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Jewellery Price - चांदी धातु से क्यों महंगी होती है ज्वैलरी? जानिए दाम कैसे किए जाते है तय

आज हम आपको अपनी खबर में चांदी धातु और ज्वैलरी के बारे में बताने जा रहे हैं। सोने की कीमत अधिक होने के कारण ज्‍यादातर लोग चांदी खरीदने के बारे में सोचते हैं। चांदी धातु  ज्वैलरी के मुकाबले ज्यादा महंगी होती है। आइए खबर में निचे जानते है आखिर दाम कैसे तय किए जाते हैं। 

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चांदी धातु से क्यों महंगी होती है ज्वैलरी? जानिए दाम कैसे किए जाते है तय

HR Breaking News, Digital Desk-  त्योहारों पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। सोने की कीमत अधिक होने के कारण ज्‍यादातर लोग चांदी खरीदने के बारे में सोचते हैं। एक ग्राम सोने की कीमत हजारों में होती है, जबकि चांदी के एक ग्राम का दाम सैकड़ों में होता है। वहीं जहां ग्राहकों का सवाल है, लोग ज्‍यादातर चांदी के सिक्‍के के बजाय ज्‍वैलरी खरीदने पसंद करते हैं।

एक ग्राम चांदी की कीमत एक ग्राम चांदी के ज्‍वैलरी से अधिक होती है। ऐसे में यह जानना महत्‍वपूर्ण होता है कि चांदी के ज्‍वैलरी की कीमत कैसे आंकी जाती है और जौहरी कैसे इसके दाम तय करते हैं। अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है तो आइए जानते हैं कि कैसे दाम तय किया जाता है और आपको ज्‍वैलरी खरीदते वक्‍त किन-किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

सिल्‍वर की ज्‍वैलरी का कैसे होता है कैलकुलेशन-


सिल्‍वर की ज्‍वैलरी में चांदी के धातु के अलावा बहुत सारी चीजें शामिल की जाती है, जिसके बाद ही दाम तय किए जाते हैं। इसमें चांदी की कीमत, बनाने का चार्ज, हालमार्किंग चार्ज और GST शामिल होता है। डिश ज्वेल्स के संस्थापक दिशा सोमानी के अनुसार, ज्वैलर्स चांदी के आभूषणों की कीमत की गणना सूत्र- चांदी की दर प्रति ग्राम x चांदी का वजन x चांदी की शुद्धता, पर करते हैं।

उदारण से समझें तो 36.040 ग्राम का चांदी खरीदते हैं और जौहरी चांदी की कीमत 65 रुपये प्रति ग्राम या 65,000 रुपये प्रति किलो पर रखता है। चांदी के गहनों का मूल्य 65 x 36.040 x 0.925 = 2,166.91 रुपये होगा। यहां 0.925 का मतलब, चांदी की पायल में 92.5 फीसदी शुद्ध चांदी होती है। इसके साथ ही इसपर, जीएसटी, हालमार्किंग और बनाने का चार्ज लगेगा।

चांदी की ज्‍वैलरी बनाने का शुल्क-


एक्‍सपर्ट बताते हैं कि कुछ ग्राहक चांदी की कीमत में ही बनाने का चार्ज वसूल करते हैं तो वहीं कुछ ग्राहक ज्‍वैलरी बनाने के बाद चांदी की कीमत ऐड करते हैं। एक खरीदार को यह सुनिश्चित करना होगा कि रसीद में दी गई सभी प्रकार के शुल्‍क की जानकारी दी गई है। इसमें अगर कोई हालमार्किंग है तो उसका चार्ज शामिल किया जाना चाहिए।

कितना लगता है मेकिंग चार्ज-
इसके अलावा, ज्‍वैलरी की र‍सीद में यह भी स्‍पष्‍ट होना चाहिए कि मेकिंग चार्ज अलग से लगाया गया है या फिर चांदी की कीमत में ही वसूल किया जा रहा है। कोई भी चांदी की ज्‍वैलरी बनाने के लिए मेकिंग चार्ज 10-15 रुपये प्रति ग्राम वसूल कर सकता है या फिर 10 प्रतिशत कुल वजन के हिसाब से चार्ज ले सकता है।