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parenting tips माता पिता की इन गलतियों की वजह से जिद्दी हो जाते है बच्चे, नहीं मानते है बात

parenting-tips माता पिता की कुछ गलतियों के कारण बच्चे जिद्दी हो जाते है। जिसके बाद बच्चे माता पिता की हर बात का विरोध करना शुरू कर देते है और कहना मानना बिल्कुल बंद कर देते है। आइए जानते है माता पिता को अपनी किन आदतों में करना चाहिए बदलाव
 
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parenting tips माता पिता की इन गलतियों की वजह से जिद्दी हो जाते है बच्चे, नहीं मानते है बात

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Parenting Mistakes: आपने अक्सर कई लोगों को कहते सुना होगा कि बच्चा जब छोटा था तो बात सुनता था लेकिन अब बड़ा होकर जिद्दी हो गया है। इतना ही नहीं पैरेंट्स के कई बार किसी काम को कहने पर भी बच्चे एक कान से उनकी बातें सुनते हैं और दूसरे से निकाल देते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे के साथ ऐसा ही कुछ महसूस कर रहे हैं तो जरा गौर कीजिए कहीं आप भी तो ये गलतियां तो नहीं कर रहें।


इन गलतियों के कारण बच्चे नहीं सुनते माता-पिता की बात- ऊंची आवाज में बात करना- हमेशा बच्चों से ऊंची आवाज में बात करने वाले पैरंट्स के बच्चों की लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आ जाता है जब बच्चे पैरेंट्स के चिल्लाने की वजह से डांट और नॉर्मल बात करने में फर्क ही नहीं कर पाते।


बुरा भला कहना- अगर आप भी ऐसे ही पैरेंट्स हैं जो हर समय अपने बच्चे को बुरा-भला सुनाते रहते हैं तो संभल जाइए। आपकी ये गलती भी आपको आपके बच्चे से दूर कर रही है। आपकी इस गलती की वजह से आपका बच्चा जिद्दी बन सकता है।


काम में कमियां निकालना- अगर पैरेंट्स अपने बच्चे के हर काम में सिर्फ कमियां निकालते रहते हैं , उन्हें बातें सुनाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते तो ऐसे बच्चे अपने पैरेंट्स की बात मानना ही नहीं चाहते। उन्हें ऐसा करना ही ठीक लगने लगता है।


बच्चों पर हाथ उठाना- जो माता-पिता अपने बच्चों के ऊपर छोटी-छोटी बात पर हाथ उठा देते हैं, उनके बच्चे अक्सर अपने माता-पिता से दूर रहने की ही कोशिश करते हैं। ऐसे बच्चे बार-बार मार खाने से ढीट बन जाते हैं और पैरेंट्स की बात नहीं सुनते। ऐसे में बच्चे पर हाथ उठाने की जगह उसे प्यार से उसकी गलती का अहसास करवाएं।


खुद का व्यवहार सही रखें- बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। आप उनके साथ जैसा बर्ताव करेंगे वो पलटकर आपके साथ भी वैसा ही करने लगेंगे। ऐसे में कोशिश करें कि आप अपने बच्चे की जरूरतों और भावनाओं को समझें। आपके ऐसा करने पर ही वह आपको सुनने की कोशिश करेगा। अगर आपका खुद का व्यवहार बच्चे के साथ सही नहीं है तो बच्चे पर अपनी अपेक्षाएं थोपना भी गलत है।


दूसरे बच्चों से तुलना करना- अगर आप भी अपने बच्चे की तुलना पड़ोस में रहने वाले या स्कूल में साथ में पढ़ने वाले दूसरे बच्चों से करते हैं तो अपनी इस आदत को बदल डालिए। आपकी ये आदत आपको अपने बच्चे से भावनात्मक रूप से दूर कर सकती है। आपके बच्चे को लगेगा कि उसके माता-पिता उससे नहीं बल्कि उसके साथ के बच्चों को ज्यादा पसंद करते हैं।