home page

Indian Railway - रेलवे ने बढ़ा दी सभी ट्रेनों की स्पीड, इसलिए लिया ये फैसला

रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर। अब आपका सफर जल्द पूरा हो जाएगा। दरअसल रेलवे ने सभी ट्रेनों की स्पीड बढ़ा दी है। आइए नीचे खबर में जानते है इसके पिछे का कारण। 
 
 | 

HR Breaking News, Digital Desk- सर्दी (Winter) के दौरान कोहरे और धुंध (Fog And Mist) आदि की वजह से रेल यात्रियों को देरी से बचाने के लिए रेल विभाग (Railway Department) ने ट्रेनों की गति सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। अभी ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा (Maximum Speed Limit) 60 किमी है। इसे 15 किमी बढ़ाकर 75 किमी प्रति घंटे किया जा रहा है। रेल विभाग ने मंगलवार को बताया कि कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों में चलने वाले सभी लोकोमोटिव में लोको पायलटों (Loco Pilots) को दिए जाने वाले उपकरणों से की मदद से यह संभव हो सकेगा।

साइटिंग बोर्ड पर ट्रैक के पार लाइम मार्किंग भी की जाएगी-


विभाग ने रेल पर लगे उपकरण जो चालक का ध्यान आकर्षित करने के लिए इंजन के गुजरने पर तेज आवाज के साथ फटते हैं, ऐसे डेटोनेटरों की भी व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा है। साथ ही साइटिंग बोर्ड पर ट्रैक के पार लाइम मार्किंग भी की जाएगी। डबल-डिस्टेंट सिग्नल के मामले में दूर के सिग्नल पर यह किया जाएगा।


सिग्नल बोर्डों को चमकदार पेंट किया जाएगा और चमकदार पट्टियां लगाई जाएंगी-


रेलवे ने कहा, “नए मौजूदा सीटिंग कम लगेज रेक (SLR) में पहले से ही एलईडी-आधारित फ्लैशर टेल लाइट लगाई जा रही हैं, इसलिए, फिक्स्ड रेड लाइट वाले मौजूदा एसएलआर को बदला जाएगा और एलईडी लाइट के साथ लगाया जाएगा। यह एक बड़ा काम होगा। सभी सिग्नल देखने वाले बोर्ड, सीटी बोर्ड, कोहरे के सिग्नल पोस्ट और व्यस्त संवेदनशील लेवल क्रासिंग, जो दुर्घटना संभावित हैं, को या तो पेंट किया जाएगा या उस पर पीली/काली चमकदार पट्टियां लगाई जाएंगी।”


लेवल क्रासिंगों पर बार-बार सीटी बजाने के निर्देश-


लोको पायलटों को लेवल क्रॉसिंग पर आने वाली ट्रेन के गेटमैन और आम लोगों को चेतावनी देने के लिए बार-बार सीटी बजाने का निर्देश दिया गया है। ड्राइवरों को निर्देश दिया जा रहा है कि कोहरे के कारण जब विजीबिलिटी कम हो तो वह उस गति से ट्रेन को चलाए, जितने में वह उसको नियंत्रित कर सके। यह गति किसी भी रूप में 75 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।”

दरअसल हर साल सर्दियों में घने कोहरे और धुंध की वजह से ट्रेनों की रफ्तार काफी कम हो जाती है। इससे ट्रेन कई-कई घंटे देरी से पहुंचते हैं। कई बार तो निर्धारित समय से एक या दो दिन बाद ट्रेन पहुंच पाती हैं। इसके चलते कई बार ट्रेनों को कैंसिल भी करना पड़ता है।