High Court: कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दिया झटका, सरकारी की अपील पर हुई सुनवाई
अगर आप कर्मचारी है तो इस खबर को जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है। दरअसल हाईकोर्ट की तरफ से कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है।
HR Breaking News, Digital Desk- उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम करने वाले लगभग 27 हजार अनुदेशकों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने अनुदेशकों को ब्याज समेत 17 हजार रुपये मानदेय देने के एकल पीठ के फैसले को रद कर याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि अनुदेशकों को केवल 2017-18 के लिए ही 17 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसी के साथ कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर ली है।
मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने यूपी सरकार की विशेष अपील पर यह फैसला दिया है। यूपी सरकार ने अपने अपील में एकलपीठ के फैसले को चुनौती दी गई थी। एकलपीठ ने अन्य राज्यों की तरह अनुदेशकों को 17 हजार प्रतिमाह मय ब्याज भुगतान करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के इस निर्णय से 27 हजार अनुदेशकों को मायूसी हाथ लगी है।
2017 में 17 हजार हो गई थी अनुदेशकों की सैलरी-
हाई कोर्ट ने कहा किए एक सत्र के लिए संविदा पर अनुदेशकों की नियुक्ति की जाती है। इसलिए उन्हें उसी सत्र का मानदेय पाने का अधिकार है। यूपी के लगभग 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17 हजार कर दिया था जिसे यूपी सरकार ने लागू नहीं किया।
इसके विरोध में अनुदेशक हाई कोर्ट चले गए। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इन अनुदेशकों को 2017 से प्रतिमाह 9 परसेंट ब्याज के साथ पैसा देने का आदेश दिया। यूपी सरकार ने इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी।