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रेलवे ने रद्द कीं 9000 ट्रेनें, जानिये क्या रही इसकी वजह

9000 trains canceled : भारतीय रेलवे की ओर से इस साल 9000 ट्रेनें रद्द की गई हैं। बात करें मई महीने की तो मई में 1934 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। आईये जानते हैं भारतीय रेलवे की ओर से इसकी क्या वजह बताई गई है। 

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HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। भारतीय रेलवे ने इस वर्ष करीब 9000 ट्रेनें रद्द (Trains canceled) की हैं। इनमें से लगभग 1900 ट्रेनें तो सिर्फ पिछले तीन महीनों में कोयले की ढुलाई (coal transportation) के मकसद से रद्द की गईं।

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इस बात का खुलासा एक RTI से हुआ है, इस RTI को चंद्र शेखर गौर ने फाइल किया था। उनकी आरटीआई (RTI) पर रेलवे ने कहा है कि 6995 ट्रेनें तो मेंटेनेंस (Maintenance) और कंस्ट्रक्शन (construction) की वजह से रद्द की गईं हैं। वहीं1934 ट्रेनें मार्च से मई महीने के बीच (between March to May) कोयला ढुलाई के मकसद से कैंसिल की गईं थीं।

देश में हो गया था कोयले का संकट


Railway ने कोयला संकट की वजह से पिछले दिनों कई ट्रेनों को रद्द किया गया था ताकि उनकी जगह कोयले से भरी मालगाड़ी (freight train) चलाई जा सके और कोयला संकट से निपटा जा सके। 
कोयला संकट के चलते देश भर में बिजली संकट (power crisis) हो गया था और कटौती बहुत ज्यादा होने लगी थी, क्योंकि बिजली बनाने के लिए कोयला के स्टॉक (coal stocks) खत्म हो रहा था। ऐसे में पैसेंजर ट्रेन (passenger train) की रेक्स को कोयले से भरी मालगाड़ी चलाने के लिए प्रयोग किया गया था।

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नई ट्रेनें नहीं चलाई जाने से रेल यात्री (rail passenger) हो रहे परेशान


जनवरी और फरवरी के दौरान कोयले की ढुलाई के लिए कोई भी ट्रेन रद्द (train canceled) नहीं की गई। पिछले 3 महीनों में कोयले की ढुलाई के मकसद (purpose of transporting coal) से 880 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें और 1054 पैसेंजर ट्रेनें रद्द (Passenger trains canceled) की गईं। भारतीय रेलवे अभी भी लोगों को कनफर्म टिकट (confirm ticket) उपलब्ध कराने में बहुत अधिक संघर्ष कर रहा है। इसकी एक वजह तो ये है कि ट्रेनों की कमी (lack of trains) है और दूसरी वजह ये है कि नई ट्रेनें नहीं चलाई (no new trains) गई हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेनों की डिमांड पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बुहत बढ़ी है।


ट्रेन की वेटिंग लिस्ट (waiting list)का नहीं निकला कोई समाधान


साल 2021-22 की अवधि को देखें तो करीब 1.60 करोड़ यात्रियों (passengers) ने टिकट तो खरीदी, लेकिन वह वेटिंग लिस्ट में रहे। इसकी एक बड़ी वजह ट्रेनों की कमी बताई जा रही है। आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में यात्रियों (rail passengers) की संख्या 8.4 अरब रही और वेटिंग लिस्ट में औसत कमी 8.9 फीसदी रही। 
व्यस्त सीजन के दौरान 13.3 फीसदी रेलवे यात्रियों को कनफर्म टिकट (confirm ticket) नहीं मिली है। मई 2022 में कोयले को प्राथमिकता देते हुए Indian Railways ने करीब 131.6 मीट्रिक टन कोयले की रेकॉर्ड ढुलाई की।


ये ट्रेनें रहेंगी रद्द


रेलवे ने यह भी कहा कि अगले कुछ सालों में 58 सुपर क्रिटिकल (super critical) और 68 क्रिटिकल प्रोजेक्ट (Railway Critical Project) बनने हैं। इन प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये है। ऐसे में मेंटेनेंस और कंस्ट्रक्शन (Maintenance and construction) को प्राथमिकता देनी होगी, जिससे कई ट्रेनें रद्द (Trains canceled) होंगी।

RTI के अनुसार भारतीय रेलवे ने जनवरी से मई के बीच 3395 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द (Mail/Express trains canceled) कीं। वहीं इस दौरान मेंटेनेंस और कंस्ट्रक्शन (Maintenance and construction) के कारण 3600 पैसेंजर ट्रेनों को कैंसिल किया गया है।