ये तरीके EMI के बोझ से बचने में करेंगे मदद, लोन लेने से पहले जान लें ये बातें
HR Breaking News, Digital Desk- त्योहारी सीजन में RBI एक बार फिर झटका दे सकता है। अर्थशास्त्रियों का मनना है कि महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सितंबर की मौद्रिक पॉलिसी में एक बार फिर से रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है। सितंबर में आरबीआई की मौद्रिक समिति की बैठक 28 सिंतबर से 30 सितंबर के बीच है।
दरअसल, एक बार फिर खुदरा महंगाई अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी, जबकि जुलाई के महीने में यह 6.71 प्रतिशत थी। अगर RBI ऐसा करता है तो उसका सीधा असर होम लोन और ईएमआई पर पड़ेगा और ये महंगे हो जाएंगे। अगर आप पहले से लोन ले चुके हैं तो आप अपने EMI के बोझ से खुद को ऐसे बचा सकते हैं।
अपनी ईएमआई को बढ़ाएं इससे होगा फायदा-
अगर संभव है तो आप अपनी EMI राशि में बढ़ोतरी करें। इससे आपको अधिक ब्याज देने से छुटकारा मिल जाएगा। मान लीजिए आपकी EMI राशि 30,000/- रूपये प्रति महीना है, लेकिन आप 40,000/- रूपये महीने का भुगतान करते हैं, तो अतिरिक्त 10,000/- रूपये आपके मूल राशि में ही एडजस्ट हो जाएगा। इससे आपकी EMI जल्द पूरी हो सकेगी।
हर साल अपने बकाया लोन के 5 फीसदी के बराबर करें प्री-पेमेंट-
लोन चुकाने की अवधि, बकाया मूल रकम और कुल मिलाकर ब्याज के भुगतान को कम करने के लिए प्री-पेमेंट एक प्रभावशाली तरीका है। अगर आपको कंपनी से कभी इंक्रीमेंट, बोनस या कोई अन्य अचानक मिलने वाली सरप्लस रकम मिलती है तो आप उसका इस्तेमाल तत्काल अपने लोन का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। यह आपके लिए आगे बहुत फायदा पहुंचाएगा।
होम-लोन प्री-पेमेंट से आप आंशिक रूप से अपने लोन का पेमेंट कर सकते हैं या फिर लोन सर्विस के दौरान पूरी तरह से लोन को सबमिट कर सकते हैं। अगर आपकी लोन अवधि हाल ही में शुरू हुई है, तो हर साल अपने कुल बकाया लोन के 5 फीसदी के बराबर के अमाउंट का पेमेंट करके लोन को कम करने के सिस्टेमैटिक एप्रोच को फॉलो कर सकते हैं।
Home-Car Loan लेने वालों को एक और झटका-
त्योहारी सीजन में घर, कार या लोन लेकर कंज्यूमर ड्यूरेबल के दूसरे सामान खरीदने वालों को एक और झटका लग सकता है। दरअसल, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर कर सकता है।
महंगाई लगातार रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है जिसके मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में तीन बार में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। ऐसा करने से तमाम बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे जिससे सभी तरह के लोन लेना महंगा हो जाएगा। पहले से लोन लिए लोगों पर बढ़ी ब्याज दर का बोझ बढ़ेगा। उनकी EMI में बढ़ोतरी होगी।