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Haryana news: पति की बीमारी ने खत्म कर दिया पूरा परिवार, मां और 3 बच्चों की मौत,पढ़िए ये दर्दनाक कहानी

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में जहरीला पदार्थ खाने से मां-बेटे की मौत के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान दो बहनों की भी मौत हो गई.
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पति की बीमारी ने एक परिवार को लगभग खत्म कर दिया. इलाके में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत के बाद हड़कंप मचा गया. एक ही परिवार के तीन बच्चों समेत चार लोगों की दर्दनाक मौत से हर कोई सकते में है. प्रशासन ने परिवार के मुखिया को नकद सहायता राशि दी है, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मदद का आश्वासन दिया गया है.


बता दें कि ट्रॉनिका सिटी थाने के ईलायचीपुर गांव की अमन गार्डन कॉलोनी में रविवार दोपहर मोनिका पत्नी मोनू ने अपनी बेटी मनाली, साक्षी और बेटे अंश को जहरीला पदार्थ खिलाकर खुद भी जहर खा लिया था.


बच्चियों की हालत बिगड़ने पर इलाज के लिए दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बच्चियों को भर्ती कराते समय मां ने जहर देने की बात नहीं कही थी.

दिन ढलने पर मां-बेटे की घर में ही मौत हो गई थी, जबकि इलाज के दौरान रविवार तड़के दोनों बच्चियों ने भी जीटीबी अस्पताल में दम तोड़ दिया है. पुलिस ने मां-बेटे के शव शनिवार रात ही पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था, जबकि दोनों बच्चियों के शवों का जीटीबी में पोस्टमॉर्टम किया गया है.

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पति की बीमारी से तनाव में थी पत्नी मोनिका


हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, मोनिका ने सन 2010 में मोनू से प्रेम विवाह किया था. करीब छह माह पूर्व मोनिका के ससुर रामसिंह की टीबी की बीमारी से मौत हो गई थी.

करीब ढाई माह से मोनू भी टीबी की बीमारी से ग्रस्त था. पति की बीमारी से मोनिका अवसादग्रस्त रहने लगी थी. लोगों का कहना है कि पति मोबाइल रिपेयर का काम करता है.

सीमित आय और पति की बीमारी व घर खर्च पूरा नहीं हो पा रहा था. इसके चलते महिला काफी परेशान रहती है इस बात का जिक्र उसने कई लोगों से भी किया था. आशंका जताई जा रही है कि इसी कारण उसने तीनों बच्चों को जहरीला पदार्थ खिलाकर खुद भी जहर खा लिया.


प्रशासन ने दी आर्थिक सहायता


एसडीएम संतोष कुमार राय ने बताया कि पति की बीमारी के कारण मोनिका अवसादग्रस्त थी. पीड़ित मोनू को प्रशासन की तरफ से 10 हजार रुपये की नकद मदद दी गई है, जबकि डीएम साहब ने भी रेडक्रॉस की तरफ से 25 हजार रुपये का चेक भेजा है.

शवों के अंतिम संस्कार के लिए ग्राम प्रधान की तरफ से पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद दिलाई जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष आदि से भी पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक मदद दिलाई जाएगी.