home page

Parenting Tips- बच्चों के सामने पैरेंट्स ना करें ये काम पड़ता है बुरा असर

पति-पत्नी के बीच रिश्तों में दरार, रोज की नोक-झोंक या तलाक आदि का अगर सबसे अधिक बुरा असर किसी पर पड़ता है तो वे हैं बच्‍चे. यहां हम आपको बच्‍चों के परेशानी के कुछ उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो माता-पिता के खराब रिश्‍तों या उनमें तलाक की वजह होते हैं.
 
 | 

HR Breaking News, Digital Desk- आजकल हमारे देश में तलाक के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. इसका असर कहीं ना कहीं पति और पत्‍नी के जीवन और मानसिकता पर तो पड़ता ही है, लेकिन अगर वे बच्‍चों के पैरेंट्स हैं तो उनके बच्‍चे भी नकारात्‍मक महौल के शिकार हो जाते हैं.

 

 

 

 

ऐसे में ज़रूरी है कि बच्‍चों की भावनाओं की कद्र करते हुए पैरेंट्स किसी तरह का भी डिसीजन लें और उन्‍हें मानसिक प्रताड़ना से जहां तक हो सके बचाएं. हेल्‍थलाइन के मुताबिक, दरअसल, बच्‍चों का मन बहुत ही कोमल होता है. ऐसे में घर और बाहर के माहौल में आए बदलाव या किसी तरह के कमेंट उनके कच्‍चे मन को तोड़ने लगता है. जानें, माता-पिता के अलग होने पर बच्चे के जीवन पर क्‍या प्रभाव पड़ सकता है और इसके क्‍या लक्षण होते हैं.

 

 

बच्‍चों पर पैरेंट्स के तलाक का असर-


ऐग्रेसिव बिहेवियर-
जब बच्चे को यह पता चलता है कि उसे अपने किसी एक पैरेंट्स के साथ रहना होगा तो उसके व्‍यवहार में काफी बदलाव आता है. यह पाया गया है कि ऐसे बच्‍चे अपने माता-पिता को दोषी मानते हैं और दोनों से ही अटैचमेंट खत्‍म करने की कोशिश करते हैं, जिस वजह से वे ऐग्रेसिव बिहेव करने लगते हैं.


इग्नोर करना-
जिन बच्‍चों के माता-पिता तलाक लेते हैं, कई बार उनके बच्‍चों में ये पाया गया है कि वे अपने पैरेंट्स की बातों को इग्‍नोर करने लगते हैं. यह दर्शाना चाहते हैं कि वे दोनों बच्चे के लिए मायने नहीं रखते. वे उनके हर बात को इग्‍नोर करने लगते हैं.

अनसोशल होना-


माता-पिता के अलग हो जाने से यह देखा गया है कि बच्‍चे अनसोशल होने लगते हैं और उन्‍हें अकेला रहना बेहतर लगता है. उनका लोगों पर से भरोसा उठ जाता है और वे पूरा-पूरा दिन अपने कमरे में अकेले रह सकते हैं.


शौक खत्‍म हो जाना-


पैरेंट्स के तलाक से आहत बच्‍चा धीरे-धीरे उन चीजों को भी करना छोड़ देता है, जिसका उसे शौक रहा हो. वह खुद को मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर में डुबा लेना चाहता है और उन चीजों में खुद को व्‍यस्‍त करता है, जिसमें वह खुद को दुनिया से अलग महसूस करे.


खुद को नुकसान पहुंचाना-
खुद को चोट लगाना, जान बूझकर नशा करना, होमवर्क ना करना, क्‍लास में वैसे काम करना, जिससे पनिशमेंट मिले आदि हरकतें अक्‍सर वैसे बच्‍चे करते हैं, जिनके पैरेंट्स में तलाक की बात चल रही हो या तलाक हो चुका हो.