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Parenting Tips: अक्सर इन बातों से होता है बच्चों में झगड़ा, ऐसे लाएं मिठास

बच्चों के बीच लड़ाई-झगड़े अक्सर होते रहते है लेकिन जब ये झगड़े बच्चों में बहस, ईष्या को उजागर करने लगते है तो यह एक बड़ी चिंता का विषय है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से उन तरीको के बारें में बताएंगे जो आपके बच्चों के रिश्तों में मिठास पैदा कर सकते हैं। 

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अक्सर इन बातों से होता है बच्चों में झगड़ा, ऐस लाएं मिठास

HR Breaking News, Digital Desk- जब घर में दो या दो से ज्यादा बच्चे होते हैं तो वह अकेलापन महसूस नहीं करते। साथ खेलते हैं और एक दूसरे के साथ वक्त बिताने हैं। कई बार बच्चों के बीच लड़ाई झगड़े भी हो जाते हैं। खेल खेल में बच्चे आपस में झगड़ने लगते हैं। ये बच्चों के बीच आम बात होती है लेकिन जब अक्सर बच्चे एक दूसरे से झगड़ने लगते हैं, तो चिंता की बात होती है।

भाई बहनों के बीच प्यार भरी नोक झोंक सामान्य बात है लेकिन जब उनके बीच की लड़ाई कटाक्ष, एक दूसरे को नीचा दिखाने, जलन और प्रतिद्वंदी होने लगे तो समझ लेना चाहिए कि उनके बीच भावनात्मक लगाव की कमी होने लगी है। ऐसे में अभिभावक को बच्चो के पालन पोषण के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि बच्चों के बीच आपसी प्रेम बना है और उनकी लड़ाई गंभीर रूप न ले। चलिए जानते हैं अक्सर झगड़ा करने वाले बच्चों के पालन पोषण का सही तरीका क्या है, ताकि वह दूसरे रिश्तों के साथ मिल कर रह सकें।


बात रखने का तरीका सिखाएं-

घर पर बच्चे अक्सर अपनी बात साबित करने के लिए एक दूसरे से लड़ते हों तो उन्हें अपनी बात रखने का सही तरीका सिखाएं। उन्हें सिखाएं कि लड़ाई करने या चिल्लाने से वह सही साबित नहीं हो जाएंगे। लड़ाई से स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए शालीनता के साथ अन्य बच्चों से बात करें और अपनी बात को समझाएं।


बच्चे के सकारात्मक व्यवहार की तारीफ करें-

अगर आपका बच्चा बिना लड़ाई या बहस के अन्य बच्चे से अपनी समस्याएं सुलझाता है तो उसके इस सकारात्मकता व्यवहार की तारीफ करें। बच्चे के इस तरह के व्यवहार को प्रोत्साहन दें ताकि वह भविष्य में भी लड़ाई झगड़े की स्थिति से निपटने के लिए सकारात्मक तरीका ही अपनाएं।


मध्यस्थता-

जब दो बच्चे आपस में लड़ते हैं तो आपको उनके बीच सुलह कराने या सही और गलत के बीच अंतर का सही तरीका पता होना चाहिए। सबसे पहले तो यह जाने कि झगड़े का कारण क्या है। दोनों के नजरिए को समझते हुए मध्यस्थता करें और मामला सुलझाएं। दोनों के साथ एक जैसा व्यवहार करें। अक्सर माता पिता बड़े बच्चे को ज्यादा समझदार और छोटे से लड़ाई न करने की सलाह देते हैं। तो कई बार छोटे बच्चे से बड़े भाई या बहन से बहस करने के लिए उसे ही गलत ठहराते हैं। दोनों के साथ एक जैसा व्यवहार रखें।


लड़ाई के मुद्दे को कम करें-

अगर बच्चे अक्सर ही किसी न किसी बात को लेकर आपस में भिड जाते हैं तो यह समझने का प्रयास करें कि उनके बीच लड़ाई का सही मुद्दा क्या है। घर पर कोई ऐसा खिलौना या वस्तु हो, जिसकी वजह से बच्चे लड़ते हैं तो उस खिलौने को दोनों की पहुंच से दूर रखें।

इसके अलावा हो सकता है कि आपकी परवरिश के दौरान कुछ ऐसी गलतियां आप कर रहे हैं, जिससे बच्चों के बीच भावनात्मक प्रेम खत्म हो रहा हो। वह ये सोचने लगे कि माता पिता उनसे ज्यादा उनके भाई या बहन को प्रेम करते हैं, यह उनके बीच ईर्ष्या की वजह बन सकता है।