बेरोजगारी में टॉप पर है। हरियाणा प्रदेश में बाकी राज्यों से ज्यादा बेरोजगारी है। प्रदेश का अनइंप्लॉयमेंट रेट 23.4 है।
CMI ने जनवरी 2022 की रिपोर्ट जारी की है। हरियाणा अनइंप्लॉयमेंट रेट में पिछले महीने भी सबसे टॉप पर था। सबसे कम बेरोजगारी तेलंगाना में है। तेलंगाना का अनइंप्लॉयमेंट रेट 0.7 है।
CMI की रिपोर्ट के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा है। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर कहा कि एक और महीना, एक और रिपोर्ट, एक और रिकॉर्ड… फिर बेरोजगारी में हरियाणा टॉप पर उन्होंने लिखा है क्योंकि सरकारी भर्तियां लटकी पड़ी है। निवेश नकारात्मक है, सरकार निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत आरक्षण के जुमले गढ रही है। जो कोर्ट में धराशाई हो रहे हैं। BJP-JJP सरकार ने प्रदेश का भट्ठा बिठा दिया है एक उन्नत प्रदेश को सबसे ज्यादा बेरोजगार बना दिया है।
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वहीं हम आपको बतादें कि तीन साल पहले, तत्कालीन वित्त मंत्री, स्वर्गीय अरुण जेटली ने कहा था कि पिछले पांच वर्षों में नौकरियों के लिए सामाजिक आंदोलनों की अनुपस्थिति इस बात का सबूत है कि नौकरियां पैदा हो रही थीं। रोजगार नहीं होगा तो असंतोष रहेगा। लेकिन हाल की बात करें तो असंतोष अब अपने सबसे खराब रूप में दिखाई दे रहा है। नौकरी पाने के लिए युवा प्रदर्शन कर रहे हैं।
ये प्रदर्शन हिंसक भी हो रहे हैं। बिहार के गया में नौकरी चाहने वालों ने आंदोलन कर एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगा दी और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में भी इसी तरह की हिंसा हुई।
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बात करें मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में रोजागर की तो सात साल में मोदी सरकार पहले की सरकार के मुकाबले रोजागर नहीं दे पाई है। दूसरी और जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो हर साल दो करोड़ रोजागर का दावा किया गया था।
अब इस दावे से तो सरकार ने खुद ने ही पल्ला छाड़ लिया है। इस बजट में सरकार ने खुद हर साल 60 लाख रोजागर की बात कही है। 2020-21 में केंद्र सरकार ने 3.31 मिलियन लोगों को रोजगार दिया। ये 2013-14 में कार्यरत 3.33 मिलियन या 2012-13 में कार्यरत 3.32 मिलियन से कम था।
2017-18 में केंद्र सरकार का रोजगार गिरकर 3.28 मिलियन हो गया था। तब से इसमें थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी सात साल पहले की तुलना में कम है।
देखिये बाकी राज्यों मे बेरोजागरी की दर
आंध्र प्रदेश |
6.2 |
आसाम | 8.5 |
बिहार | 13.3 |
छत्तीसगढ़ | 3.0 |
दिल्ली | 14.1 |
गोवा | 11.6 |
गुजरात | 1.2 |
हरियाणा | 23.4 |
हिमाचल प्रदेश | 13.9 |
जम्मू एंड कश्मीर | 15.0 |
झारखंड | 8.9 |
कर्नाटक | 2.9 |
केरला | 5.0 |
मध्य प्रदेश | 3.2 |
महाराष्ट्र | 4.2 |
मेघालय | 1.5 |
उड़ीसा | 1.8 |
पांडिचेरी | 7.8 |
पंजाब | 9.0 |
राजस्थान | 18.0 |
तमिलनाडु | 5.3 |
तेलंगाना | 0.7 |
त्रिपुरा | 17.1 |
उत्तर प्रदेश | 3.0 |
उत्तराखंड | 3.5 |
वेस्ट बंगाल | 6.4 |