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Kuldeep Bishnoi Next step कुलदीप का यहां लगेगा नया डेरा, जानिए किसका है आसरा

Big reshuffle in Haryana's politics हरियाणा राज्यसभा (Rajya Sabha)  के चुनाव नतीजों (Rajya Sabha election result)  के बीच अब हरियाणा की सियासत (haryana ki siyasat) में बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा है।  पिछले कुछ दिनों से हरियाणा की राजनीतिक सियासी दाव पेंच की वजह से सबकुछ बदल गया है। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में अलग अलग कयास लगाए जा रहे है। सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में हरियाणा की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। आइए नीचे खबर में जानते है कि कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep bishnoi) का दाव किसके आएगा काम। 
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क चंडीगढ़, हरियाणा राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha Elections) के नतीजों ने जाते-जाते राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। दरअसल बीते कुछ समय से जिस तरह से हरियाणा के सियासी दंगल में राजनीतिक उठापटक देखने को मिली है, इससे नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।

राज्य की दो दिग्गज पार्टियां माने जाने वाली बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने कमोवेश राज्यसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। फिलहाल यह माना जा सकता है कि जिस तरह से राजनीतिक दांव पेच के बाद ये नतीजे आए हैं इससे भविष्य में नए सियासी समीकरण (political equation) जरूर बनते दिख रहे हैं।

 


कुलदीप की एंट्री पर भाजपा का बयान
कुलदीप बिश्नोई (kuldeep bishnoi) के रूठने मनाने के दौर के बीच का खामियाजा कांग्रेस पार्टी (congress party) को इस कदर भुगतना पड़ेगा, फिलहाल यह तो पार्टी ने सपने में भी न सोचा होगा। हरियाणा राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha Elections) में कांग्रेस पार्टी (congress) के लिए बीते समय से सस्पेंस बने कुलदीप बिश्नोई (kuldeep bishnoi) ने देर से ही सही लेकिन अपनी अहमियत का एहसास तो पार्टी को करा ही दिया। यह महज एक फैसला ही नहीं बल्कि आगे आने वाले समय में कांग्रेस के लिये सबक लेने का पर्याय कहा जाएगा।

 

यानी कि कुल मिलाकर कहें तो कांग्रेस के लिए भविष्य में यह ऐसा उदाहरण है कि अगर वह पार्टी के आम कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी तक किसी को भी हल्के में लेती है तो उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है। आपको बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम के बेटे कुलदीप बिश्नोई की क्रॉस वोटिंग के चलते ही कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन (Ajay Maken) को हार का सामना करना पड़ा था। हरियाणा राज्यसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी से नवनिर्वाचित सांसद पंवार और समर्थित प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) की जीत के बाद बीजेपी कुलदीप बिश्नोई को हाथोंहाथ ले रही है। इसके साथ ही कई नेताओं ने कुलदीप को लेकर बयान दिया है कि वे बीजेपी में आएं, उनका स्वागत है। कयास लगाए जा रहे है कि कुलदीप आने वाले एक सप्ताह के अदंर शीर्ष नेतृत्व की मौजदूगी में  भाजपा में शामिल हो सकते है। मंगलवार या फिर बुधवार को कुलदीप बिश्नोई अपने कार्यकर्ताओं के साथ हिसार में मीटिंग करेंगे और इसके बाद आगे की रूपरेखा तय करेंगे। 


कांग्रेस को बिश्नोई से क्या होगा नुकसान
बीते कुछ समय पहले कांग्रेस ने हरियाणा की पार्टी यूनिट में बड़े बदलाव किए थे। दरअसल 9 अप्रैल, 2021 को कुमारी सैलजा (Kumari Selja) के इस्तीफे के बाद कुलदीप बिश्नोई (kuldeep bishnoi) कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार थे। वहीं हुड्‌डा भी अपने बेटे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा (MP Deepender Hooda) को इस पद पर बैठाना चाहते थे।

लेकिन सांसद होने के साथ ही खुद नेता प्रतिपक्ष होना इसमें रोड़ा बना हुआ था। गौरतलब है कि बिश्नोई के धुरविरोधी और प्रतिद्वंदी माने जाने वाले हुड्‌डा ने दलित नेता उदयभान का नाम पार्टी आलाकमान के आगे कर दिया। जिसके बाद हुड्डा खेमे के खास माने जाने वाले उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था। इसी के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस पार्टी से खासा नाराज हो गए थे और मौके की तलाश में थे। जिसका बदला उन्होंने हरियाणा राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग (Cross Voting in Haryana Rajya Sabha Elections) कर ले लिया।

क्या माकन की हार के हुड्‌डा है जिम्मेदार
कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के बीच अंतरात्मा की जंग ऐसी छिड़ी, जिसकी आग में पार्टी को करारा नुकसान झेलना पड़ गया। दरअसल जब कुलदीप बिश्नोई के रूठने मनाने का दौर चल रहा था तब एक जारी बयान में उन्होंने कहा था कि- मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर ही वोट डालूंगा। अंतरात्मा की आवाज पार्टी से ऊपर होती है। वहीं कुलदीप बिश्नोई के अंतरात्मा वाले बयान पर हुड्‌डा ने कहा था कि अंतरात्मा की आवाज पार्टी की आवाज होती है और जो पार्टी की आवाज नहीं सुनता वह पार्टी से बाहर जा सकता है। बिश्नोई ने इसी बयान का पलटवार करते हुए हुड्‌डा (Hooda) पर कटाक्ष किया कि पिछले राज्यसभा चुनाव में जिसके कपड़ों पर लगे स्याही के दाग न धुले हों, वो अंतरात्मा की बात क्या करेगा। कुल मिलाकर इस बयानबाजी का खामियाजा अजय माकन और पार्टी की हार के रूप में कांग्रेस को झेलना पड़ा।


कुलदीप के जाने का हुड्‌डा को फायदा या नुकसान
हरियाणा की सियासत में जाट वोटों का गणित बहुत मायने रखता है। वहीं खुद को इस बारे में शुरू से ही परिपक्व बताने वाले पूर्व सीएम हुड्डा की सिरदर्दी और भी बढ़ गई है। इसके पीछे की वजह यह कि पिछली बार के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने जाट वोटों की गणित को लेकर यह साबित कर दिखाया कि उनका इसको लेकर क्या कद है। वहीं चौटाला की इस कामयाबी का इनाम बीजेपी ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाकर दिया। यानी कि इसको लेकर यह कहा जा सकता है कि जिस जाट वोटों पर हुड्डा को इतना भरोसा रहता था वो भी उनसे खिसकते हुए दिखाई पड़े। इसके साथ ही साथ हुड्डा की सियासी गणित को कुलदीप बिश्नोई से मिली चुनौती के बाद् और भी करारा धक्का लगा है। जिसके बाद आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हुड्डा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं।