LIC New Policy Update : LIC करने जा रही है ये बड़ा बदलाव, निवेशकों को मिलेगा धाकड़ रिटर्न
HR Breaking News, New Delhi : सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। सरकार निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए LIC पर अपनी उत्पाद रणनीति में बदलाव करने के लिए दबाव डाल रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
Life insurance Corporation of India के शेयर 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने के बाद से 949 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे हैं। मंगलवार को यह शेयर पिछले बंद के मुकाबले 0.72 फीसदी की गिरावट के साथ 595.50 रुपये पर बंद हुआ। विदेशी ब्रोकरेज फर्म हालांकि LIC के बिजनेस को लेकर उत्साहित हैं। उन्हें लगता है कि LIC के पास अच्छी बाजार क्षमता है। साथ ही कंपनी के पास उच्च जोखिम वाली संपत्ति न के बराबर है। इसके अलावा LIC की एम्बेडेड वैल्यू (आरओईवी) को लेकर भी निवेशक उत्साहित हैं।
LIC में क्या होंगे बदलाव
वित्त मंत्रालय अपनी समीक्षा के बाद LIC प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है जिसके जरिए LIC बेहतर निवेश आकर्षित कर सकेगा। उत्पादों और टर्म योजनाओं की वैरायटी के चलते अधिक से अधिक ग्राहक LIC की तरफ आकर्षित होंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि LIC की लिस्टिंग के साथ 65 साल से अधिक पुराने संस्थान के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हम प्रबंधन के साथ काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने उत्पाद का आधुनिकीकरण कर सकें और पॉलिसीधारकों को लाभांश का भुगतान कर सकें।
आपको बता दें कि नॉन-पार्टिसिपेटिंग बीमा उत्पादों में, बीमाकर्ताओं को पॉलिसीधारकों के साथ लाभांश के रूप में अपने लाभ को साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि पार्टिसिपेटिंग या सममूल्य उत्पादों के मामले में बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों के साथ लाभांश साझा करता है।
आगे क्या होगी LIC की प्लानिंग
अधिकारी ने कहा कि युवा पीढ़ी टर्म प्लान के प्रति अधिक इच्छुक है। LIC को अपनी रणनीति पर फिर से काम करना होगा और यह तय करना होगा कि क्या किया जाना चाहिए ताकि उसकी पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके।
आपको बता दें कि LIC का पहली तिमाही का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ एक साल पहले की अवधि में 2.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 682.88 करोड़ रुपये हो गया। LIC ने मार्च 2022 तक 5,41,492 करोड़ रुपये का एम्बेडेड मूल्य (ईवी) दर्ज किया, जबकि मार्च 2021 में यह 95,605 करोड़ रुपये और सितंबर 2021 में 5,39,686 करोड़ रुपये था।
इसका आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 902-949 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड में आया था। इस इश्यू से सरकारी खजाने में करीब 21,000 करोड़ रुपये आए।