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Rapid Rail facilities यात्रियों को रैपिड रेल में मिलेगी बिजनेस क्लास कोच की सुविधा, पुश बटन से खुलेंगे दरवाजे

रेलवे यात्रियों को जल्द ही रैपिड रेल (rapid rail) की सुविधा मिलने वाली है। जिसके चलते यात्रियों को रैपिड रेल में लाजवाब सुविधाओं की सौगात मिलेगी। ताजा जानकारी के अनुसार यात्रियों को रैपिड रेल में बिजनेस क्लास कोच (business class coach) और पुश बटन से दरवाजे खोलने की सुविधा भी मिलने वाली है। आइए नीचे खबर में जानते है रैपिड रेल से जुड़ी अन्य सुविधाओं के बारे में 
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Rapid Rail Latest Updates: देश को जल्द ही पहली रैपिड रेल की सौगात मिलने वाली है. दिल्ली से मेरठ के बीच 82.5 किमी लंबे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) पर जल्द ही ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी. आरआरटीएस को दुनिया का सबसे हाइटेक रैपिड रेल प्रोजेक्ट बताया जा रहा है. रैपिड रेल का ट्रायल शुरू हो चुका है और मार्च 2023 से ट्रेनें चलाई जाने की उम्मीद है. ऐसे में लोगों के बीच उत्सुकता है कि ये ट्रेनें कैसी होंगी. इनकी क्या खूबियां होंगी. चलिए जानते हैं रैपिड रेल के बारे में.


- आरआरटीएस ट्रेन के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2x2 सीटें होंगी. इसके अलावा, यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे.
- ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी. इसके एनर्जी की भी बचत होगी. 

- आरआरटीएस ट्रेनों में विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें होंगी. इसके अलावा, बिजनेस क्लास का कोच भी होगा. हर ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच होगा. इन विशेष कोच में प्लेटफॉर्म से ही एक विशेष लाऊंज के जरिए एंट्री होगी. इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड रहेगा


- प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा. 


कब से चलेगी ट्रेनें? 
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा. हालांकि, इससे पहले कम दूरी के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा. बताया जा रहा कि पहले फेज का सफर मार्च 2023 से शुरू हो जाएगा. शुरुआत में ट्रेन का सफर साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का होगा. हालांकि, प्रोजेक्ट जैसे-जैसे पूरा होगा, ये दूरी बढ़ती चली जाएगी.  

क्या हैं कोरिडोर की खूबियां?
इस कॉरिडोर पर ट्रेनें अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. हालांकि, इनकी औसत रफ्तार 100 किमी प्रति की होगी. 6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. हालांकि, साइड से यह मेट्रो की तरह नजर आती है.  इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में. पूरी तरह बनने के बाद दिल्ली से मेरठ की यात्रा करने में महज 50 मिनट का समय लगेगा. 


कौन-कौन से स्टेशन होंगे?
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर स्टेशन होंगे-जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम. दिल्ली में इस कॉरिडोर में जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार चार स्टेशन हैं. इनमें से सिर्फ आनंद विहार स्टेशन अंडरग्राउंड है. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रैपिड  रेल नेटवर्क के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए समानान्तर दो टनल का बनाए जा रहे हैं. मेरठ और दुहाई में ट्रेनों के रखरखाव के लिए डिपो बनाए जा रहे हैं.