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Holi 2022 इस दिन मनाई जाएगी होली, आठ दिन पहले ही लगेगा होलाष्टक, जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

Holi 2022 होली की तैयारी शुरू गई है। इस बार होली 17 मार्च को मनाई जाएगी। 17 मार्च की रात को होलिका दहन होगा। वहीं 18 मार्च को फाग मनाया जाएगा। होलिका दहन के आठ दिन पहले से ही होलाष्‍टक लग जाएगा।
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Holi 2022

होली से आठ दिन पहले ही होलाष्टक लग जाएगा। होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाएगा। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बनाए जाने वाले पर्व होली पर इस बार 17 मार्च को होलिका दहन होगा, वहीं 18 मार्च को फाग होगा। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक होली पर्व को सभी प्रेम पूर्वक मनाएंगे।

 

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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त ( Holika Dahan auspicious time)
स्वाति ज्योतिष केंद्र के संचालक पंडित बलराज कौशिक के अनुसार भगवान कृष्ण रंगों से होली खेलते थी। इसलिए होली का त्योहार रंगों के रूप में लोकप्रिय हुआ है। वैसे तो पूरे देश में होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, मगर वृंदावन और गोकुल में होली का पर्व विशेष होता है। वृंदावन जैसी होली कहीं नहीं मनाई जाती।

होली पर विधिवत पूजन करने से मनुष्य को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस बार होलिका दहन 17 मार्च को होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार होलिका दहन के लिए शुरू समय रात नौ बजकर 20 मिनट से लेकर 10 बजकर 31 मिनट तक होगा। इस दौरान विधिवत शुद्ध मन से होली का पूजन करें।

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होलिका पूजन की विधि ( Method of Holika Pooja)

पंडित बलराज कौशिक के अनुसार होलिका दहन से पूर्व शौच आदि से निवृत होकर स्नान करें। होलिका दहन के स्थान पर पूर्व व उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। पूजन में गाय के गोबर से होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमाएं बनाएं। पूजन सामग्री के लिए फूलों की माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, अनाज, गेहूं और अन्य फसलों की बालियां और एक पानी का घट भर कर रखें। पूजन सामग्रियों से होलिका दहन में पूजन करें।

होलिका में मिठाई, फल अर्पित करें। होलिका की सात बार परिक्रमा कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें। भगवान श्रीकृष्ण या अपने इष्ट देव का स्मरण करें।