Indian Railway - छोटी सी पूंजी लगा कर रेलवे के साथ शुरू करें ये काम, साल भर में लग जाएगा पैसों का ढ़ेर
HR Breaking News, Digital Desk- महामारी (corona epidemic) के बीच आपकी जॉब (job) चली गई है या आप छोटी पूंजी से नया बिजनेस (new business) शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं. भारतीय रेलवे (Indian Railway) के साथ जुड़ कर आप छोटी पूंजी (small capital) में अच्छे मुनाफे वाला कारोबार (profitable business) शुरू कर सकते हैं. दरअसल आत्मनिर्भरता भारत (aatma nirbhar bharat) अभियान के तहत भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को अपना सहभागी बनने का मौका दिया है.
रेलवे हर साल खरीदता है हजारों करोड़ के प्रोडक्ट-
भारतीय रेल सालाना 70,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोडक्ट खरीदता है. इन प्रोडक्ट में टेक्निकल (technical) और इंजीनियरिंग उत्पादों (engineering products) के साथ दैनिक उपयोग (daily use product) के सभी लगभग सभी तरह के सामान होते हैं. ऐसे में आप छोटे कारोबारी के तौर पर रेलवे को अपना प्रोडक्ट बेचकर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं. अगर आप भी रेलवे के साथ बिजनेस करना चाहते हैं तो https://ireps.gov.in और https://gem.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
इस तरह रेलवे के साथ शुरू करें अपना बिजनेस (how to start your own business)-
रेलवे कोई भी प्रोडक्ट (product) उस कंपनी से खरीदता है जो मार्केट (market) में सबसे सस्ता सामान (cheapest goods) सप्लाई कर रहा हो. ऐसे में आपको कोई ऐसा प्रोडक्ट तलाशना होगा जो आपको किसी कंपनी या मार्केट से आसानी से और सस्ती दरों पर मिल जाए. इसके बाद आप एक डिजिटल सिग्नेचर (digital signature) बनवाएं. इसकी मदद से आप रेलवे की https://ireps.gov.in और https://gem.gov.in वेबसाइट पर जा कर नए टेंडर देख सकेंगे. अपनी लागत और प्रॉफिट के आधार पर टेंडर डालें. ध्यान रहे आपके रेट कॉम्पिटेटिव (competitive rates) रहेंगे तो आपको टेंडर मिलने में आसानी होगी. सर्विस की सप्लाई के लिए रेलवे कुछ तकनीक योग्यता मांगता है.
रेलवे लोकल प्रोडक्ट्स (Local Products) को दे रहा है बढ़ावा-
रेलवे ने घरेलू निर्माताओं (domestic manufacturers) को बढ़ावा देने के लिए एक स्पष्ट (clear), पारदर्शी (transparent), निष्पक्ष खरीद प्रणाली (procurement system) को प्रोत्साहन दिया है. मेक इन इंडिया नीति (Make in India policy) के तहत रेलवे ने अपने वैगन (wagons), ट्रैक (tracks) और एलएचबी डिब्बों (LHB coaches) के टेंडर में 50 फीसदी से अधिक स्थानीय प्रोडक्ट वाले आपूर्तिकर्ता ही भाग ले सकेंगे. वहीं, ‘वंदे भारत’ ट्रेन ('Vande Bharat' train) सेट के लिए 75 फीसदी इलेक्ट्रिक सामान मेक इन इंडिया के तहत खरीदा जाएगा.
MSME को दे रहे हैं बढ़ावा-
रेलवे ने एमएसएमई (MSME) को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला किया है. रेलवे के किसी टेंडर (railway tender) की लागत की 25 फीसदी तक की खरीद में एमएसएमई को 15 फीसदी तक की प्राथमिकता मिलेगी. इसके अलावा, छोटे उद्योगों (small industries) को धरोहर जमा राशि और सुरक्षा जमानत राशि जमा करने की शर्तों में भी छूट दी गई है.
नए रजिस्ट्रेशन (new registration) की जरूरत नहीं-
अगर कोई आपूर्तिकर्ता रेलवे की किसी एक एजेंसी में कोई प्रोडक्ट सप्लाई करने के लिए रजिस्ट्रेशन (supplier registers) करा लेता है तो इसे पूरे रेलवे में प्रोडक्ट की सप्लाई के लिए रजिस्ट्रेशन माना जाएगा. नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी. एक बार रजिस्ट्रेशन करा रेलवे के साथ बिजनेस (business with Railway) शुरू कर सकते हैं.