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Supreme Court Decision : सुप्रीम कोर्ट ने ले लिए ऐतिहासिक फैसला, हिंदी सहित 10 भाषाओँ में होगा 1000 से ज्यादा फैसलों का अनुवाद

26 जनवरी वाले दिन सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले सब तक आसानी से पहुंचे इसके लिए कोर्ट ने हिंदी सहित 10 भाषाओँ में इन्हे अनुवाद करने का निर्णय किया है।  क्या होगा इससे फायदा, आइये जानते हैं 

 
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Supreme Court Decision

HR Breaking News, New Delhi : मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद कराकर वेबसाइट पर अपलोड कराने का ऐलान किया था. अब इस दिशा में सर्वोच्च न्यायालय ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को एक हजार से अधिक फैसलों का 10 भाषाओं में अनुवाद जारी कर दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से ये भी कहा गया है कि भाषाओं का दायरा अभी और बढ़ाया भी जाएगा. चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले कहा है कि अन्य महत्वपूर्ण और मील का पत्थर माने जाने वाले फैसलों के अनुवाद का काम तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदी के अलावा इन फैसलों का अनुवाद पूर्वी और पूर्वोत्तर की भाषाओं जैसे उड़िया, असमी, खासी, गारो, पंजाबी, नेपाली और बांग्ला में भी किया जा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक अयोध्या के काफी पुराने राम जन्मभूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुवाद का काम भी तेजी से चल रहा है. सूत्र बताते हैं कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की विशेष पीठ के फैसले का अनुवाद भी काफी हद तक पूरा हो गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र गोवा बार काउंसिल के कार्यक्रम में कहा था कि शीर्ष अदालत के निर्णयों का हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा. सीजेआई के इस ऐलान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वागत किया था. हाल ही में सीजेआई ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले अंग्रेजी में होते हैं और इसे 99.9 फीसदी जनता समझ नहीं पाती.

सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुवाद के लिए एक कमेटी के गठन का भी ऐलान किया था. जस्टिस अभय ओका को इस कमेटी की कमान सौंपी गई है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था कि ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हिंदी के साथ ही गुजराती, उड़िया और तमिल भाषा में अनुवाद सुनिश्चित करेगी. कोर्ट के फैसलों के अनुवाद का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.