One Rank One Pension : वन रैंक वन पेंशन पर सरकार ने कर दिया एलान, 25 लाख कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
पिछले काफी समय से केंद्रीय कर्मचारी वन रैंक वन पेंशन के लिए गुहार लगा रहे थे जिसे आखिरकार सरकार ने सुन लिया और इसपर अहम फैसला लेते हुए ये बड़ा एलान कर दिया हैं। अब देश के 25 लाख कर्मचारियों को होगा इसका फायदा
HR Breaking News, New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट (Modi Cabinet) ने शुक्रवार को कई अहम फैसले किए. कैबिनेट ने सैन्य बलों (One Rank One Pension Revision) के लिए वन रैंक वन पेंशन यानी OROP में संशोधन को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 1 जुलाई 2014 के बाद हुए रिटायर हुए सुरक्षा कर्मियों को मिलाकर OROP के लाभार्थियों की संख्या 25 लाख 13 हजार 2 हो गई है. 1 अप्रैल 2014 से पहले यह संख्या 20 लाख 60 लाख 220 थी. इससे सरकार पर अतिरिक्त भार 8,450 करोड़ रुपये का पड़ेगा. जिन रक्षा कार्मिकों ने 1 जुलाई 2014 के बाद अपनी इच्छा से सेवानिवृत्त लिया है उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा.
अनुराग ठाकुर ने कहा, '1.7.2014 के बाद रिटायर्ड हुए सुरक्षा कर्मियों को मिलाकर OROP के लाभार्थियों की संख्या 25,13,002 पर पहुंच गई है। 1.4.2014 से पहले यह संख्या 20,60,220 थी। इससे सरकार पर अतिरिक्त भार 8,450 करोड़ रुपए का पड़ेगा। जिन रक्षा कार्मिकों ने 1.7.2014 के बाद अपनी इच्छा से रिटायरमेंट लिया है उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा।'
'शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं को भी मिलेगा लाभ'
ठाकुर ने बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसे एक जुलाई, 2019 से लागू किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।
इतना ही नहीं, केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81.3 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेंहू और मोटा अनाज क्रमश: 3, 2 और 1 रुपए प्रति किलो की दर से देती है। सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त में मिलेगा। इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा।'