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Panchayti Jameen - बड़ा फैसला, पंचायती जमीन पर कब्जा करने वाले ही बनेंगे जमीन के मालिक

हरियाणा सरकार पंचायती जमीन पर कब्‍जे को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्‍य सरकार गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में पंचायती जमीन पर लंबे समय से अवैध कब्जा करने वाले व्यक्तियों को राहत देने वाली है। आइए नीचे खबर में जानें सरकार का फैसला विस्तार से। 

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Panchayti Jameen - बड़ा फैसला, पंचायती जमीन पर कब्जा करने वाले ही बनेंगे जमीन के मालिक

HR Breaking News, Digital Desk- हरियाणा सरकार पंचायती जमीन पर कब्‍जे को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्‍य सरकार गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में पंचायती जमीन पर लंबे समय से अवैध कब्जा करने वाले व्यक्तियों को राहत देने वाली है।

हरियाणा सरकार इन लोगों का जमीन पर कब्जा जारी रखने के लिए एक ऐसी नीति बना रही है, जिससे इन लोगों को जमीन से हटाया नहीं जाएगा। यानी उन्हें जमीन पर वाजिब ढंग से काबिज कर दिया जाएगा। यह जानकारी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने एक मामले की सुनवाई के दौरान दी।


बलदेव राज महाजन ने कोर्ट में कहा कि पंचायती जमीन पर अवैध कब्जे व उन पर कई सालों से बने निर्माण के कारण सरकार अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने के लिए नई नीति पर काम कर रही है।

हरियाणा में ग्राम पंचायत की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों को सरकार द्वारा ऐसी भूमि पर कब्जा जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन भविष्य में यदि नए कब्जे होंगे तो उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।

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महाधिवक्ता ने कोर्ट में संभावना जताई कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अगले छह सप्ताह में ऐसी नीति को अंतिम रूप दे सकती। राज्य में बड़ी संख्या में अतिक्रमण, अनाधिकृत/अवैध कब्जे हो रखे हैं और वहां पर पुराने ढांचे मौजूद हैं।

ऐसे लोग प्रभावित न हों, इसलिए सरकार द्वारा पंचायत की भूमि पर कब्जा जारी रखने की अनुमति देने के लिए एक नीति तैयार की जा रही है, क्योंकि इनको बेदखल करने व हटाने के लिए अनावश्यक मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिलता है।

सरकार इन लोगों को मालिक बनाने के लिए कुछ विकास शुल्क भी लगा सकती है। इस मामले में अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।
हाई कोर्ट में दायर कई याचिकाओं में सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सरकार ने उनको पंचायती जमीन से कब्जे को खाली करने का आदेश दिया था। इन याचिकाओं में पीड़ित पक्ष का कहना था कि वह इस जमीन पर कई दशक से काबिज हैं और उनके मकान बने हुए है।


हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव विजयवर्धन ने पंचायती जमीन से अवैध कब्जे हटाने की मांग संबंधी एक याचिका पर हलफनामा देकर कोर्ट को बताया था कि एक जनवरी 2019 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक राज्य में पंचायती जमीन से कब्जे हटाने के लिए 5903 मामले आए, जिनमें से 5064 का निपटारा कर दिया गया है।

31 दिसंबर 2020 तक राज्य में पंचायती जमीन से हटाने के लिए कुल 11082 मामले लंबित हैं। कोर्ट को बताया गया कि 1305 मामलों में क्रियान्वयन अर्जी दायर की गई, जिसमें से 867 अर्जी का निपटारा कर दिया गया। राज्य में अभी 3622 क्रियान्वयन अर्जी विचाराधीन हैं। पंचायती जमीन के सबसे ज्यादा 2457 मामले हिसार व सबसे कम 45 मामले रोहतक में विचाराधीन हैं।